जीवन एक प्रकाश पुंज है
जिसकी चमक कभी फीकी नहीं होती।
ये प्रकाश पुंज सदियों से चमक बिखेरता आया है
और सदियों तक अपनी चमक बिखेरेगा।
मृत्यु सिर्फ बादलों की तरह इसकी चमक
को कुछ समय के लिए ही छुपा सकती है
जैसे सूरज की रोशनी बादलों के छा जाने
पर छुप जाती है।
मृत्यु जीवन की यात्रा में
एक पड़ाव है।
जैसे थका हारा यात्री किसी
पेड़ की छांव में आराम करने ठहरता है।
जीवन अविराम कल कल बहती नदी की
तरह है।
मृत्यु नदी के जीवन रूपी मार्ग में
एक बांध है
ताकि कल कल बहती हुई नदी के
बहाव को कुछ कम कर सके
वह भी कुछ समय के लिए।