सभी बारह राशियों के लिए गुरु का मकर में गोचर
आज जब सारा विश्व कोरोना वायरस के आक्रमण से जूझ रहा है ऐसे में कुछ
लोगों का आग्रह कि गुरु के मकर राशि में गोचर के सम्भावित परिणामों के विषय में
लिखें – हमें हास्यास्पद लगा | किन्तु फिर भी, मित्रों के
अनुरोध पर प्रस्तुत है सभी बारह राशियों पर गुरुदेव के मकर राशि में गोचर के सम्भावित
परिणामों पर एक दृष्टि |
इन दिनों सारा
विश्व कोरोना जैसी महामारी से जूझ रहा है, ऐसे में सभी का सारे काम रुके हुए हैं |
सबसे पहली आवश्यकता है इस महामारी से मुक्ति प्राप्त करने की, न कि अपने कार्य
अथवा किसी अन्य विषय में सोचने विचारने की | हम सभी आत्म संयम का परिचय दें और घर
से बाहर तभी निकलें जब कोई आवश्यक कार्य हो | “सोशल डिस्टेंसिंग” यानी समाज में एक
दूसरे से परस्पर यथा सम्भव दूरी बनाए रखना तथा स्वास्थ्य विभाग द्वारा दिए गए
निर्देशों का पालन करना अत्यन्त आवश्यक है | सम्भव है आपको इस अवधि में कोई नवीन
प्रोजेक्ट प्राप्त हो भी जाए, लेकिन कार्य तो मनुष्य जीवन भर करता रहता है और अर्थ प्राप्ति भी जीवन भर
चलती रहती है, अतः अभी यदि कोई नवीन प्रोजेक्ट प्राप्त हो भी
रहे हों तो उन पर ध्यान देने की अपेक्षा उचित यही रहेगा कि आपके घरों में बैठकर इस
बीमारी को फैलने से रोकने का प्रयास करें |
जैसा कि कल ही
लिखा था, सोमवार 29 मार्च 2020, चैत्र
शुक्ल षष्ठी को 27:55 (अर्द्धरात्र्योत्तर तीन बजकर पचपन
मिनट) के लगभग आयुष्मान योग और कौलव करण में गुरुदेव अपनी स्वयं की धनु राशि से
निकल कर शनि की मकर राशि में प्रविष्ट हो जाएँगे | मकर राशि
में इस समय शनि स्वराशि में तथा मंगल अपनी उच्च राशि में भ्रमण कर रहे हैं |
गुरु इस समय उत्तराषाढ़ नक्षत्र पर है | एक ओर
यहाँ आकर देवगुरु बृहस्पति गुरु-चाण्डाल योग यानी राहु-केतु से मुक्त हो जाएँगे तो
वहीं दूसरी ओर अपनी नीच की राशि में राश्यधिपति के साथ पहुँच जाएँगे – जिनके साथ न
इनकी मित्रता है न ही शत्रुता | मकर में ही गुरु का मित्र मंगल भी गोचर कर रहा है
और चार मई तक वहीं भ्रमण करेगा | मकर अंगारक मंगल की उच्च राशि है जिसके कारण मंगल
की उग्रता में और अधिक वृद्धि होने की सम्भावना है |
मकर राशि में
भ्रमण करते हुए चौदह मई 2020
को रात्रि 7:47 के लगभग गुरु वक्री होना शुरू
हो जाएगा और तीस जून 2020 को सूर्योदय से पूर्व पाँच इक्कीस
के लगभग वापस अपनी राशि धनु में पहुँच जाएगा | तेरह सितम्बर 2020
को प्रातः 6:35 के लगभग धनु राशि में ही
मार्गी होता हुआ 20 नवम्बर 2020 को दिन
में 13:24 के लगभग पुनः मकर राशि में आ जाएगा | 11 जनवरी 2021 से 12 फरवरी 2021
तक गुरु अस्त भी रहेगा | मकर, धनु और पुनः मकर राशि में विचरण करने की अवधि में गुरु 29 मार्च 2020 से उत्तराषाढ़ नक्षत्र पर भ्रमण करेगा |
उसके बाद वक्री चाल में 26 जुलाई को वापस पूर्वाषाढ़ नक्षत्र
पर आ जाएगा | जहाँ से तीस अक्तूबर से पुनः उत्तराषाढ़ नक्षत्र पर, सात जनवरी 2021 से श्रवण नक्षत्र पर तथा पाँच मार्च
2021 से धनिष्ठा नक्षत्र पर भ्रमण करते हुए अन्त में 5/6
अप्रैल 2021 को अर्द्धरात्रि में 00:25
के लगभग शनि की दूसरी राशि कुम्भ में प्रविष्ट हो जाएगा |
कल चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से प्रमादी नामक सम्वत्सर तथा नवरात्रों
के साथ यदि हिन्दू नववर्ष विक्रम सम्वत 2077 का आरम्भ हो जाएगा |
सामान्य रूप से देखें तो प्रमादी नाम के सम्वत्सर में प्रजा में आलस्य में वृद्धि
तो मानी जाती है लेकिन रोग व्याधि आदि से धीरे धीरे मुक्ति भी मानी जाती है | साथ
ही अभी तक गुरुदेव गुरु-चाण्डाल योग में थे और अब नीच की राशि में राश्यधिपति शनि
तथा उच्च के अंगारक के साथ पहुँच जाएँगे | चार मई को मंगल यहाँ से निकल कर कुम्भ
में पहुँचेगा और तीस जून से गुरु वक्री होकर धनु में जाने लगेगा | इस आधार पर हम
कह सकते हैं कि पूरा अप्रैल जब तक मंगल मकर में रहेगा - कोरोना के मामलों में
वृद्धि हो सकती है और तीस जून से परिस्थितियों में सुधार की सम्भावना की जा सकती
है | किन्तु फिर बीस नवम्बर से पाँच अप्रैल 2021 तक गुरु
वापस मकर में लौट जाएगा | उस समय हो सकता है फिर से यह बीमारी सर उठाए |
किन्तु यह भी सत्य है कि ज्योतिष सम्भावनाओं का
विज्ञान है | हज़ारों वर्ष पूर्व लिखे गए सूत्रों को नवीन परिस्थितियों के साथ
अध्ययन करके तथा व्यक्तिगत अनुभवों के आधार पर ज्योतिषी कुछ फल कथन करते हैं और इन
सभी फल कथनों का उद्देश्य होता है केवलमात्र मार्गदर्शन – इसे ब्रह्म वाक्य समझ कर
नहीं बैठ जाना चाहिए | इसे हम इस प्रकार समझ सकते हैं कि हमें
पहले से बता दिया जाता है कि जहाँ हमें पहुँचना है वहाँ के मार्ग में बहुत बड़ी खाई
है और हम उसमें गिरकर चोट खा सकते हैं तो उस स्थिति में हम सँभल कर चलेंगे ताकि
गिरने का भय न रहे, या यदि गिर भी जाएँ तो उतनी अधिक
चोट न लग सके जितनी अचानक से गिरने में लग सकती थी | किन्तु यदि हमें उस खाई का
पहले से पता ही नहीं होगा तो निश्चित रूप से हम ऐसे गिरेंगे की संभलना मुश्किल हो
जाएगा |
यह समय है परिवार के साथ परस्पर घुल मिलकर बैठने का | सम्भव है
आपमें से कुछ लोग इस Lock down के कारण घर में बैठे ऊब
रहे हों | किन्तु इस समय का हम सकारात्मक उपयोग कर सकते हैं | किसी की रूचि लिखने में
होगी तो किसी की पढ़ने में, किसी की रूचि खाना पकाने में होगी
तो किसी की घर को सजाने सँवारने में, किसी को नृत्य संगीत
में रूचि होगी तो किसी को किसी अन्य विषय में | घर में शान्ति के साथ बैठकर हम अपनी
Hobbies को पूरा कर सकते हैं | साथ ही परिवार के सब लोग साथ
मिलकर गृहिणियों की सहायता कर सकते हैं घर के काम काज में और घर को व्यवस्थित करने
में |
तो वर्तमान में सभी राशियों के जातकों के लिए हमारी
सलाह है कि किसी भी राशिफल अथवा ग्रहों के गोचर से प्रभावित हुए बिना और किसी भी
प्रकार के अन्धविश्वास के शिकार हुए बिना कोरोना जैसी आपदा पर विजय प्राप्त करने
के लिए घबराए बिना डॉक्टर्स के बताए दिशा निर्देशों का पालन करें और सामाजिक दूरी बनाए रखने के लिए जितना सम्भव हो घरों के भीतर
रहें, बार बार अपने हाथों को अच्छी तरह धोते रहें, बाज़ार से लाई दूध की थैली आदि
को भी साबुन से धोने के बाद ही प्रयोग करें, सब्ज़ी लाने के बाद भी
पहले उन्हें भली भाँति धोकर साफ़ कर लें उसके बाद ही उनको काम में लाएँ... इत्यादि
इत्यादि...
कल से आरम्भ होने वाले नवरात्रों पर अपने घरों में ही बैठकर माँ भगवती की उपासना करें | विश्वास कीजिए सबसे अधिक पवित्र और सिद्ध मन्दिर अपना घर होता है...