जग में मचा हुआ है रोना धोनामिलकर मार भगाओ ये कोरोनाछोटा बच्चा है या कोई बड़ा हैकैद हर शख्स घर में ही पड़ा हैछाया यही एक खौफ चारों ओरटूट न जाए कहीं ये जीवन डोरमुश्किल में होश नहीं अपने खोनामिलकर मार भगाओ ये कोरोनाकिताबों से यही सदा सीखा ज्ञानसफाई का हमको रखना है ध्यानसाफ रखो
“मुक्तक” बदला हुआ मौसम बहक बरसात हो जाए। उड़ता हुआ बादल ठहर कुछ बात हो जाए। क्यों जा रहे चंदा गगन पर किस लिए बोलो- कर दो खबर सबको पहर दिन रात हो जाए॥-१ अच्छी नहीं दूरी डगर यदि प्रात हो जाए। नैना लगाए बिन गर मुलाक़ात हो जाए। ले हवा चिलमन उडी कुछ तो शरम करो-सूखी जमी बौंछार