shabd-logo

जीने की कला जानो तो मिलेगी सच्ची खुशी और शांति

27 जनवरी 2015

3456 बार देखा गया 3456
ईश्वर: क्या तुमने मुझे याद किया? मनुष्य: आपको याद किया? आप कौन हैं? ईश्वर: मैं ईश्वर हूं। तुम्हारी प्रार्थना सुनी। सोचा बात करूं। मनुष्य: मैं प्रार्थना तो करता हूं। लेकिन अभी बिजी हूं। ईश्वर: चंचलता तुम्हें व्यस्त रखती है। लेकिन उत्पादक काम करोगे तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। मनुष्य: ये बताएं आज का जीवन इतना जटिल क्यों हो गया है? ईश्वर: बाल की खाल उतारने के कारण। जब तुम ज्यादा चीरफाड़ करते हो तो संदेह करने लगते हो, लेकिन जब तुममें विश्वास रहता है तो तुम जीतते हो। मनुष्य: हम लगातार दुखी क्यों रहते हैं? ईश्वर: तुम्हें आज की जगह बीते कल या आने वाले कल की चिंता सताती है। यह तुम्हारा स्वभाव बन गया है। इसी से तुम खुश नहीं रह पाते। मनुष्य: अच्छे लोग ही क्यों कष्ट पाते हैं? ईश्वर: हीरे को बिना घिसे पॉलिश नहीं किया जा सकता। सोना आग में तपाए बिना शुद्ध नहीं हो सकता। अच्छे लोगों को परीक्षाओं से गुजरना पड़ता है। लेकिन वे कष्ट भी भोगते हैं। ऐसे अनुभवों के कारण उनका जीवन बेहतर हो जाता है। अच्छे लोग विपत्ति, क्लेशों, कष्टों में भी सुअवसर ढूंढ लेते हैं। यही उन्हें मेरी ओर उन्मुख कर मेरे करीब लाता है। मनुष्य: इतनी सारी समस्याओं के बीच मैं भटक गया सा अनुभव कर रहा हूं। ईश्वर: सिर्फ बाहर देखोगे तो तुम्हारा मार्गदर्शन नहीं हो सकता। अपने अंदर झांको। मनुष्य: कठिन परिस्थितियो में भी धैर्य कैसे बनाए रखूं? ईश्वर: तुमने जो पा लिया है, उसे याद रखो न कि जो अभी पाना है। जो मिला है, उसे वरदान समझो, जो नहींमिला उस पर दुख मत करो। मनुष्य: हमारे व्यवहार में आपको क्या हैरान करता है? ईश्वर: जब कष्ट होता है तो लोग कहते हैं- 'मुझे क्यों?' जब वे संपन्न होते हैं तब नहीं कहते 'मैं क्यों?' मनुष्य: इस संसार में क्यों आया हूं? मुझे इस प्रश्न का उत्तर नहीं मिलता। ईश्वर: जब किसी वस्तु या प्राणी की रचना की जाती है, उसका उद्देश्य मेरे मन में साफ रहता है। मनुष्य: अपना जीवन कैसे आनंदमय बनाऊं? ईश्वर: अतीत का पश्चाताप करके सामना करो। वर्तमान को विश्वास से जिओ। भविष्य के लिए निडर रहो। मनुष्य: धन्यवाद। मैं अपनी दिनचर्या नए जोश और उत्साह के साथ शुरू कर सकता हूं। ईश्वर: मैं किसी प्रतिमा में नहीं रहता। हां, विश्वास बनाए रखो और डर त्याग दो। अपने संदेह पर विश्वास मतकरो। विश्वासों पर भी संदेह मत करो। जीवन केवल अभाग्य, दुर्गति नहीं है। अपने सच्चे प्रेम का आविष्कार करो।जादू-टोना, झाड़-फूंक, नजर-गुजर, वहमों, ओझाओं से दूर रहो। जीवन न तो चमत्कार से चलता है और नअंधविश्वास से। तुम जीने की कला जान लो तो सच्ची खुशी और शांति पा सकोगे। courtesy Ekda.nbt.in
raj moya

raj moya

Nice Line

28 जनवरी 2015

1

जीने की कला जानो तो मिलेगी सच्ची खुशी और शांति

27 जनवरी 2015
1
0
1

ईश्वर: क्या तुमने मुझे याद किया? मनुष्य: आपको याद किया? आप कौन हैं? ईश्वर: मैं ईश्वर हूं। तुम्हारी प्रार्थना सुनी। सोचा बात करूं। मनुष्य: मैं प्रार्थना तो करता हूं। लेकिन अभी बिजी हूं। ईश्वर: चंचलता तुम्हें व्यस्त रखती है। लेकिन उत्पादक काम करोगे तो अच्छे परिणाम मिलेंगे। मनुष्य: ये बताएं

2

सहायता करने के पीछे की सोच का अंतर

31 जनवरी 2015
1
1
0

एक बार श्री कृष्ण और अर्जुन भ्रमण पर निकले तो उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राहमण को भिक्षा मागते देखा.... अर्जुन को उस पर दया आ गयी और उन्होंने उस ब्राहमण को स्वर्ण मुद्राओ से भरी एक पोटली दे दी। जिसे पाकर ब्राहमण प्रसन्नता पूर्वक अपने सुखद भविष्य के सुन्दर स्वप्न देखता हुआ घर लौट चला। किन्तु उ

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए