बुध का कुम्भ में गोचर फाल्गुन शुक्ल अष्टमी यानी सोमवार 27 फरवरी को सायं 4:48 के लगभग बव करण और विषकुम्भ योग में बुध का गोचर कुम्भ राशि में राश्यधिपति शनि के साथ होने जा रहा है | इसी दिन से होलाष्टक
सूर्य का मकर राशि में संक्रमण 2023 माघ कृष्ण अष्टमी यानी शनिवार चौदह जनवरी को रात्रि आठ बजकर पैंतालीस मिनट के लगभग भगवान भास्कर सिंह लग्न में गुरुदेव की धनु राशि से निकल कर महाराज शनि की मकर राशि म
सूर्य का कन्या में गोचर कल यानी 16 सितम्बर, भाद्रपद शुक्ल एकादशी को अर्द्धरात्
सूर्यका सिंह में गोचरसूर्यका सिंह में गोचरकल यानी मंगलवार 17 अगस्त श्रावण शुक्ल दशमी को सूर्योदय से पूर्व (आजअर्द्धरात्र्योत्तर) एक बजकर सत्रह मिनट के लगभग कौलव करण और इन्द्र योग में सूर्यदेवअपने मित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि सिंह और मघा
तुला, वृश्चिक और धनु राशि के जातकों के लिए गुरु का मकर मेंगोचरसोमवार29 मार्च 2020, चैत्र शुक्ल षष्ठीको 27:55 (अर्द्धरात्र्योत्तर तीन बजकर पचपन मिनट) के लगभगआयुष्मान योग और कौलव करण में गुरुदेव का गोचर मकर राशि में हुआ था | लेकिन 14मई 2020 को रात्रि 7:47 केलगभग वक्री होते हुए गुरु तीस जून 2020 को सूर
कर्क, सिंह और कन्या राशियों के लिए गुरु का मकर में गोचरसोमवार29 मार्च 2020, चैत्र शुक्ल षष्ठीको 27:55 (अर्द्धरात्र्योत्तर तीन बजकर पचपन मिनट) के लगभगआयुष्मान योग और कौलव करण में गुरुदेव का गोचर मकर राशि में हुआ था | लेकिन 14मई 2020 को रात्रि 7:47 केलगभग वक्री होते हुए गुरु तीस जून 2020 को सूर्योदय स
शुक्र का तुला राशि में गोचर कल कार्तिक शुक्ल द्वितीया कौलव करणऔर सुकर्मा योग में अर्द्धरात्र्योत्तर (आज प्रातः) एक बजकर दो मिनट के लगभग समस्तसांसारिक सुख, समृद्धि,विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा मेंवृद्धि आदि का कारक शुक्र चित्रा नक्षत्र में रहत
सूर्य का वृश्चिकमें गोचरमंगलवार सोलह नवम्बर कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को प्रातः 6:54 के लगभग बव करण और अतिगण्ड योग में भगवान भास्कर विशाखा नक्षत्र पर रहतेहुए ही तुला राशि से निकल कर अपने मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिक राशि में प्रस्थानकरेंगे | चन्द्रमा के साथ साथ राहु-केतु के मध्य भी सूर्यदेव रहेंगे | अपनी
शुक्र का कन्या राशि में गोचर शुक्रवार तेईस अक्तूबर आश्विन शुक्लअष्टमी को विष्टि करण और धृति योग में प्रातः 10:45 के लगभग समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीतितथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारकशुक्र शत्रु ग्रह सूर्य की सिंह राशि से निक
सूर्य का तुलामें गोचरशनिवार 17 अक्तूबर आश्विनशुक्ल प्रतिपदा को प्रातः सात बजकर छह मिनट के लगभग किन्स्तुघ्न करण और विषकुम्भयोग में सूर्यदेव कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | तुलाराशि आत्मकारक सूर्य की नीच राशि भी होती है | भगवान भास्कर इस समय चित्रा नक्षत्रपर होंगे | साथ ही चन्
वक्री मंगल का मीन राशि में गोचरकल चार अक्तूबर अधिक आश्विन कृष्णतृतीया को प्रातः दस बजकर आठ मिनट के लगभग वणिज करण और हर्षण योग में वक्री होकर भूमिसुतमंगल का गोचर अपनी स्वयं की मेष राशि से अपने मित्र ग्रह गुरु की मीन राशि में रेवतीनक्षत्र पर होगा | चौदह नवम्बर को प्रातः लगभग छह बजकर दस मिनट से मंगल पु
शुक्र का सिंह में गोचर कोरोना महामारी का प्रकोप अभी भी थमानहीं है, किन्तु जन जीवन धीरे धीरे पटरी पर लौटने का प्रयास आरम्भकर रहा है – कुछ निश्चित और विशेष सावधानियों के साथ | इसी स्थिति में कल सोमवार, अधिक आश्विन शुक्ल द्वादशी को अर्द्धरात्र्योत्तर एक बजकर तीन मिनट केलगभग बव करण और धृति योग में समस्त
राहु केतु का वृषभ और वृश्चिकमें गोचरअभी कुछही देर पहले राहु केतु का राशि परिवर्तन हुआ है | यद्यपि कोरोना जैसी महामारी केकारण विश्व भर में सभी क्षेत्रों में अनिश्चितता की स्थिति बनी हुई है और जनसाधारण में भय भी व्याप्त है कि कब और कैसे इस आपदा से मुक्ति प्राप्त होगी | लेकिनघबराने की आवश्यकता नहीं है,
सभी बारह राशियों के लिए गुरु का मकर में गोचरआज जब सारा विश्व कोरोना वायरस के आक्रमण से जूझ रहा है ऐसे में कुछलोगों का आग्रह कि गुरु के मकर राशि में गोचर के सम्भावित परिणामों के विषय मेंलिखें – हमें हास्यास्पद लगा | किन्तु फिर भी, मित्रों केअनुरोध पर प्रस्तुत है सभी बारह राशियों पर गुरुदेव के मकर राश
शुक्र का वृषभ में गोचरशनिवार 28 मार्च, चैत्र शुक्ल चतुर्थी को विष्टि करण और विषकुम्भयोग में दिन में 3:38 के लगभग समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प,सौन्दर्य, बौद्धिकता,राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदिके कारक शुक्र का अपनी स्वयं की राशि वृषभ में प्रस्थान करेगा
मंगल का धनु में गोचरआज यानी शुक्रवार सात फरवरी माघ शुक्ल चतुर्दशी को 27:52 (कल सूर्योदय से पूर्व 3:52) के लगभग गर करण और आयुष्मान योग में मंगल अपनी स्वयं की वृश्चिक राशि से निकल कर अपने मित्र ग्रह गुरु की धनु राशि और मूल नक्षत्र पर प्रस्थान कर जाएगा | गुरुदेव जहाँ पहले से ही अपने मित्र के स्वागत के
शुक्र का मीन राशि में गोचर रविवार 2 फरवरी, माघ शुक्ल नवमी को 26:18 (अर्द्धरात्र्योत्तर दो बजकरअठारह मिनट) के लगभग बालव करण और शुक्ल योग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख,कला, शिल्प, सौन्दर्य,बौद्धिकता, राजनीति तथा समाज में मानप्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारक शुक्र अपने परम मित्र शनि
बुधका कुम्भ में गोचरआज रात्रि 26:54 (अर्द्धरात्र्योत्तरदो बजकर छप्पन मिनट) के लगभग तैतिल करण और सिद्ध योग में बुध का गोचर कुम्भ राशिमें होने जा रहा है | बुध इस समय धनिष्ठा नक्षत्र पर है तथा अस्त है | कुम्भ राशिमें निवास करते हुए बुध 4 फरवरी को शतभिषज नक्षत्र पर भ्रमणकरता हुआ 17 फरवरी को सूर्योदय से
वृश्चिक तथा धनु राशि के जातकों के लिए शनि का मकर में गोचरमाघ मास की अमावस्या को यानी शुक्रवार 24 जनवरी 2020 को दिन में नौ बजकर अट्ठावन मिनट के लगभग अनुशासन और न्याय का कारक मानाजाने वाला ग्रह शनि तीन वर्षों से भी कुछ अधिक समय गुरु की धनु राशि में व्यतीतकरके चतुष्पद करण और वज्र योग में उत्तराषाढ़ नक्ष
कन्या और तुला राशि के जातकों के लिए शनि का मकर में गोचरकल के लेख में शनि के मकर राशि में गोचर के सिंह राशि के जातकों परसम्भावित प्रभावों के विषय में चर्चा की थी, आज कन्या और तुला राशि के जातकों परशनि के मकर में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर संक्षेप में दृष्टिपात... किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम साम