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गांधी

31 जनवरी 2015
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0 जनवरी - स्वर्गीय मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या की वर्षगांठ पर , मुझे लगता है की मेरे बचपन से अब तक जो उलझने थीं और स्वर्गीय गांधी से मेरे प्रश्न थे , कागज़ पर उतारने के लिए ये एक अच्छा दिन है !!!!!! मुझे विश्वास है की आधुनिक भारत के कथित रूप से सर्वमान्य , प्रभावशाली और अहिंसक मानव होने के बावजूद आ

दिशाहीन समाज !!

27 जनवरी 2015
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मेरी हर दूसरे दिन किसी भारतीय पर्टयक से बहस होती है , अंत या तो कुतर्क से होता है या चुप्पी से , बात राजनीती से शुरू होती है और ख़त्म होती है समाज पर आ कर ! अब मोदी आ गया है सुधार तो पक्का होगा जी !!!! मैं पूछता हूँ ,कैसे साहब ? रिशवत तो आप और मैं लेते और देते हैं , यातायात के नियम हम तोड़ते हैं मोदी

अराजक केजरीवाल !!!

27 जनवरी 2015
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मेरे एक मित्र ने टिप्पणी की शायद किरण बेदी ये सोचती हैं की केजरीवाल से बहस सिवाय तमाशे के कुछ नहीं होगी शायद इससे लोकतंत्र को अधिक मजबूती मिलती !अरविंद केजरीवाल ईमानदार नागरिक हैं इसमें कोई शक नहीं , पर अगर आप उनके इतिहास पर निगाह डालें तो उनकी ईमानदारी समय के साथ नकली होती चली गयी सी लगती हैं , उनक

अभी की बात

27 जनवरी 2015
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थोड़ा कठिन है कांग्रेस के लिए ये स्वीकार करना कि सोनिया गांधी के १० जनपथ के अंदरुनी सिस्टम , भाषणों के रचनाकार राजगुरु और पार्टी लाइन या विचारधारा की कट्टर वकालत करने वाले जनार्दन दिवेदी ने किसी इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी को भारतीयता का सम्पूर्ण सिम्बल कहा ! इस बात को दिग्विजय सिंह कहते तो मैं ये मानत

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