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दिशाहीन समाज !!

27 जनवरी 2015

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मेरी हर दूसरे दिन किसी भारतीय पर्टयक से बहस होती है , अंत या तो कुतर्क से होता है या चुप्पी से , बात राजनीती से शुरू होती है और ख़त्म होती है समाज पर आ कर ! अब मोदी आ गया है सुधार तो पक्का होगा जी !!!! मैं पूछता हूँ ,कैसे साहब ? रिशवत तो आप और मैं लेते और देते हैं , यातायात के नियम हम तोड़ते हैं मोदी नहीं ! सरकार को टैक्स न चुकाने के रस्ते हम ढूंढते हैं , दूध में डिटर्जेंट पाउडर यूरिया हम मिलते हैं चलती ट्रेन से बुजुर्ग औरत को धक्का हम देते हैं मोदी नहीं , मोदी हमारे अंदर का लॉजिक कार्ड तो बदलने से रहा , वो रास्ता बताएगा चलना तो हमें ही है , और मोदी कुछ नया तो बताएगा नहीं , बचपन से वही पढ़ा है की सद्कर्म करो सच्चा समाज बनेगा , नीतियों का पालन करो , अगर मैंने ठीक पढ़ा है तो हर वेद और पुराण में श्रीमद भगवद गीता में भी यही लिखा है , मोदी भी उन्हें ही मानता है और हमें भी उसको मानना चाहिए जवाब आता है - नहीं नहीं भाई साहब आप तो प्रवचन देने लगे ये सब लिखित नीतियां हैं , दुनिया तो दुनिया के तरीके से चलती है ( ?????) जब नेता ठीक हो तो जनता ठीक चलती है , अब आप देखना सुधर हो ही जायेगा ! मैं चुप्प !!!!! करीब करीब एक साल हो गया सही नेता आये पर सुधर ससुरा रस्ते में है शायद ! लोग स्वयं को नहीं बदलेंगे और आखिर में घड़ा ठीकरा मोदी के सर पर फूटेगा की ससुरे को कुछ भी न आता था खामखाह ही चुन लिया ! आज समाज की दिशा की बानगी कुछ यूँ देखिये 10/01/2015 को मुंबई की लोकल ट्रैन से एक बुजुर्ग औरत को किसी बदबख्त ने धक्का दे दिया , मरने की हालत में बुढ़िया अस्पताल में है कहने की जरुरत नहीं की उसने कुछ भी किया हो पर अपराध ट्रेन से धक्के के लायक नहीं ही होगा ! दूसरी बात मुझे और भी ज्यादा व्यथित करती है आज के जवान होते नागरिकों की मानसिकता और मनस्थिति पर !!!! कोई लड़की किसी की गर्लफ्रेंड नहीं रही या नहीं बनी, तो तेजाब , बलात्कार या सरेआम ये जिल्लत!!! , ये मुझे किसी ने व्हाट अप्प्स पर भेजा , देख के निश्चित रूप से दुखी हुआ कुछ समय से ऐसे वीडियो भी देख रहा हूँ जिनमे कोई युगल अंतरंग सम्बन्ध बनाते हुए पकड़ा जाता है और कुछ लोग गन्दी गलियां बकते हुए उन्हें पीटते हुए नंगा कर उनका वीडियो बना कर व्हाट अप्प्स पर भेजते हैं , कारन वही है मैं क्या बुरा था जो इसके साथ आई ? वो लड़की जो अपनी मर्जी से किसी के साथ आई है उसको नंगा कर गिड़गिड़ाते हुए देखने और हसने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है और यही चिंता है इस समाज के लिए , बदलिये, शिक्षा और शिक्षित होने मतलब यही है दूसरों की रक्षा सम्मान और समाज के लिए योगदान वो भी उसके उतथान के लिए , पतन तो सर्वत्र हो रहा , आज तो मोदी है , कल वो भी नहीं रहेगा !
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अभी की बात

27 जनवरी 2015
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थोड़ा कठिन है कांग्रेस के लिए ये स्वीकार करना कि सोनिया गांधी के १० जनपथ के अंदरुनी सिस्टम , भाषणों के रचनाकार राजगुरु और पार्टी लाइन या विचारधारा की कट्टर वकालत करने वाले जनार्दन दिवेदी ने किसी इंटरव्यू में नरेंद्र मोदी को भारतीयता का सम्पूर्ण सिम्बल कहा ! इस बात को दिग्विजय सिंह कहते तो मैं ये मानत

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अराजक केजरीवाल !!!

27 जनवरी 2015
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मेरे एक मित्र ने टिप्पणी की शायद किरण बेदी ये सोचती हैं की केजरीवाल से बहस सिवाय तमाशे के कुछ नहीं होगी शायद इससे लोकतंत्र को अधिक मजबूती मिलती !अरविंद केजरीवाल ईमानदार नागरिक हैं इसमें कोई शक नहीं , पर अगर आप उनके इतिहास पर निगाह डालें तो उनकी ईमानदारी समय के साथ नकली होती चली गयी सी लगती हैं , उनक

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दिशाहीन समाज !!

27 जनवरी 2015
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मेरी हर दूसरे दिन किसी भारतीय पर्टयक से बहस होती है , अंत या तो कुतर्क से होता है या चुप्पी से , बात राजनीती से शुरू होती है और ख़त्म होती है समाज पर आ कर ! अब मोदी आ गया है सुधार तो पक्का होगा जी !!!! मैं पूछता हूँ ,कैसे साहब ? रिशवत तो आप और मैं लेते और देते हैं , यातायात के नियम हम तोड़ते हैं मोदी

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गांधी

31 जनवरी 2015
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0 जनवरी - स्वर्गीय मोहनदास करमचंद गांधी की हत्या की वर्षगांठ पर , मुझे लगता है की मेरे बचपन से अब तक जो उलझने थीं और स्वर्गीय गांधी से मेरे प्रश्न थे , कागज़ पर उतारने के लिए ये एक अच्छा दिन है !!!!!! मुझे विश्वास है की आधुनिक भारत के कथित रूप से सर्वमान्य , प्रभावशाली और अहिंसक मानव होने के बावजूद आ

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