और क्या मँगोगे ?
महावत से हाथी , तालाब से कमल, किसान से हल,मजदूर से साईकिल, आदिवासियों से तीर कमान, दार्जलिंग से चाय पत्ती, मानव से हाथ, गाँव से लालटेन, आसमान से चाँद तारे रंग चुराए प्रकृति से , यह राजनेता भी कितने अजीब हैं कहते हैं करते नहीं हर चुनाव मे एक नई मुसीबत मांग लेते हैं पूरा नहीं करते।
1 (रोटी, कपड़ा और मकान) परबाबा
2 (रोटी, कपड़ा, मकान और शिक्षा) बाबा
3 ( रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, और स्वस्थ) दादा
4 (रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वस्थ और नौकरी ) पापा
5 (रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वस्थ, नौकरी और पानी ) युवा
6 ( रोटी, कपड़ा, मकान, शिक्षा, स्वस्थ, नौकरी, पानी और मौत) पर पोता
आने वाले समय मे कुछ नहीं रह जाएगा मानव एक दूसरे को नोच-नोच के खाएगा।
और क्या मँगोगे? आने वाले समय मे सामने वाले को नोच के खाओगे।