अब अपने को अपने ही घर मे कैद कर,
अपने और अपने देश की कर लो हिफ़ाजत आज।
अब जो आयीं ये संकट की घड़ी तो मिलकर काट लो आज
बस ये मानों , आज ख़ुद से खुद के लिये एक जंग हैं,,पर ये देश हमारा ही एक अभिन्न अंग हैं।
हा माना,, हमनें कभी इतनी बंदिशों में जीना नहीं सीखा,, पर यह तो समझो ये बंदिशे ही,, हमारा आने वाला कल हैं।
बस छोर कर अब कुछ दिनों तक ये बाहरी चकाचौंध को
अब अपने घर को ही अपनी पूरी दुनिया समझो।।