डब्ल्यू टी सी फाइनल 2023_
1983 का वर्ष भारतीय खेल के लिहाज से एक ऐतिहासिक साल रहा है , जब कपिल देव के नेतृत्व में क्रिकेट विश्वकप को भारत ने अपने नाम कर लिया था । खेल की दुनिया में ये वो वर्ष रहा है जहां से क्रिकेट के लिए दीवानगी सर चढ़ कर बोलने लगी , सचिन तेंदुलकर, सुनील गवास्कर, अजरूद्दीन, सौरव गांगुली, महेंद्र सिंह धोनी, विरेंद्र सहवाग, युवराज सिंह जैसे तमाम नायब हीरे भारतीय क्रिकेट ने दिए हैं जिनपर हर भारतीय को नाज है । इस खेल की दीवानगी का आलम ये है कि 1983 से लेकर 2011 विश्व कप जीतने के 28 वर्षों के अंतराल में क्रिकेट ही भारतीय खेल प्रेमियों की पहली पसंद बनी रही ।
भागती दौड़ती और व्यस्त हो रही दुनिया में टी ट्वेंटी का पदार्पण भी हुआ , और चार घंटे के भीतर नतीजा भी आने लगा , क्रिकेट के इस संस्करण को भी काफी पसंद किया जाने लगा है , अभी हाल ही के संपन्न हुए आईपीएल भी क्रिकेट प्रेमियों के सर चढ़कर बोलता रहा है । वनडे हो या उसके बाद टी ट्वेन्टी का संस्करण क्रिकेट के बदलते और आधुनिकतम वो रूप है जिसका जायका पसंद तो सभी को है लेकिन क्रिकेट का क्लासिकल स्वरूप उसके टेस्ट फार्मेट में ही अंतर्निहित है । दरअसल पांच दिनों तक खेले जाने वाले इस संस्करण में बल्लेबाज के बल्ले का दम और गेंदबाज के कौशल को मापा जाता है । सही मायनों में टेस्ट ही वो मौलिक संस्कृति है जो क्रिकेट की आत्मा है । यह संस्कृत रूपी उस भाषा के समान है जिसके बिना हर भाषाएं आधारहीन है , अधूरी हैं ।
बहरहाल 7 जून से इंग्लैंड के ओवल में क्वालिफाइड दो टीमों ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच डब्ल्यू टी सी का फाइनल मैच खेला जा रहा है । इन दोनो टीमों ने ने एक लंबी प्रक्रिया से गुजर कर फाइनल में अपनी जगह बनाई है ।
7 जून की ओवल की सुबह टॉस जीतकर भारतीय कप्तान रोहित शर्मा ने गेंदबाजी का निर्णय लिया , जो निराशाजनक इन मायनो में रहा कि ऑस्ट्रेलिया ने अपनी पहली पारी में 469 रन बना लिए जिसमें स्टीव स्मिथ और हेड ने अच्छी बल्लेबाजी करते हुए शतक जड़ दिए । जवाब में भारतीय ऊपरी बल्लेबाजी क्रम प्रभावहीन दिखी । यद्यपि मध्यक्रम में रहाणे, रविन्द्र जडेजा और शार्दुल ठाकुर ने भारत को पहली पारी में 296 रन तक पहुंचा दिया । दूसरी पारी में ऑस्ट्रेलिया ने 270 रन पर अपनी पारी घोषित कर दी और भारत को 444 रन बनाने का एक बहुत मुश्किल लक्ष्य दिया है । चौथे दिन के खेल की समाप्ति पर भारत ने 164 रन पर तीन विकेट खो दिए हैं , और क्रीज पर विराट कोहली और अजिंक्य रहाणे नाबाद खेल रहे हैं । भारत को अंतिम दिन जीत के लिए 280 रन और बनाने हैं और ऑस्ट्रेलिया को भारतीय टीम के 7 बल्लेबाजों को आउट करना है । अंतिम दिन का खेल दिलचस्प होगा और सभी क्रिकेट प्रेमियों और विश्व की निगाहें इसपर जमी होगी। नतीजा जो भी हो क्रिकेट की खूबसूरती इस खेल के समापन के साथ और निखरेगी। भारत टेस्ट विश्वकप का विजेता बने एक भारतीय होने के नाते ये आकांक्षा हम सभी की है ।~एवमस्तु ~ ऋतेश आर्यन