यह किताब मैने स्वं के माता पिता को समर्पित की थी । जिनसे प्रेरणा पाकर मैं अपनी कुछ नज़्मे,शायरी,गज़ल को पूरी कर सका ।ये मेरे द्वारा लिखित दुसरी किताब है ।
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