शायद खुदा की बन्दगी में कोई कमी रह गई ।
तभी तो खुशियां लुटाकर भी
आखों में नमी रह गई ।
रूठ गया होगा वो खुदा भी ,
किसी बात पर मुझसे ।
तभी तो आसमान देकर भी ,
पास में बस ज़मीं रह गई ।।
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2 जून 2022
शायद खुदा की बन्दगी में कोई कमी रह गई ।
तभी तो खुशियां लुटाकर भी
आखों में नमी रह गई ।
रूठ गया होगा वो खुदा भी ,
किसी बात पर मुझसे ।
तभी तो आसमान देकर भी ,
पास में बस ज़मीं रह गई ।।
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