तेरे दिल को अपना आशियाना बनाना है
प्रेम को ही अब जीवन राग बनाना है।
माना कि आज नफरत है तेरे दिल में मेरे लिए
कल इस नफरत को ही तेरे दिल से मिटाना है।
उम्र भर का ठिकाना तुझ में ढूंढना है
तेरे दिल को एक दिन तुझसे ही लूटना है
अपने उजड़े रेगिस्तान के लिए
मरूद्यान तुझे बनाना है।।