27 सितम्बर 2022
लत लगी इस दुनिया कोनशा हुआ अनौखा है।इंटरनेट के बिना एक पल,हर मनुज का सूना है।।खाने-पीना की सुध नहीं,हाथ मोबाइल जब आई है।मनुज की नजर हटती नहीं,जीवन की राह बनाई है।।समय के पाबंद हो गये,समय बचा ना परिवार