हां दुआ मांगी थी ये रब से कि मेरा तू हो जाए ।
जो लिपटी रहती फूलों से तू वो खुशबू हो जाए ।
जो बहता है निगाहों से खुशी या ग़म में ही हर दम ।
कि मेरी आंखों से बहने वाला तू वो आंसू हो जाए ।
5 जून 2022
हां दुआ मांगी थी ये रब से कि मेरा तू हो जाए ।
जो लिपटी रहती फूलों से तू वो खुशबू हो जाए ।
जो बहता है निगाहों से खुशी या ग़म में ही हर दम ।
कि मेरी आंखों से बहने वाला तू वो आंसू हो जाए ।