कन्या और तुला राशि के जातकों के लिए शनि का मकर में गोचर
कल के लेख में शनि के मकर राशि में गोचर के सिंह राशि के जातकों पर
सम्भावित प्रभावों के विषय में चर्चा की थी, आज कन्या और तुला राशि के जातकों पर
शनि के मकर में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर संक्षेप में दृष्टिपात...
किन्तु ध्यान रहे, ये सभी परिणाम सामान्य हैं | किसी
कुण्डली के विस्तृत फलादेश के लिए केवल एक ही ग्रह के गोचर को नहीं देखा जाता
अपितु उस कुण्डली का विभिन्न सूत्रों के आधार पर विस्तृत अध्ययन आवश्यक है...
कन्या राशि : आपके लिए पंचमेश तथा षष्ठेश होकर शनि का गोचर आपके पञ्चम भाव में ही
हो रहा है जहाँ से आपके सप्तम भाव,
एकादश भाव तथा द्वितीय भाव पर इसकी दृष्टियाँ हैं | इस
गोचर के साथ ही पिछले ढाई वर्षों से चली आ रही ढैया भी समाप्त होने जा रही है
– जिसने सम्भव है आपको हिला कर रख दिया होगा | लेकिन अब धीरे धीरे परिस्थितियों के
सामान्य होने की सम्भावना की जा सकती है | यदि आपने कोई कोर्स बीच में छोड़ दिया है
तो दोबारा से आप उसे आरम्भ कर सकते हैं और आपको उसमें सफलता भी प्राप्त होगी |
आपकी गम्भीरता में वृद्धि होगी और आप कोई महत्त्वपूर्ण निर्णय इस अवधि में ले सकते
हैं | किन्तु यदि वाहन अथवा घर खरीदना
चाहते हैं तो उसके लिए मई 2020 से सितम्बर 2020 तक का समय अनुकूल
नहीं रहेगा |
पञ्चम भाव से
सन्तान का विचार किया जाता है | आपकी सन्तान के लिए यह गोचर अनुकूल रहने की
सम्भावना है | आपकी सन्तान का हर क्षेत्र में प्रदर्शन उत्तम रहने की सम्भावना है
| सन्तान की ओर से सन्तोष और सुख दोनों ही प्राप्त होने की सम्भावना है | सन्तान
का विवाह भी इस अवधि में सम्भव है | किन्तु आपके लिए ससुराल अथवा ननसाल पक्ष के
साथ सम्बन्धों में कुछ दरार उत्पन्न हो सकती है | विद्यार्थियों तथा प्रतियोगी
परीक्षा की तैयारी कर रहे छात्र छात्राओं के लिए शनि का यह गोचर अनुकूल फल देने
वाला प्रतीत होता है | विद्यार्थियों को उनके मनपसन्द विद्यालयों में एडमीशन भी
मिल सकता है |
स्वास्थ्य का जहाँ
तक प्रश्न है तो मिश्रित फलों की सम्भावना की जा सकती है | एक ओर किसी पुरानी
बीमारी से मुक्ति प्राप्त हो सकती है, तो वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य सम्बन्धी कोई नवीन
समस्या भी उत्पन्न हो सकती है | नियमित चेकअप तथा खान पान में नियन्त्रण के साथ ही
योग व्यायाम और ध्यान प्राणायाम का अभ्यास आपके लिए आवश्यक है |
अविवाहित हैं तो इस
अवधि में आपका विवाह सम्बन्ध कहीं निश्चित हो सकता है अथवा प्रेम सम्बन्ध स्थापित
हो सकता है,
किन्तु विवाह में शीघ्रता उचित नहीं रहेगी | विवाहित हैं तो जीवन साथी के साथ
ईमानदार तथा सहृदय रहने की आवश्यकता है, अन्यथा सम्बन्धों
में दरार पड़ते देर नहीं लगेगी |
तुला राशि : आपके लिए चतुर्थेश और पंचमेश होकर शनि योगकारक बन जाता है तथा आपके चतुर्थ भाव में ही गोचर कर रहा है जहाँ
से आपके छठे भाव, दशम भाव तथा आपकी लग्न पर इसकी दृष्टि रहेगी | एक ओर तो आपके लिए यह शुभ
संकेत है, किन्तु दूसरी ओर आपकी शनि की ढाई साल की ढैया भी आरम्भ हो रही है – जो चिन्ता का विषय हो सकती है –
विशेष रूप से मई 2020 से सितम्बर 2020 के मध्य – जब शनि वक्री होगा | उस
समय आपको अपने स्वास्थ्य पर विशेष रूप से ध्यान देने की आवश्यकता होगी | साथ ही
आपका अहम आपके बनाते बनाते कार्यों में आड़े आ सकता है, अतः
इस ओर से भी सावधान रहकर अपने व्यवहार को सन्तुलित रखने की आवश्यकता होगी | शनि के
वक्री होने पर माता जी के साथ भी विवाद सम्भव है | यदि ऐसा लगे तो अच्छा यही रहेगा
कि आप इतने समय के लिए दूरी बना लें ताकि विवाद अधिक बढ़ने न पाए |
इस अवधि में आपके समक्ष व्यापार के अनेक नवीन
अवसर उपस्थित हो सकते हैं | किन्तु यदि किसी प्रोजेक्ट में पैसा Invest करना हो सोच समझकर तथा
सम्बन्धित कार्यों के जानकारों से अच्छी तरह सलाह मशविरा करके है आगे बढें | किसी
के कहने मात्र से पैसा कहीं Invest न करें | कार्य से
सम्बन्धित छोटी छोटी विदेश यात्राओं के भी अवसर उपलब्ध हो सकते हैं | आप नया घर
अथवा वाहन अथवा दोनों ही खरीद सकते हैं और ये आपके लिए शुभ भी रह सकते हैं | कोर्ट
कचहरी के मामलों से बचने की आवश्यकता है |
स्वास्थ्य का जहाँ
प्रश्न है तो यों सामान्य रूप से स्वास्थ्य ठीक ही रहने की सम्भावना है | किन्तु
इसके लिए आपको आलस्य का त्याग करके व्यायाम और योग का अभ्यास करते रहना होगा | साथ
ही किसी भी प्रकार की ऐसी स्थिति से बचने का प्रयास करें जिनके कारण आपको मानसिक तनाव
हो सकता है | अपनी माता जी तथा सन्तान के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता
होगी |
अनुकूल जीवन साथी
की खोज में हैं तो वह खोज इस अवधि में पूर्ण हो सकती है | सम्भव है किसी सहकर्मी
अथवा किसी निकट के सम्बन्ध में ही आपका विवाह सम्पन्न हो जाए | विवाहित हैं तो
जीवन साथी के साथ व्यर्थ के विवाद बचने का प्रयास करें | साथ ही जीवन साथी के
स्वास्थ्य का भी ध्यान रखने की आवश्यकता है |
अन्त में बस इतना ही कि यदि कर्म करते हुए भी सफलता नहीं प्राप्त हो
रही हो तो किसी अच्छे ज्योतिषी के पास दिशानिर्देश के लिए अवश्य जाइए, किन्तु अपने कर्म और
प्रयासों के प्रति निष्ठावान रहिये - क्योंकि ग्रहों के गोचर तो अपने नियत समय पर
होते ही रहते हैं, केवल
आपके कर्म और उचित प्रयास ही आपको जीवन में सफल बना सकते हैं...
आगे वृश्चिक राशि पर शनि के मकर में गोचर के सम्भावित प्रभावों पर बात करेंगे...