आज रात्रि 26:54 (अर्द्धरात्र्योत्तर
दो बजकर छप्पन मिनट) के लगभग तैतिल करण और सिद्ध योग में बुध का गोचर कुम्भ राशि
में होने जा रहा है | बुध इस समय धनिष्ठा नक्षत्र पर है तथा अस्त है | कुम्भ राशि
में निवास करते हुए बुध 4 फरवरी को शतभिषज नक्षत्र पर भ्रमण
करता हुआ 17 फरवरी को सूर्योदय से पूर्व 6:24 के लगभग वक्री होता हुआ तीन मार्च को दिन में एक बजे के लगभग धनिष्ठा
नक्षत्र पर वापस आएगा, जहाँ से दस मार्च को प्रातः नौ बजकर उन्नीस मिनट के लगभग मार्गी
होना आरम्भ होगा | 17 मार्च को पुनः शतभिषज नक्षत्र पर आ
जाएगा, जहाँ से 31 मार्च को पूर्वा
भाद्रपद नक्षत्र पर भ्रमण करता हुआ अन्त में सात अप्रैल को दिन में दो बजकर चौबीस
मिनट के लगभग मीन राशि में प्रवेश कर जाएगा | कुम्भ राशि में प्रवेश करने के लगभग
बारह घंटे के बाद बुध उदय होगा, किन्तु उन्नीस फरवरी को 18:42
के लगभग एक बार पुनः अस्त होकर फिर तीन मार्च को प्रातः 7:47
के लगभग उदय हो जाएगा | कुम्भ राशि बुध की अपनी उच्च राशि कन्या से
छठा भाव है तथा मिथुन राशि से नवम भाव है | कुम्भ राशि के लिए बुध पंचमेश और
अष्टमेश हो जाता है | इन्हीं सब तथ्यों एक आधार पर जानने का प्रयास करते हैं कि
बुध के कुम्भ राशि में गोचर के विभिन्न
राशियों के जातकों पर क्या सम्भावित प्रभाव हो सकते हैं…
किन्तु, ये
सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी कुण्डली के विस्तृत फलादेश के
लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता अपितु उस कुण्डली का विभिन्न
सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है |
मेष : आपका
तृतीयेश और षष्ठेश का गोचर आपकी राशि से एकादश भाव में हो रहा है | उत्साह में वृद्धि के साथ ही आपके कार्य तथा आय में वृद्धि की सम्भावना है
| कुछ ऐसे नवीन कार्य भी आपको प्राप्त हो सकते हैं जिनके
कारण व्यस्त रहते हुए अर्थलाभ कर सकते हैं | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की भी
सम्भावना है | किन्तु साथ ही छोटे भाई बहनों अथवा किसी घनिष्ठ
मित्र के कारण कार्य में व्यवधान की सम्भावना से भी इन्कार नहीं किया जा सकता | जो
लोग आपसे ईर्ष्या रखते हैं उनसे एक निश्चित दूरी बनाकर चलने में ही भलाई होती है |
पॉलिटिक्स में यदि आप हैं तो आपके लिए विशेष रूप से यह गोचर अनुकूल सिद्ध हो सकता
है |
वृषभ : आपका
द्वितीयेश और पंचमेश आपकी राशि से कर्म स्थान में गोचर कर रहा है | आपके लिए यह
गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो
पदोन्नति की भी सम्भावना है | उत्साह में वृद्धि का समय भी
प्रतीत होता है | परिवार के लोगों का तथा कार्यस्थल पर
सहकर्मियों का सहयोग आपको उपलब्ध रहेगा | आपका अपना कार्य है तो उसमें उन्नति के
साथ ही आप कोई अन्य कार्य भी आरम्भ कर सकते हैं | मित्रों का सहयोग आपको प्राप्त
रहेगा | नौकरी में हैं तो पदोन्नति की सम्भावना भी है | सन्तान के स्वास्थ्य का
ध्यान रखने की आवश्यकता है |
मिथुन : आपका
लग्नेश तथा चतुर्थेश होकर बुद्ध आपका योगकारक बन जाता है और आपकी राशि से नवम भाव
में गोचर कर रहा है | आपके लिए विशेष रूप से भाग्यवर्द्धक
समय प्रतीत होता है | आपकी निर्णायक क्षमता में वृद्धि के साथ ही कार्य में प्रगति
की तथा आर्थिक स्थिति में दृढ़ता की सम्भावना भी है | आप इस अवधि में तीर्थयात्रा
आदि का कार्यक्रम भी बना सकते हैं | परिवार के लोगों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा
| आप अपने लिए कोई नया घर भी इस अवधि में खरीद सकते हैं अथवा खरीदने की योजना बना
सकते हैं | अध्ययन अध्यापन तथा बेंकिंग अथवा मेडिकल के क्षेत्र से सम्बन्ध रखने
वालों के लिए गोचर अनुकूल प्रतीत होता है |
कर्क : आपके
लिए द्वादशेश और तृतीयेश होकर बुध आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | जिन
लोगों का कार्य किसी भी प्रकार से विदेशों से सम्बन्ध रखता है उनके लिए यह गोचर
अत्यन्त भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | उनके लिए में प्रगति तथा उसके माध्यम से
अर्थलाभ की सम्भावना प्रतीत होती है | यात्राओं में वृद्धि की भी सम्भावना है |
तुकी हुई पेमेण्ट भी इस अवधि में प्राप्त हो सकती है | नौकरी में पदोन्नति के साथ
ही ट्रांसफर की सम्भावना भी है | किन्तु साथ ही छोटे भाई बहनों के कारण किसी प्रका
का तनाव भी सम्भव है जिसके कारण स्वास्थ्य पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है |
सिंह : आपके
लिए द्वितीयेश और एकादशेश होकर बुध का गोचर आपकी राशि से सप्तम भाव में हो रहा है |
आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | कार्य की अधिकता होने के
साथ ही आर्थिक स्थिति में भी दृढ़ता की सम्भावना की जा सकती है | किसी मित्र के
माध्यम से आपको कुछ नवीन कार्य प्राप्त हो सकते हैं जो आपके लिए हित में रहेंगे |
साथ ही यदि अविवाहित हैं तो इस अवधि में अपने किसी मित्र अथवा किसी सहकर्मी के साथ
आप Romantically Involve हो सकते हैं, जो समय आने पर विवाह
सम्बन्ध में भी परिणत हो सकता है | किन्तु आपको अपने स्वभाव और वाणी पर नियन्त्रण
रखने की आवश्यकता है | साथ ही दूसरों के मामलों में हस्तक्षेप का आपका स्वभाव आपके
सम्बन्धों के लिए हानिकारक सिद्ध हो सकता है |
कन्या : आपका
राश्यधिपति तथा दशमेश बुध आपके लिए योगकारक बन जाता है तथा इस समय आपकी राशि से छठे
भाव में गोचर कर रहा है | इस अवधि में आपकी निर्णायक क्षमता स्पष्ट बनी रहेगी जिसका
लाभ आपको अपने कार्यक्षेत्र में प्राप्त हो सकता है | आप
अपने लक्ष्य के प्रति दृढ संकल्प रहेंगे | कार्यस्थल पर
सहकर्मियों का सहयोग आपको प्राप्त रहेगा | किसी पुराने मित्र से फिर से सम्पर्क हो
सकता है, जो आपके कार्य की दृष्टि से अनुकूल सिद्ध हो सकता
है | किन्तु साथ ही अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखने की भी आवश्यकता है | सरदर्द,
जोड़ों तथा माँसपेशियों में दर्द की समस्या हो सकती है | डॉक्टर के बताए विटामिन्स आदि समय पर लेते रहेंगे और व्यायाम को अपनी
दिनचर्या का अंग बना लेंगे तो बहुत सी समस्याओं से बचे रह सकते हैं |
तुला : आपका
द्वादशेश और भाग्येश आपके पंचम भाव में गोचर कर रहा है | आपके
लिए कार्य की दृष्टि से तथा आर्थिक दृष्टि से यह गोचर अत्यन्त अनुकूल प्रतीत होता
है | आप इस अवधि में अपने कार्य से सम्बन्धित किसी प्रकार का
Short Term Advance Course भी कर सकते हैं | इसके अतिरिक्त
अपनी सन्तान को भी किसी कोर्स के लिए भेज सकते हैं | साथ ही यदि आप लेखक अथवा
वक्ता हैं तो आपको सिमेनार्स आदि में अपना शोध पत्र प्रस्तुत करने का अवसर प्राप्त
हो सकता है | आपके रुके हुए कार्य इस अवधि में पूर्ण होकर
आपको उनका अनुकूल पारिश्रमिक भी इस अवधि में प्राप्त होने की सम्भावना है |
धार्मिक गतिविधियों में वृद्धि की समभावना है |
वृश्चिक : आपका
एकादशेश और अष्टमेश आपकी राशि से चतुर्थ भाव में गोचर कर रहा है | आपको अपने कार्य में अपने माता पिता का सहयोग निरन्तर प्राप्त रहेगा |
आपके कार्य में तथा आर्थिक स्थिति में लाभ और वृद्द्धि की सम्भावना
इस अवधि में की जा सकती है | कार्य से सम्बन्धित व्यस्तताओं
के कारण सम्भव है आप परिवार पर अधिक ध्यान न दे पाएँ | किन्तु
आपके लिए इस समय अपने कार्य पर एकाग्रचित्त रहने का समय है जिसका भविष्य में भी
आपको लाभ हो सकता है | आपके प्रभावशाली व्यक्तित्व का लाभ
आपको अपने कार्य में मिलने की सम्भावना है | साथ ही स्वास्थ्य का ध्यान रखने की
आवश्यकता है |
धनु : आपका
सप्तमेश और दशमेश होने के कारण आपकी राशि के लिए योगकारक बुध आपके तीसरे भाव में गोचर
कर रहा है | सम्भव है आपके कार्य में किसी प्रकार के व्यवधान
का अनुभव आपको हो, किन्तु यह अस्थाई है | यदि आप दस्तकार हैं
अथवा लेखक हैं तो आपके लिए यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आपकी कला की तथा आपके
लेखन की प्रशंसा होगी और इसका लाभ भी आपको प्राप्त होगा | सामाजिक गतिविधियों में
वृद्धि के साथ ही मान सम्मान में भी वृद्धि की सम्भावना की जा सकती है | साथ ही
आपके जीवन साथी के लिए यह गोचर भाग्यवर्द्धक प्रतीत होता है | आप अपने जीवन साथी
के साथ कहीं भ्रमण के लिए भी जा सकते हैं |
मकर : आपका
षष्ठेश और भाग्येश आपके दूसरे भाव में गोचर कर रहा है | आपकी
निर्णायक तथा प्रतियोगी क्षमताओं में वृद्धि के साथ ही आपके कार्य की दृष्टि से भी
यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | आप यदि मीडिया या किसी
प्रकार की Alternative Therapy से सम्बन्ध रखते हैं अथवा
लेखन के क्षेत्र में हैं या वक्ता हैं तो आपके लिए आर्थिक लाभ तथा पुरूस्कार आदि
प्राप्त होने के संकेत हैं | आपके कार्यों की सराहना होगी और
आपकी योजनाओं को क्रियान्वित भी किया जा सकता है | नौकरी में पदोन्नति के भी संकेत
हैं | राजनीति से जुड़े लोगों के लिए भी यह गोचर भाग्यवर्द्धक
प्रतीत होता है | वाणी पर नियन्त्रण रखने की आवश्यकता है |
कुम्भ : आपकी
राशि से पंचमेश और अष्टमेश का गोचर आपकी लग्न में ही गोचर कर रहा है | आपका अपना व्यवसाय है तो उसमें उन्नति के संकेत हैं | कोई नया कार्य भी इस अवधि में आरम्भ कर सकते हैं | पार्टनरशिप में कार्य
आरम्भ करने के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है | नौकरी में हैं तो उसमें भी
पदोन्नति की सम्भावना की जा सकती है | नौकरी की तलाश में हैं
तो वह भी इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | सामाजिक गतिविधियों
में वृद्धि की भी सम्भावना है | लोग आपके कार्यों की प्रशंसा
करेंगे और अपने कार्य के लिए आपको किसी प्रकार का पुरूस्कार और सम्मान आदि भी
प्राप्त हो सकता है | किन्तु साथ ही विरोधियों की ओर से सावधान रहने की भी
आवश्यकता है |
मीन : आपकी
राशि से चतुर्थेश और सप्तमेश होकर बुध आपके लिए योगकारक है तथा इस समय इसका गोचर आपके
बारहवें भाव में हो रहा है | कार्य के सिलसिले में अथवा उच्च
शिक्षा प्राप्त करने के लिए विदेश जा सकते हैं | किन्तु सम्भव है ये यात्राएँ आपके
लिए मनोनुकूल न रहे | नौकरी में हैं तो किसी अधिकारी के रिटायर होने के कारण आपकी
उसके स्थान पर पदोन्नति के साथ ही किसी दूर के शहर में आपका ट्रांसफर भी हो सकता
है | किसी मित्र को पैसा उधार देना इस अवधि में उचित नहीं
रहेगा | साथ ही आपके स्वयं के स्वास्थ्य सम्बन्धी समस्याओं
पर पैसा भी खर्च हो सकता है | अचानक ही किसी ऐसे स्थान पर
जाने का कार्यक्रम बन सकता है जहाँ आप बहुत पहले जाना चाहते थे किन्तु जा नहीं पा
रहे थे | पारिवारिक कलह की ओर से साबधान रहने की आवश्यकता है |
अन्त में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते ही रहते हैं | सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें यही कामना है…