शुक्र का सिंह में गोचर
कोरोना महामारी का प्रकोप अभी भी थमा
नहीं है, किन्तु जन जीवन धीरे धीरे पटरी पर लौटने का प्रयास आरम्भ
कर रहा है – कुछ निश्चित और विशेष सावधानियों के साथ | इसी स्थिति में कल सोमवार, अधिक आश्विन शुक्ल द्वादशी को अर्द्धरात्र्योत्तर एक बजकर तीन मिनट के
लगभग बव करण और धृति योग में समस्त सांसारिक सुख, समृद्धि, विवाह, परिवार सुख, कला, शिल्प, सौन्दर्य, बौद्धिकता, राजनीति
तथा समाज में मान प्रतिष्ठा में वृद्धि आदि के कारक
शुक्र का अपने शत्रु ग्रह सूर्य की सिंह राशि और मघा नक्षत्र प्रस्थान होगा | सिंह राशि में भ्रमण करते हुए शुक्र नौ अक्तूबर से पूर्वा फाल्गुनी
नक्षत्र तथा बीस अक्तूबर से उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र पर भ्रमण करता हुआ अन्त में 23
अक्तूबर को प्रातः 10:46 के लगभग कन्या राशि
में प्रस्थान कर जाएगा |
मघा नक्षत्र का स्वामी केतु है, पूर्वा फाल्गुनी का स्वामी स्वयं शुक्र ही है और उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र
का स्वामी सूर्य है | सिंह राशि शुक्र की अपनी राशि वृषभ से
चतुर्थ भाव और तुला से एकादश भाव बनता है, तथा सिंह राशि के लिए शुक्र तृतीयेश और
दशमेश है | साथ ही सिंह राशि की इस यात्रा में शुक्र पर
निरन्तर गुरु की दृष्टि भी रहेगी | इन्हीं समस्त तथ्यों के
आधार पर जानने का प्रयास करते हैं कि प्रत्येक राशि के लिए शुक्र के सिंह में गोचर
के सम्भावित परिणाम क्या रह सकते हैं...
किन्तु
ध्यान रहे, ये समस्त फल सामान्य हैं | व्यक्ति विशेष की
कुण्डली का व्यापक अध्ययन करके ही किसी निश्चित परिणाम पर पहुँचा जा सकता है |
अतः कुण्डली का विविध सूत्रों के आधार पर व्यापक अध्ययन कराने के
लिए किसी ज्योतिषी के पास ही जाना उचित रहेगा |
मेष : शुक्र आपका द्वितीयेश और सप्तमेश होकर आपके पंचम भाव में गोचर कर रहा
है | पारिवारिक तथा आर्थिक दृष्टि से यह गोचर अनुकूल
प्रतीत होता है | परिवार में माँगलिक आयोजनों की सम्भावना है
| Romantically कहीं Involve हैं तो सम्बन्धों में प्रगाढ़ता आने के साथ ही यह सम्बन्ध विवाह में भी
परिणत हो सकता है | यदि विवाहित हैं तो दाम्पत्य जीवन में भी
अनुकूलता और माधुर्य बना रहने की सम्भावना की जा सकती है | आपकी
सन्तान तथा जीवन साथी के लिए भी यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है |
वृषभ : आपका राश्यधिपति तथा षष्ठेश होकर शुक्र आपके चतुर्थ भाव में गोचर कर
रहा है | उत्साह में वृद्धि का समय प्रतीत होता है | आप कोई नया वाहन अथवा घर खरीदने की योजना बना सकते हैं | घर को Renovate भी करा सकते हैं | किन्तु परिवार में किसी प्रकार के तनाव की भी सम्भावना है अतः इस ओर से
सावधान रहने की तथा अपने Temperament को संयमित रखने की
आवश्यकता है | अपने स्वयं के तथा परिवार की महिलाओं के
स्वास्थ्य का ध्यान रखने की आवश्यकता है | यदि आप एक महिला
हैं तो अपनी gynaecologist से नियमित चेकअप अवश्य कराती रहे
|
मिथुन : आपका पंचमेश और
द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से तीसरे भाव में हो रहा है | आपके तथा आपकी सन्तान की विदेश यात्राओं में भी वृद्धि हो सकती है | आपकी सन्तान उच्च शिक्षा प्राप्त करने के लिए यदि कलाकार है तो कला के
प्रदर्शन के लिए बाहर जा सकती है | हाथ के कारीगरों और सर्जन
आदि के लिए यह गोचर अधिक अनुकूल प्रतीत होता है | यदि आपका
कोई भाई अथवा बहन कहीं दूसरे देश अथवा शहर में हैं तो वापस आ सकते हैं |
कर्क : आपका चतुर्थेश और एकादशेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि से दूसरे भाव
में हो रहा है | किसी महिला मित्र के माध्यम से
आपको नवीन प्रोजेक्ट्स मिलने तथा अर्थलाभ की सम्भावना है | आपका
व्यवसाय प्रॉपर्टी अथवा वाहन आदि की ख़रीद फ़रोख्त से सम्बन्धित है, अथवा आप कलाकार हैं तो आपके कार्य में उन्नति की सम्भावना है | नया घर अथवा नया वाहन भी खरीद सकते हैं | आपकी वाणी
तथा व्यक्तित्व में निखार आने के साथ ही आपको किसी प्रकार का पुरूस्कार आदि भी
प्राप्त हो सकता है |
सिंह : आपका तृतीयेश और दशमेश होकर शुक्र का गोचर आपकी राशि में ही हो रहा
है | यदि आप दस्तकार हैं, कलाकार हैं
अथवा सौन्दर्य प्रसाधनों से सम्बन्धित कोई कार्य आपका है, या
मीडिया से किसी प्रकार सम्बद्ध हैं तो आपके कार्य की प्रशंसा के साथ ही आपको कुछ
नए प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त होने की सम्भावना है | इन
प्रोजेक्ट्स के कारण आप बहुत दीर्घ समय तक व्यस्त रह सकते हैं तथा अर्थ लाभ कर
सकते हैं |
कन्या : आपका द्वितीयेश और भाग्येश होकर शुक्र
आपकी राशि से बारहवें भाव में गोचर कर रहा है |
आर्थिक रूप से स्थिति में दृढ़ता आने के साथ ही आपके लिए कार्य से सम्बन्धित लम्बी
विदेश यात्राओं के योग भी प्रतीत होते हैं | आपको महिला
मित्रों के माध्यम से कुछ नवीन प्रोजेक्ट्स भी प्राप्त हो सकते हैं जिनके कारण आप
बहुत समय तक व्यस्त रह सकते हैं | साथ ही धार्मिक और
आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि में वृद्धि हो सकती है |
तुला : लग्नेश और अष्टमेश होकर शुक्र आपकी राशि से लाभ स्थान में गोचर कर
रहा है | कार्य क्षेत्र में अप्रत्याशित रूप से लाभ की
सम्भावना है | आपको अचानक किसी ऐसे स्थान से कार्य का
निमन्त्रण प्राप्त हो सकता है जिसके विषय में आपने कल्पना भी नहीं की होगी | यह प्रस्ताव आपके लिए लाभदायक सिद्ध हो सकता है |
किन्तु बॉस से किसी प्रकार का पंगा लेना आपके हित में नहीं रहेगा |
वृश्चिक : आपके लिए आपका सप्तमेश और द्वादशेश होकर शुक्र का गोचर आपके दशम भाव में
हो रहा है | कार्य से सम्बन्धित यात्राओं में
वृद्धि के संकेत हैं | आप अपने जीवन साथी के साथ किसी
धार्मिक स्थल की यात्रा के लिए भी जा सकते हैं | किन्तु जीवन
साथी के स्वास्थ्य के प्रति सावधान रहने की आवश्यकता है | साथ
ही यात्राओं में किसी प्राकार की दुर्घटना आदि के प्रति भी सावधान रहने की
आवश्यकता है |
धनु : आपका षष्ठेश और एकादशेश आपकी राशि से नवम भाव में गोचर कर रहा है | यदि आपका कोई कोर्ट केस चल रहा है तो उसके अनुकूल दिशा में प्रगति की
सम्भावना है | यदि आप किसी प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर
रहे हैं तो उसमें आपको सफलता प्राप्त हो सकती है | कार्य की
दृष्टि से तथा अर्थ लाभ की दृष्टि से यह गोचर उत्साहवर्द्धक प्रतीत होता है | किसी रोग से इस अवधि में मुक्ति प्राप्त हो सकती है |
मकर : आपका योगकारक आपकी राशि से अष्टम भाव में गोचर कर रहा है | कार्य में किसी प्रकार का व्यवधान सम्भव है | कार्यस्थल
में किसी प्रकार की विपरीत परिस्थितियों का सामना भी करना पड़ सकता है | सन्तान के साथ किसी प्रकार की बहस सम्भव है अतः अपने Temperament को नियन्त्रण में रखना आवश्यक है | सन्तान के लिए
यह गोचर अनुकूल प्रतीत होता है |
कुम्भ : आपका योगकारक शुक्र आपकी राशि से सप्तम भाव में गोचर कर रहा है | परिवार में माँगलिक आयोजन जैसे किसी का विवाह आदि हो सकते हैं जिनके कारण
परिवार में उत्सव का वातावरण बन सकता है | साथ ही धार्मिक और
आध्यात्मिक गतिविधियों में आपकी रूचि बढ़ सकती है | कार्य से
सम्बन्धित यात्राओं के भी संकेत हैं | अविवाहित हैं अथवा
प्रेम सम्बन्ध चल रहा है तो वह विवाह में परिणत हो सकता है |
विवाहित हैं तो जीवन साथी के साथ सम्बन्धों में अन्तरंगता में वृद्धि के संकेत हैं
|
मीन : आपके लिए तृतीयेश और अष्टमेश होकर शुक्र का गोचर आपके छठे भाव में हो
रहा है | छोटे भाई बहनों के कारण किसी प्रकार का विवाद सम्भव
है | यदि इस विवाद को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो बात
कोर्ट तक भी पहुँच सकती है | साथ ही इसके कारण आपका तथा आपके
भाई बहनों का स्वास्थ्य भी प्रभावित हो सकता है | महिलाओं को
अधिक रक्तस्राव की समस्या भी हो सकती है |
अन्त
में, ग्रहों के गोचर अपने नियत समय पर होते
ही रहते हैं | किन्तु वास्तव में सबसे प्रमुख तो व्यक्ति का अपना कर्म होता है | तो, कर्मशील रहते हुए अपने लक्ष्य की ओर हम सभी अग्रसर रहें
तथा कोरोना की रोक थाम के लिए स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए दिशा निर्देशों का
पालन करते रहें, यही कामना है...