घने कोहरे में , हल्की रोशनी के सहारे मैं धीरे धीरे मेन गेट की दिशा में आगे बढ़ रहा था कि तभी अचानक मेरे मन में एक विचार उठा...
" क्या मेरा मेन गेट खोलना उचित रहेगा... इन चोरों के दल पर इस तरह से भरोसा नहीं किया जा सकता है, हो सकता है कि इन्होंने कोई योजना बना रखी है, इनका ट्रक भी गेट के पास ही रुका हुआ है... अगर मैंने छोटा गेट खोल भी दिया तो हो सकता है कि ट्रक में कुछ अन्य सदस्य भी मौजूद हों... मौक़ा पाकर वे भी फैक्ट्री में प्रवेश कर सकते हैं, इसलिए मुझे कुछ सोच समझकर ही क़दम उठाना पड़ेगा," मैंने अपने मन में विचार करते हुए ख़ुद से कहा, अब मैं मेन गेट के बिलकुल नज़दीक पहुंच चुका था और ट्रैक के पीछे जलने वाली टेल लाईट कोहरे में जलती हुई दिखाई पड़ रही थी।
" ऊ ससुरा गार्ड... गेट के लग्गे पहुंच गया होगा, हमार इशारा पाते ही सब लोगन सतर्क हो जाना... ई मौका हाथ से निकलने न पाए... ऊ हम पचे के झांसे में आ गया होई और अब तक तो गेट खोल चूका होई... बस हमरे इशारे का इंतज़ार करना लोगन," उन चोरों के लीडर ने अपनी बनाई हुई योजना पर काम करते हुए, एक बार फ़िर से अपने साथियों के कान खड़े कर दिए।
" तू चिन्ता न करा... बस अपन जुगाड़ पर फोकस करा, एक बार गेट के लग्गे पहुंचते तोहार इशारे पर काम होई... पन याद रखा ऊ गार्ड बहुत शातिर ब, कोई भूल न होए के चाही," अपने लीडर की बातों को सुनकर एक चोर ने अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए अपने साथियों से कहा।
" अब बकैती मत पेला और उठावा अपन मनई को, हर एक मनई को अपन कंधे पर लादा और आगे बढ़ा... इक बार गेट खुल जाय , ओकर बाद तो ऊ गार्डवा के हम पचे मिलकर मुआ देब, चला जल्दी करा लोगन," उन्हीं चोरों के दल में से एक ने अपने साथियों की बातें सुनकर अपनी राय प्रकट करते हुए कहा और उसके कहते ही उन सभी ने अपने बेहोश पड़े साथियों को कन्धों पर लादा तथा मेन गेट की दिशा में आगे बढ़ने लगे।
" पता नहीं क्या कर रहे हैं सब... काफ़ी देर हो चुकी है और अब तक वे सभी गेट के पास नहीं पहुंचे हैं... मुझे तो दाल में कुछ लगता है, अब जब तक वो गेट के पास नहीं पहुंचते हैं, तब तक पता नहीं चल पाएगा कि आख़िर क्या चाहते हैं... मैंने मेन गेट इसलिए अब तक खोला नहीं है, जब नज़दीक पहुंचेंगे तभी पता चल पाएगा कि आख़िर कौन सी योजना बना रखी है सबने मिलकर... आ ss ह, लगता है कि मेरा ब्लड प्रेशर भी लो हो रहा है, जिस वजह से हल्का चक्कर सा आ रहा है, अगर एेसे में मुझे उनका मुकाबला करना पड़ा तो पता नहीं क्या होगा, लेकिन अब जो भी होगा वो देखा जाएगा," मैंने मेन गेट के पास स्थित झाड़ियों के पीछे बैठकर, उन चोरों का इन्तजार करते हुए ख़ुद से बातें की।
" पी ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं... पी ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं ईं," तभी अचानक एक बार फ़िर से EMC में गश्त लगाते हुए सिक्युरिटी गार्ड के व्हिस्टल की आवाज़ ख़ामोशी का सीना चीरते हुए चारों ओर गूंज उठती है।
" लगता है कि अब वो सिक्युरिटी गार्ड EMC के जंगलों से निकलकर अपनी छावनी के क्षेत्र में पहुंचने वाला है... अब मुझे मदद मिल जाएगी आराम से, जल्दी थोड़ा जल्दी करो बड़े भाई, यहां छोटे को तुम्हारी ज़रूरत है... अपने कदमों को तेज़ी से अपनी छावनी की दिशा में आगे बढ़ाओ," मैंने EMC के सिक्युरिटी गार्ड के व्हिस्टल की आवाज़ सुनते ही ख़ुद से बातें करते हुए कहा।
" लागत बाटे कि बगल की फैक्ट्री का सिक्युरिटी गार्ड भी अपन छावनी तक पहुंचे वाला है... जल्दी करा लोगन, जल्दी जल्दी अपन क़दम बढ़ावा , इससे पहले कि इस फैक्ट्री का गार्ड बग़ल वाली फैक्ट्री से मदद मांग बैठे, ऊ ससुरा तक पहुंच कर, ओकर हस्ती मिटाए के पड़ी... अब जल्दी जल्दी चला, मर्दवा," EMC के सिक्युरिटी गार्ड की व्हिस्टल की आवाज़ सुनते ही चोरों के लीडर ने अपने साथियों से कहा और सभी तेज़ी से अपने कदम बढ़ाते हुए मेन गेट की दिशा में बढ़ने लगे... अपने घायल साथियों को पीठ पर लादकर तेज़ी से आगे बढ़ने में उन्हें थोड़ी असुविधा हो रही थी, लेकिन फ़िर भी उनके लिए ये करो या मरो वाली परिस्थिति थी, इसलिए वे सभी अपने जुगाड़ पर ध्यान केंद्रित करते हुए घने कोहरे में आगे बढ़ रहे थे।
" आ ss ह... देखो वो रही चोरों की टोली, पोल पर लगे 200 वॉट के बल्ब की रोशनी में उन्हें देखने में इतनी असुविधा नहीं हो रही है... एक के पीछे एक चलकर सब इसी दिशा में आगे बढ़ रहे हैं... अब मुझे झाड़ियों से बाहर निकल कर गेट के पास स्थित पोल के नीचे खड़े हो जाना चाहिए, ताकि घने कोहरे में भी जल रहे इस 200 वॉट के बल्ब की रोशनी में मेरा धुंधला अक्स उन्हें दिखाई पड़े... लड़ने के लिए तैयार हो जाओ बेटा एडविन," तभी अचानक मेन गेट के सामने के मोड़ पर स्थित पोल से आ रही 200 वॉट के बल्ब की रोशनी में मुझे उन चोरों का अक्स अपनी ओर अाता दिखाई पड़ा, तो मैंने ख़ुद से बातें करते हुए कहा और फिर झाड़ियों से निकल कर मेन गेट के नज़दीक स्थित पोल के नीचे आकर खड़ा हो गया, ताकि वे सभी मुझे देख सकें।
" देखा... ऊ खड़ा बाटे ससुरा... अब सभी होशियार रहा, जईसन ही गेट के नज़दीक पहुंची हम पचे, तो हमार इशारे का इंतज़ार करा लोगन... लागत बाटे गेटवा खोल कर ही खड़ा ब ससुरा... तू लोगन कहत रहे बहुत शातिर ब ससुरा, लेकिन देखा आ गवा बाटे हमरे झांसे म... जईसन हम इशारा करी, ट्रक में रुकल हमार साथी सब गेट के अन्दर घुसी... और याद रखा तू सभी जानत बाटे, हमार इशारा पाते ही तू लोगन के का करे के ब... कोई चूक न होई के चाही," उन चोरों के लीडर ने दूर से ही घने कोहरे में दो सौ वॉट के बल्ब की हल्की रोशनी में, मेरे अक्स की झलक पाते ही आख़िरी बार अपने साथियों को सतर्क करते हुए कहा।
TO BE CONTINUED...
©IVANMAXIMUSEDWIN.