कि, ज़ुदा होकर भी वो तुझसे कभी मायूस ना होता ।
ज़ख्म दिल पर लगा था जो, वो भी महसूस ना होता ।
अगर मिलती वफा के बदले में ना बेवफाई तो ।
यूं मोहब्बत में कोई आशिक़ कभी जासूस ना होता ।।
6 जून 2022
कि, ज़ुदा होकर भी वो तुझसे कभी मायूस ना होता ।
ज़ख्म दिल पर लगा था जो, वो भी महसूस ना होता ।
अगर मिलती वफा के बदले में ना बेवफाई तो ।
यूं मोहब्बत में कोई आशिक़ कभी जासूस ना होता ।।