जी 20 आपदा प्रबंधन ~
वसुधैव कुटुंबकम अर्थात सारी पृथ्वी एक परिवार है । यह भारतीय विदेश नीति का आधार वाक्य रहा है । और इसी दर्शन को माननीय प्रधानमन्त्री के द्वारा जी ट्वेंटी के शीर्षक के रूप में भी रखा गया है _ "एक पृथ्वी,एक परिवार,एक भविष्य।"
सर्वे भवन्तु सुखिनः यानी सभी लोग सुखी रहे । भारतीय दर्शन का ये मूल रहा है ।और यही मूल है जी ट्वेंटी समूह के जन्म का भी । जिसके अंतर्गत विश्व बिरादरी एक मंच पर आकर उन सभी संभावनाओ को प्रस्तुत करती है जो अर्थ के पहिए को द्रुतगामी रखें ।
विश्वगुरु की प्रचलित उपाधि वाले भारत ने इस वर्ष जी ट्वेंटी की अध्यक्षता ग्रहण की और इसके साथ ही सम्मेलनों का दौर शुरू हो चुका है , इसी कड़ी में मुंबई में एक सम्मेलन आपदा प्रबंधन को लेकर है । यह इस विषय पर दूसरा सम्मेलन भी है । जिसमें ये सुनिश्चित करने की कवायद है कि ना केवल अर्थ के विभिन्न घटकों_ सेवा ,उद्योग आदि निर्बाध रूप से विकासोन्मुख रहे बल्कि समाज के उन तबकों को भी एक ऐसा सुरक्षा कवच दिया जाए जो आपदाओं की जद में खड़े होते हैं ।
आपदाएं कैसी भी हो एक गहरा निशान छोड़ जाती हैं । मानवीयता पर आई ऐसी आपदाएं कभी कभी दीर्घकालिक असर छोड़ जाती है , और छोड़ जाती हैं इनसे पार पाने का एक लंबा संघर्ष भी । सुनामी, बाढ़, सूखा जैसे बिन बुलाए मेहमान एक व्यापक समूह पर आर्थिक मार की तरह हैं । जिनसे निबटने में एक पूरा समाज गरीबी, बदहाली की भेंट चढ़ जाता है । विश्वगुरु भारत इससे अछूता नहीं है , और इन आपदाओं से उसने अनगिनत लड़ाईयां ना सिर्फ लड़ी हैं बल्कि एक अच्छा खासा प्राप्य अनुभव आज उसे वैश्विक मंच पर एक मार्गदर्शक की भांति सुशोभित भी करता है ।
आपदा जोखिम न्यूनीकरण कार्य समूह के द्वारा आपदाओं के दुष्प्रभाव कम करने की राह सुझाने की उम्मीद है , साथ ही साथ वास्तविक स्थिति के सटीक आंकड़ों की प्राप्ति कर उन पर प्रभावी एक्शन लिया जाना मुख्य ध्येय होगा तो साथ ही एक बीमा नियामक ढांचे पर दिशानिर्देश देने में भारत की भूमिका उल्लेखनीय होगी ।
कुल मिलाकर आपदा प्रबंधन का ये सम्मेलन उन रुकावटों को हटाने के लिए प्रतिबद्ध नजर आ रहा है जो सतत विकास लक्ष्य में अवरोध पैदा करते रहे हैं । सतत विकास लक्ष्य जो एक अंतिम आदमी के उस विकास की बात करता है जो हमारे रामराज्य की संकल्पना में है । भारत की ये मेजबानी और एक सक्रिय भागीदारी ना केवल भारतीय जनमानस को आपदा से रहित करेगा बल्कि विश्व अर्थव्यवस्था को भी द्रुतगामी बनाएगा, इसकी आशा सभी सुधिजनों को है ~एवमस्तु ~ऋतेश आर्यन