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मै एक स्वतंत्र पत्रकार एवं वाल्य पुस्तक लेखक हूँ।

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dekhasuna

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हमारे समाज में पल-पल होने वल्व बदलाव एवं विचारो से जन-जन को अवगत कराते रहने का उद्देश्य मुख्य है।

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<p><strong>हमारे समाज में पल-पल होने वल्व बदलाव एवं विचारो से जन-जन को अवगत कराते रहने का उद्देश्य मुख्य है। </strong></p>

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kanosuni

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आज वर्तमान समय में सच और सत्य और की परिभाषा बदल चुकि है जो सच था वह किंचित सत्य एवं जो सत्य था वह अर्ध सत्य में परिवर्तित हो चुका है, ठिक ऐसे ही हमारे समाज की सभी मान्यताओं मे बदलाव आ चुका है। इन परिवर्तनों के साथ ही साथ समाज में हम इंसानो के

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<br><p>आज वर्तमान समय में सच और सत्य और की परिभाषा बदल चुकि है जो सच था वह किंचित सत्य एवं जो सत्य था वह अर्ध सत्य में परिवर्तित हो चुका है, ठिक ऐसे ही हमारे समाज की सभी मान्यताओं मे बदलाव आ चुका है। इन परिवर्तनों के साथ ही साथ समाज में हम इंसानो के

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राजनीति एक बड़ी हद

14 फरवरी 2017
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दिनांक—14/02/0217 आज से लगभग दो दशक पहले देश के राजनेता एवं उनकी राजनीति किसी हद तक नैतिक मूल्यों पर चला करती थी। विभिन्न दलों और मतदाताओं दोनों ही कहीं न कहीं आदर्श एवं नैतिकता का पालन करते हुए राजनीति की गरिमा को बनाए रखते थे, लेकिन वर्तमान समय में इसकी स्थिति पूरी तरह से बदल चुकि है। वर्तमान सम

नोट बंदी के बाद राजनीतिक माहौल

3 दिसम्बर 2016
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मोदी सरकार द्वारा नोटबंदी के फैसले बाद से देश में उपजे राजनीतिक माहौल से लेकर बैंको की लाईनो में लगे लोगों के तर्क आपेक्षाओं की बात करें तो वर्ष 2019 में होने वाले आम चुनाव के मद्देनजर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकल्प के रूप में अब तक बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को ही देखा जा रहा था। लेकिन,

अर्थशास्त्रीयों के दृष्टीकोण में नोटबंदी

30 नवम्बर 2016
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जब से देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा नोटबंदी का ऐलान किया है तब से इस फैसले पर अलग-अलग प्रतिक्रिएं नजर आ रही हैं। हमारे देश के अलग-अलग लोग अपनी राय रख रहे हैं जिनमें से कुछ लोग इसकी तारीफ कर रहे हैं तो वहीं पर कुछ लोग विरोध भी जता रहे हैं जिससे ऐसा लग रहा है जैसे पूरी दुनियाँ दो पक्षो में

सर्जिकल स्ट्राइक पर राजनीति क्यों ?

16 अक्टूबर 2016
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अभी हालिया दौर मे सेना द्वारा सर्जिकल स्ट्राइक के श्रेय लेने को लेकर आपस में छिड़ी कुतर्कीयों के बीच शुरू हुए तकरार के बीच यह कहना पड़ता है कि सन् 1971 में बांग्लादेश युद्ध के दौरान तत्कालीन प्रधानमंत्री इंन्दिरा गांधी ने बिहार और उत्तर प्रदेश के राज्यों में समय से पूर्व ही

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