अखिलेश उस घायल पंक्षी को अपने घर लाकर ऊसका उपचार कर उसे ठीक कर देता है। इसके बाद वे सारे पंक्षी उन्हें यह वचन देते हुए वहां से चले जाते हैं की कभो हमारो मदद की जरूरत पड़ेगी तो हम आपके लिए जां न्यौछवर भी कर देंगे।
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[ जंगल से प्यार ] [ पांचवीं [अंतिम किश्त] ] [उधर उपरी डाली पर बैठे चिड़िया गण आपस में चर्चा कर रहे थे कि अब हमें यहां से उड़ जाना चाहिए वरना सांप अगर उपर आ जाएं तो हमारी ज़िन्दगी म
[ जंगल से प्यार ] [ धारावाहिक 4 थी किश्त ]समय गुज़रता गया अखिलेश का जंगल जाना बदस्तूर ज़ारी रहा । जंगल में उसने न जाने कितने पंछियों , कितने तितलियों , तोतों व छोटे जनवरों की सेवा किया था । उसे लग