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झलक दिखला जा, बरखा आ जा......

29 जून 2016

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गर्मी की तो बस अब चला चली की बेला है। कुछ ही दिनों में ये उमस भरी जलती, चुभती गर्मी का मौसम, अपना चार्ज देने वाला है भीगी भीगी वर्षा रानी को और वर्षा रानी तो यूँ भी कसमसा रही है अपनी ओथ सेरेमनी के लिये। कि कब उन्हें मौका मिले और वो आ जाएं, बूदों की पायल पहन कर छम छम करते हुए झमाझम करने के लिए


और ऐसे में, हम तो बस यही गुनगुनाएंगें ....

बरसो रे मेघा मेघा बरसो रे मेघा.........  :)

 Comments
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रचनाएँ
radiosangini
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दिल से सुनें दिल से सुनें कुछ मधुर गाने ं
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झलक दिखला जा, बरखा आ जा......

29 जून 2016
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गर्मी की तो बस अब चला चली की बेला है। कुछ ही दिनों में ये उमस भरी जलती, चुभती गर्मी का मौसम, अपना चार्ज देने वाला है भीगी भीगी वर्षा रानी को और वर्षा रानी तो यूँ भी कसमसा रही है अपनी ओथ सेरेमनी के लिये। कि कब उन्हें मौका मिले और वो आ जाएं, बूदों की पायल पहन कर छम छम करते हुए झमाझम करने के लिएऔर ऐसे

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बीमारों का हाल जो पूछे.....

1 जुलाई 2016
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भई दुनिया में कोई कितना भी बड़ा तुर्रम ख़ान क्यों न हो, उसे किसी की ज़रूरत पड़ती हो या न पड़ती हो मगर ज़िंदगी मेम कभी न कभी डॉक्टर की ज़रूरत तो पड़ती ही है। बल्कि हमारी तो ज़िन्दगी का पहला दिन ही डॉक्टर की हथेलियों के स्पर्श से शुरू होता है। डॉक्टर न सिर्फ़ हमारी स्हत के रखवाले हैं बलिकि हमारे स्वास

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