मेरी सदा यही है सदा
तुम न होना मुझसे कभी खफ़ा।
जीवन के हर मोड़ पर
देना साथ मेरा।
कभी तन्हाइयां डराने लगें
अंधेरा भी तुम्हें घेरने लगे
तब दिया बन रोशन करने
आएंगे हम जीवन में तेरे।।
थोड़ी सी बेरुखी से
रिश्ते खत्म नहीं होते
दिल की गहराइयों में रिश्ते
पनपते हैं समय की धारा में फिर से।।
प्रवीण कुमार शर्मा