दाम्पत्येभिरुचिहेतमायैव व्यावहारके। स्त्रीत्वे पुंस्तवे च हि रितर्विप्रत्वे सूत्रमेव हि।। अर्थात-कलियुग में पुरूष और स्त्री बिना विवाह के ही केवल एक-दूसरे में रुचि के अनुसार साथ-साथ रहेंगे। यानी कि लिव इन में रहेंगे। मनमुताबिक महिला के संपर्क में रहेंगे जब मनभर जाएगा तो द