महफिल , तारों ने सजा रखी है ,
मेहमान चांद है ।
उजाला चांदनी ने कर दिया ,
मेज़बान आसमान है ।।
क्या ही कहना ,
तेरे चेहरे की नज़ाकत का .
लव,, खामोश हैं मगर ,,
आंखों में तूफान है ।।
यूं तो, , बाख़बर है तू ,
ज़माने की हर नज़र से .
बस एक मेरे लिये ही ,
तेरी नज़र , अनजान है ।।
यूं तो ईमानदार ,
तुम भी नहीं .
फिर मैं अकेला तो नहीं ,
जो, , बेइमान है ।।
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