हमारे पडोसी देश पाकिस्तान की आर्मी के अब तक सैन्य प्रमुख रहे राहिल शरीफ ने बिना किन्तु-परंतु के अपना पद छोड़कर एक अलग उदाहरण पेश करने का साहस किया है, क्योंकि पाकिस्तान में अब तक अधिकांश सैन्य-प्रमुखों ने लोकतंत्र को कालिख ही लगाई है. जनरल मुशर्रफ एवं जिया उल हक़ जैसे सैन्य शासकों ने तो न केवल पाकिस्