shabd-logo

सर्द हवाएं जीवन की

17 जनवरी 2022

38 बार देखा गया 38
सर्द हवाएं जीवन की ठिठुरून को दर्शाती हैं।
जीवन इतना भी नहीं आसान 
ये बतलाती हैं।
सर्द हवाओं के इस दौर में
प्रकृति अपना रंग दिखा रही है।
जीवन आज भले ही इन सर्द हवाओं में सिकुड़ रहा है
बर्फीली रातों में जम रहा है
लेकिन ये याद रहे
नव बसन्त 
जन जीवन को खुशियां देता  अनन्त
पुकार रहा है बाहें फैलाये।।

©प्रवीण कुमार शर्मा
Pragya pandey

Pragya pandey

Very nice 👌👌

23 जनवरी 2022

17 जनवरी 2022

18
रचनाएँ
प्रवीण कुमार शर्मा की डायरी
0.0
साप्ताहिक प्रतियोगिता संबंधी लेख
1

जहां चाह दिल से हो जाती है.....

17 अक्टूबर 2021
7
3
3

<div>जहां दिल से चाह हो जाती है</div><div>राह खुदमखुद मिल ही जाती है।</div><div>मंजिल भी आसां

2

किसी भी कर्म के फल की.....

16 जनवरी 2022
4
2
1

किसी भी कर्म के फल की जब हम अपने मन में लालसा पालते हैं। निश्चित ही उस फल के फलित होने से हम कोसों दूर होते जाते हैं। करम फल तभी फलित होता है जब कोई उसको निष्काम जल से सींचता है। हम बेवजह ही फल

3

सर्द हवाएं जीवन की

17 जनवरी 2022
3
2
2

सर्द हवाएं जीवन की ठिठुरून को दर्शाती हैं।जीवन इतना भी नहीं आसान ये बतलाती हैं।सर्द हवाओं के इस दौर मेंप्रकृति अपना रंग दिखा रही है।जीवन आज भले ही इन सर्द हवाओं में सिकुड़ रहा हैबर्फीली रातों में

4

जीवन का सच्चा आनंद .....

19 जनवरी 2022
2
1
1

जीवन का सच्चा आनंद दुख में ही रमता है। सुख की चाह केवल मन ही करता है। आत्मा एक ज्योति है स्वभाव से वियोगी है। परमज्योति परमात्मा का ही तो अंश है आत्मा। नश्वर शरीर में आत्मा आती है परमात्मा से बिछुड़ जा

5

जंगल में मंगल गर......

20 जनवरी 2022
1
1
1

जंगल में मंगल गर करना हैतो मशीन नहीं इंसान बनना है।जंगल सिर्फ उन्हीं के लिए हैंजो जानवरों की तरह भावनाएं लिए हैं।मशीन ने सब कुछ उजाड़ कर रख दियामानव को संवेदनहीन बना दिया।इससे तो कहीं अच्छे जानवर ही है

6

कविता मेरे लिए ज्यादा कुछ नहीं.....

22 मार्च 2022
3
0
0

कविता मेरे लिए ज्यादा कुछ नहीं हृदय के उद्गारों को कागज पर उतारने की प्रक्रिया भर है। कविता मेरे लिए ज्यादा कुछ नहीं विचारों के तूफान में भटकी हुई बुद्धि के लिए मार्गदर्शक भर है। कविता मेरे लिए&

7

तेरे बिना मेरी जिंदगी.....

26 मार्च 2022
5
3
2

तेरे बिना मेरी जिंदगी एक उजड़ा चमन लगे। तेरे बिना मेरी जिंदगी पत्तियों रहित एक दरख़्त लगे। तेरे बिना मेरी जिंदगी लगे जैसे मुरझाया हुआ गुलाब। तेरे बिना मेरी जिंदगी लगे एक अधूरा सा ख्वाब। तेरे

8

रूह को आज़ाद पंक्षी बन प्रेम गगन में उड़ना है......

29 मार्च 2022
1
2
0

रूह शरीर के क़फ़स मेंइस क़द्र फँस गईअपना नित्य रूप भूलकरशरीर की ग़ुलामी में धँस गई। इस जहाँ के मोह नेरूह को दुनियादारी के बंधन में डाल दियामन की चंचलता नेरूह की रूहानियत को ही मार दिया। &n

9

किस्मत की लकीरों ने....

6 अप्रैल 2022
0
0
0

किस्मत की लकीरों ने मुझे तुझसे जुदा कर दिया।कमी तो नहीं थी हमारे इश्क़ मेंशरीक ए इश्क़ ने हमें रुला कर रख दिया।किस्मत की लकीरों मेंएक लकीर इश्क़ की भी उकेरनी हैवादा है मेरा तुझसे,ए हसीं!इश्क़ ए चादर

10

तेरे दिल को अपना आशियाना बनाना है..

9 अप्रैल 2022
1
1
1

तेरे दिल को अपना आशियाना बनाना है प्रेम को ही अब जीवन राग बनाना है। माना कि आज नफरत है तेरे दिल में मेरे लिए कल इस नफरत को ही तेरे दिल से मिटाना है। उम्र भर का ठिकाना तुझ में ढूंढना है तेर

11

जब किसी की बुराई....

20 अप्रैल 2022
0
0
0

जब किसी की बुराई बुराई करने के भाव से की जाती है तो वह आलोचना बन जाती है। जब किसी की बुराई सुधारने के भाव से की जाती है तो वह समालोचना बन जाती है। आलोचना हो या समालोचना दुनिया में किसी को नहीं भाती ह

12

रहमत तो मुझे खुदा की भी नहीं चाहिए......

1 मई 2022
3
2
2

रहमत तो मुझे खुदा की भी नहीं चाहिएयकीन अपने भुजबल पर होना चाहिए।माना कि जीवन की लहरों में फंसा हुआ हूँपर दुआओं की बजाय पतवार पकड़े हुआ हूँ।अरे जब तक गिरने के लिए तैयार नहीं होऊंगातो उठने की जिद कहां से

13

जीवन लंबा हो या छोटा.....

2 मई 2022
1
0
1

जीवन लंबा हो या छोटा क्या फर्क पड़ता है। जीवन गरीबी में हो या अमीरी में क्या फर्क पड़ता है। जीवन दुख में हो या सुख में क्या फर्क पड़ता है। जीवन में अकेले हों या मेले हों क्या फर्क पड़ता है। जीवन में पद

14

आज सुना है मातृ दिवस है....

8 मई 2022
1
1
1

आज सुना है मातृ दिवस है पर सच पूछो तो 'मात्र' दिवस है। ये इसलिए क्योंकि ; एक दिन स्टेटस अपडेट करने से एक दिन भगवान की तरह पूजने से एक दिन अपनी स्वर्गीय माँ को याद करने से एक दिन को माँ के लिए सम

15

मेरी सदा यही है सदा.....

17 मई 2022
0
0
0

मेरी सदा यही है सदातुम न होना मुझसे कभी खफ़ा।जीवन के हर मोड़ परदेना साथ मेरा।कभी तन्हाइयां डराने लगेंअंधेरा भी तुम्हें घेरने लगेतब दिया बन रोशन करनेआएंगे हम जीवन में तेरे।।थोड़ी सी बेरुखी से रिश्ते

16

जिंदगी का वो पड़ाव.......

28 मई 2022
0
0
0

जिंदगी का वो पड़ावभी मैंने देखा है।किस्मत के हाथोंखुद को लुटते देखा है।एक समय वह भी थाजब मैं अल्हड़ जरूर पर मदमस्त था।मुझे कोई फिक्र न थीजिंदगी ख़ुशनुमा थी।अब जीवन का ऐसा पड़ाव आ गयामुझे महफ़िलों ने रुसवा

17

रह रह कर मुझे.....

12 जून 2022
1
0
0

रह रह कर मुझे ये ख्याल आता रहा पिछला गुजरा हुआ मुझे याद आता रहा। गर जमाने को समय रहते हम समझ पाते तो आज धोखों के झंझावतों में न उलझते। जो भी आया वो हमसे खेल खेलता रहा भोला भाला है कह कर हमें सालता रहा

18

जीवन एक प्रकाश पुंज है....

14 जून 2022
0
0
0

जीवन एक प्रकाश पुंज है जिसकी चमक कभी फीकी नहीं होती। ये प्रकाश पुंज सदियों से चमक बिखेरता आया है और सदियों तक अपनी चमक बिखेरेगा। मृत्यु सिर्फ बादलों की तरह इसकी चमक को कुछ समय के लिए ही छुपा सकती है ज

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए