और क्या मँगोगे ?महावत से हाथी , तालाब से कमल, किसान से हल,मजदूर से साईकिल, आदिवासियों से तीर कमान, दार्जलिंग से चाय पत्ती, मानव से हाथ, गाँव से लालटेन, आसमान से चाँद तारे रंग चुराए प्रकृति से , यह राजनेता भी कितने अजीब हैं कहते हैं करते नहीं हर चुनाव मे एक नई मुसीबत मांग लेते हैं पूरा नहीं करते।1