शनि का मकर में गोचरकल के लेख में शनि के मकर राशि में गोचर के समय आदि के विषय में चर्चा कीथी, आज सभी राशियों पर शनि के मकर में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर चर्चा...किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसीकुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाताअपितु उस कुण्
मंगल का वृश्चिक में गोचरवर्ष 2019 केसप्ताहान्त में बहुत महत्त्वपूर्ण गोचर हो रहा है - बुधवार 25 दिसम्बर पौष अमावस्या यानी कल रात्रि 9:29 के लगभग विशाखानक्षत्र पर भ्रमण करते हुए चतुष्पद करण और गण्ड योग में मंगल शुक्र की तुला राशिसे निकल कर अपनी स्वयं की राशि वृश्चिक में प्रस्थान कर जाएगा | यहाँ भ्रमण
सूर्य का धनु राशि में गोचर सोमवार 16 दिसम्बर यानी पौष कृष्ण पञ्चमी को कौलव करण औरवैधृति योग में दिन में 3:28 के लगभग पर सूर्य का संक्रमणधनु राशि में और मूल नक्षत्र पर हो जाएगा | धनु राशि में भ्रमण करते हुए भगवानभास्कर 29 दिसम्बर को पूर्वाषाढ़ और ग्यारह जनवरी कोउत्तराषाढ़ नक्षत्र पर विचरण करते हुए अन्त
शुक्र का मकर राशि में गोचर पौष कृष्णचतुर्थी यानी पन्द्रह दिसम्बर को बव करण और इन्द्र योग में सायं 5:59 के लगभग समस्तसांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प,सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीतितथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारक शुक्र धनु राशि से निकल करअपने परम मित्र ग्रह शनि की म
शुक्र का धनु राशि में गोचर मार्गशीर्ष कृष्ण दशमी (सूर्योदय कालमें नवमी तिथि है किन्तु 11:29 पर दशमी तिथिलग जाएगी) यानी कल दिन में बारह बजकर तेईस मिनटके लगभग वणिज करण और वैधृति योग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प,सौन्दर्य, बौद्धिकता,राजनीति तथा समाज में मान प्रतिष्ठा मे
सूर्य का वृश्चिक में गोचरकल मार्गशीर्ष कृष्ण पञ्चमी यानी शनिवार को 24:51 (अर्द्धरात्र्योत्तरबारह बजकर इक्यावन मिनट) के लगभग भगवान भास्कर विशाखा नक्षत्र पर रहतेहुए ही कौलव करण और साध्य योग में तुला राशि से निकल कर अपने मित्र ग्रह मंगल की वृश्चिकराशि में प्रस्थान करेंगे | अपनी इस यात्रा के दौरान आत्मा
मंगल का तुला में गोचरकल कार्तिक शुक्लत्रयोदशी को दिन में दो बजकर चौबीस मिनट के लगभग मंगल चित्रा नक्षत्र पर भ्रमण करतेहुए तैतिल करण और सिद्ध योग में अपने शत्रु ग्रह बुध की राशि कन्या से निकल करशुक्र की तुला राशि में प्रस्थान कर चुका है | यहाँ कुछ दिन वहाँ बुध और सूर्य कासाथ भी रहेगा | तुला राशि में भ
गुरु का धनु में गोचर देवगुरुबृहस्पति की उपासना ज्ञान, विज्ञान, बुद्धि, धर्म और अध्यात्म के साथ-साथ भाग्य वृद्धि, विवाहतथा सन्तान सुख की प्राप्ति के लिए की जाती है | किसीव्यक्ति की कुण्डली में गुरु पिता का कारक भी होता है और किसी कन्या की कुण्डलीमें पति के लिए भी गुरु को देखा जाता है | साथ ही माना जा
शुक्र का वृश्चिक राशि मेंगोचर दीपावलीकी गहमा गहमी समाप्त हुई, अब दो नवम्बर को छठ पूजा का आयोजन होगा, जिसकाआरम्भ कल कार्तिक शुक्ल चतुर्थी से हो जाएगा | सभी को छठ पर्व की हार्दिकशुभकामनाएँ... इसबीच सोमवार 28 अक्तूबर को प्रातःकाल आठ बजकर बत्तीस मिनट के लगभग समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सु
बुध कावृश्चिक में गोचर आज कार्तिक कृष्ण दशमी को विष्टि करण और शुक्ल योगमें रात्रि ग्यारह बजकर बयालीस मिनट लगभग पर बुध मित्र ग्रह शुक्र की तुला राशि सेनिकलकर मंगल की वृश्चिक राशि में प्रविष्ट हो जाएगा | इसप्रवेश के समय बुध विशाखा नक्षत्र पर होगा | यहाँ से 29 अक्टूबर को अनुराधा नक्षत्र पर जाएगा | जहाँ
सूर्य का तुला में गोचरआज रात 25:03(अर्द्धरात्र्योत्तर एक बजकर तीन मिनट) के लगभग बालव करण औरव्यातिपत योग में सूर्यदेव कन्या राशि से निकल कर तुला राशि में प्रविष्ट होजाएँगे | तुला राशि आत्मकारक सूर्य की नीच राशि भी होती है | सूर्य के इस प्रस्थानके समय आश्विन कृष्ण चतुर्थी तिथि होगी तथा सूर्य चित्रा नक
शुक्र का तुला राशि में गोचर कल यानी शुक्रवार चार अक्तूबर अश्विनशुक्ल षष्ठी को सूर्योदय से पूर्व पाँच बजकर चौदह मिनट पर तैतिल करण और सौभाग्ययोग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीतितथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारकशुक्र मित्र ग्रह
मंगल का कन्या में गोचरकल 25 सितम्बरयानी आश्विन कृष्ण एकादशी को प्रातः छह बजकर चौंतीस मिनट के लगभग मंगल अपने मित्र सूर्यकी सिंह राशि से निकल कर शत्रु ग्रह बुध की राशि कन्या में प्रस्थान कर जाएगा |मंगल इस समय उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर होगा तथा अस्त होगा | इस प्रस्थान के समय बालवकरण और शिव योग होगा | क
सूर्य का कन्या में गोचरकल यानी 17 सितम्बर, आश्विन कृष्ण तृतीया को दोपहर एक बजकर तीनमिनट के लगभग विष्टि करण और ध्रुव योग में सूर्यदेव अपनीस्वयं की राशि सिंह से निकल कर कन्या राशि में प्रस्थान कर जाएँगे | अपने इस गोचरके समय सूर्य उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर होंगे,जहाँ से 27 सितम्बर को हस्त नक्षत्र और ग्
शुक्र का कन्या में गोचर मंगलवार नौ सितम्बर भाद्रपद शुक्लद्वादशी को 25:41 (अर्द्धरात्र्योत्तर एक बजकर इकतालीस मिनट के लगभग) बव करण और शोभनयोग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीतितथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि का कारकशुक्र शत्रु ग्रह स
बुध का सिंह में गोचर सर्वप्रथमसभी को श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएँ… सोमवार 26 अगस्त यानीभाद्रपद कृष्ण एकादशी को बव करण और सिद्धि योग में दिन में दो बजकर सात मिनट केलगभग बुध अपने शत्रु ग्रह चन्द्रमा की कर्क राशि से निकल कर अपने मित्र ग्रह सूर्यकी सिंह राशि और मघा नक्षत्र पर गोचर कर जाएग
सूर्य का सिंह में गोचरकल भाद्रपद कृष्ण द्वितीया यानी 17 अगस्तको दिन में एक बजकर तीन मिनट के लगभग गर करण और अतिगण्ड योग में सूर्यदेव अपनेमित्र ग्रह चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर अपनी स्वयं की राशि सिंह और मघा नक्षत्रमें प्रस्थान कर जाएँगे | यहाँ भ्रमण करते हुए 31 अगस्त को पूर्वा फाल्गुनीनक्षत्र और च
शुक्र का सिंह में गोचर शुक्रवार सोलह अगस्त यानी भाद्रपदकृष्ण द्वितीया को तैतिल करण और अतिगण्ड योग में रात्रि आठ बजकर चालीस मिनट केलगभग समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीतितथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि के कारकशुक्र का अपने शत्रु ग्रह सूर
मंगल का सिंह में गोचरकल शुक्रवार नौ अगस्तयानी श्रावण शुक्ल नवमी को सूर्योदय से लगभग एक घंटा पूर्व चार बजकर सैंतालीस मिनटके लगभग मंगल अपने एक मित्र चन्द्र की कर्क राशि से निकल कर दूसरे मित्र ग्रहसूर्य की राशि सिंह में और मघा नक्षत्र पर प्रस्थान कर जाएगा तथा अस्त होगा और 22अक्टूबर तक अस्त ही रहेगा | इ
सूर्य का कर्क में गोचर - कर्क संक्रान्ति आज गुरु पूर्णिमा का पावन पर्व है, सर्वप्रथम गुरुजनों को श्रद्धापूर्वक नमन करते हुए सभी को गुरु पूर्णिमाकी हार्दिक शुभकामनाएँ…आज खण्डग्रासचन्द्रग्रहण भी है | जैसा कि हम अपने पूर्व के लेखों में भी लिखते आए हैं कि सूर्यग्रहण और चन्द्रग्रहण बहुत ही आकर्षक खगोलीय