दिशाहीन समाज !!
मेरी हर दूसरे दिन किसी भारतीय पर्टयक से बहस होती है , अंत या तो कुतर्क से होता है या चुप्पी से , बात राजनीती से शुरू होती है और ख़त्म होती है समाज पर आ कर !
अब मोदी आ गया है सुधार तो पक्का होगा जी !!!!
मैं पूछता हूँ ,कैसे साहब ? रिशवत तो आप और मैं लेते और देते हैं , यातायात के नियम हम तोड़ते हैं मोदी