" आ ss ह... कुछ भी हो मुझे अपने हाथों से बह रहे ख़ून को किसी भी हालत में रोकना पड़ेगा... बहुत गहरा घाव कर दिया है , सर्दी के कारण चोट लगने पर और भी अधिक दर्द होता है , हथेली तो बिलकुल चिपचिपी पड़ चुकी है बहते ख़ून के कारण ... EMC की दीवार फांदकर मदद मांगने का विचार कैंसिल करना पड़ेगा , जेब से रुमाल निकाल कर बाएँ हाथ के घाव पर बांध लेता हूं... इससे ख़ून बहना बंद हो जायेगा कुछ देर के लिए, उसके बाद उन कमीनो को सबक सिखाता हूं," अपने बाएं हाथ के गहरे ज़ख़्म को देख कर मैंने अपने मन में विचार करते हुए ख़ुद से कहा और फ़िर अपनी जीन्स की जेब से रुमाल निकाल कर किसी तरह अपने घाव पर बांध लिया ताकि बहते ख़ून को रोक सकूं... कोहरे के बादल अब भी छटे नहीं थे इसलिए आस पास का कुछ भी देखने में असुविधा हो रही थी।
" देखा अब भी समय बाटे... हमार पचे की बात माना और इंहा से निकल चला, एही में सबके भलाई बाटे... भोर होने में अब ज्यादा समय नहीं बचल बाटे, तनि सुना हो मर्दवा," शम्भु ने अपने लीडर को सतर्क करते हुए अपनी राय प्रकट की ।
" ई नईखे हो सकल बाटे... ऊ ससुरा के अच्छे से सबक सिखाए बगैर हम पचे ईंहा से न हिली... तोके जाए के हो तो जावा और ट्रक में बैठा... हम पचे को न समझावा," उस लीडर ने अपने साथी की बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए कहा।
" तो बतावा का करे के बाटे... अब फ़िर से ऊ ससुरा फिरंगी के ढूंढे के पड़े... अईसने बहुत देर गइल बाटे , अब और समय बरबाद करे के पड़ी तो भोरे हो जाई... पता नहीं ऊ ससुरा अब फैक्ट्री के कौन से कोनवा म छिपले बाटे," कल्लू ने अपने साथियों की बातें सुनकर अपनी राय प्रकट करते हुए पूछा।
" पी ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं... पी ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं ss ईं," तभी अचानक एक बार फ़िर से EMC के सिक्युरिटी गार्ड के व्हिस्टल की आवाज़ सभी का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है।
" सुना... ई से पता चलत बाटे कि ससुरा इसी फैक्ट्री में बाटे और कहीं छुपल बाटे... नहीं तो अब तक हंगामा मच गईले बाटे , ऊ EMC के सिक्युरिटी गार्डवा से मदद मांगे बजाए , यहीं कहीं होई... अब सब लोगन फ़ैल जावा और जी के हाथ ऊ ससुरा लगी अच्छे से कूटा लोगन," उस लीडर ने अपने साथियों को आदेश देते हुए समझाया और उसके आदेश का पालन करते हुए सभी फैक्ट्री में मेरी तलाश एक बार फ़िर से शुरू कर देते हैं।
" अब उन्हें सबक सिखाने का समय आ चुका है... अगर मैं ज़्यादा देर यहीं रुकूंगा तो लगातार बहते ख़ून के कारण, कुछ देर बाद मुझे चक्कर अाने लगेंगे और मैं उनका मुकाबला करने के बजाए, यहीं बेहोश पड़ा हुआ मिलूंगा... कुछ तो करना ही पड़ेगा ," मैंने अपने मन में विचार किया और फिर अपने छुपने के स्थान से बाहर निकल कर उनका मुकाबला करने के लिए आगे बढ़ गया। मेरे पास ज़्यादा समय नहीं बचा था, क्यूंकि कुछ ही देर में मुझे चक्कर अाने वाला था, इसलिए इस बात का ध्यान रखते हुए मैंने अपने दिमाग में एक योजना बना ली। कुल्हाड़ी और नान चाकू तो मेरे पास थे ही तथा लाठी को मैंने जंगल में ही छुपा कर रखा था... तो बस मेरी योजना यही थी कि फैक्ट्री में घुसे नशेड़ी चोरों को डरा कर बाहर भगाना था, जिसमें घना कोहरा मेरा भरपूर साथ देने वाला था।
मैं मौके की नज़ाकत को समझते हुए कोहरे में जल्दी जल्दी आगे बढ़ रहा था और घने कोहरे का फ़ायदा उठाते हुए मैंने फैक्ट्री में भटक रहे एक चोर पे अकेला पाकर धाबा बोल दिया... " स ss टा ss क... आ ss ई ss या", घने कोहरे में उस पर हमला कहां से हुआ, उसे ज़रा भी भनक नहीं लगी... नान चाकू के तेज़ प्रहार ने उसे चीखने पर मजबूर कर दिया... पर मैं भी इतने में रुका नहीं " ख ss टा ss क... आ ss ह," नान चाकू के तेज़ प्रहार के बाद भी मैं रुका नहीं और एक बार फ़िर ज़ोरदार कुल्हाड़ी के पिछले हिस्से का प्रहार उसके सिर पर किया... वो दर्द के कारण वहीं बेहोश हो गया... मौके का फ़ायदा उठा कर मैं तुरन्त ही कोहरे में गायब हो गया।

" ई का होई गवा बाटे... ईका मतबल ऊ यहीं कहीं बाटे... जाकर खोजा हो लोगन और मुआ दिया ससुरा के, बाद में इको ट्रक में लादा... जावा और जा के ढूंढा , अब खड़े खड़े हमार पचे का चेहरा का निगोरत बाटे, जा जल्दी जावा," अपने साथी की चीख सुनते ही आवाज़ का पीछा करते हुए उसके सभी साथी नज़दीक पहुंचे... अपने साथी चोर को ज़ख्मी हालत में बेहोश पड़ा हुआ देख उनका लीडर आग बबूला हो गया और उसने अपने सभी साथियों को मुझे ढूंढते ही जान से मारने का आदेश दे दिया... सभी उसके आदेश का पालन करते हुए मेरी तलाश में जुट गए।
" ओ ss हेल्लो, यहां.. ख ss टा ss क... अा ss ई," घने कोहरे में मुझे तलाश कर रहे एक चोर को मैंने पीछे से आवाज़ दिया , मेरे अचानक ही पीछे से आवाज़ देने पर वह बुरी तरह घबरा गया और जैसे ही पीछे मुड़ा मैंने कुल्हाड़ी के पिछले हिस्से का ज़ोरदार प्रहार उसके सिर पर कर दिया... जिससे वह पलक झपकते ही ज़मीन पर गिर पड़ा , फिर भी मैं रुका नहीं और एक बार फ़िर से मैंने उसके सिर पर उल्टी कुल्हाड़ी से प्रहार किया ," ख ss टा ss क... ऊ ss ह," प्रहार इतना ज़ोरदार था कि उसके मुंह से दबी हुई आह निकली और वो बेहोश हो गया... मैंने वहां रुकना मुनासिब नहीं समझा और एक बार फ़िर से घने कोहरे का फ़ायदा उठा कर मैं कोहरे में गायब हो गया।
उसके साथी उसकी आवाज़ सुनते ही एक बार फ़िर से दौड़ते हुए अपने साथी चोर के पास आए और उसे ज़ख्मी हालत में ज़मीन पर बेहोश पड़ा हुआ पाया... उसके सिर से बहता ख़ून ये बयां कर रहा था कि उसकी हालत गम्भीर है और उसके साथियों के माथे पर उभरी चिन्ता की लकीरें ये बयां कर रही थीं, कि अब उन चोरों के मन में मेरे प्रति दहशत बढ़ गई थी तथा मैं ज़ख्मी हालत में भी उन आठ लोगों पर भारी पड़ रहा था, क्यूंकि अकेला होते हुए भी हार मानने को तैयार नहीं था।
TO BE CONTINUED...
©IVANMAXIMUSEDWIN.

Note - Search results for the founder of Nanchaku Backward Block Techniques approved by Maximum Martial Arts Society on Google... No Martial Artist had ever attempted this move, even Bollywood action heroes didn't knew about this unique techniques... I even challanged Akshay Kumar ,Tiger Shroff and many more on social media for Nanchaku Backward Block Techniques, but they are just copy cats of Bruce Lee, they can't take a step further or think about it...