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वो सर्द रात- 12

19 मई 2023

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" ई ससुरा के अच्छे से सबक सिखाई के पड़ी ... कस के पकड़ा हो शम्भु, आज ई के पता चली कि हम पचे से टकराए का अंजाम का होवत हई," उन चोरों के लीडर ने अपने साथी को आदेश देते हुए कहा। 

" जाए द... ज्यादा बकैती मत करा, हमरा कहा माना और यहां से निकल चला, आज का दिनवा ही मनहूस बाटे... तभिने ई ससुरा हम पचे से टकरा गया, बात माना हम पचे के निकले में ही भलाई बाटे," शम्भु ने अपने लीडर की बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए जवाब दिया। 

" ई कईसन हो सकत बाटे... ई कमिना के सबक सिखाए बिना हम पचे ईंहा से न हिली... तो के साथ देवे के ब तो रुका , नहीं तो ट्रक में जाकर बैठा... हम पचे के न सिखावा कि का करे के बाटे... बुझला," उस लीडर ने अपने साथी को सख्ती से आदेश देते हुए कहा। 

" का करे के ब... बतावा का करा जाई की तोहार करेजवा में ठंडक पहुंची, जान से मारे के ब का इकरा... अगर जान से मारे के ब तो ई की चीख दबाई के पड़ी, वर्ना बहुत बवाल मची," शम्भु ने अपने लीडर की बातों को सुनकर उसे सुझाव देते हुए कहा। 

" ई ससुरा को मरे के पड़ी... लेकिन तिल तिल करके,  पहले ई का मुंहवा दबावा मर्दवा ," उस लीडर ने अपने साथी की बातों को सुनकर अपनी राय प्रकट की... उसका आदेश मिलते ही उसके एक साथी ने मेरा मुंह अपने हाथ से कस कर दबा दिया ताकि मेरी चीख न निकले। 

" अब ई का बायां हाथ पकड़ा और सीधा करा, ई के शरीर का आधा लीटर ख़ून कैसे निकली, हम दिखावत हई," उस लीडर ने मेरा मुंह बन्द होता देख अपने दूसरे साथी को आदेश दिया और उसने कस कर मेरा बयां हाथ बिलकुल सीधा पकड़ लिया ... ये देखते ही उस लीडर ने अपनी शर्ट की जेब से एक ब्लेड निकाला और सीधा मेरे बाएं हाथ पर चला दिया... ब्लेड चलते ही तेज़ बहते लहू की धारा निकल पड़ी और पीड़ा के कारण मैं तड़प उठा। 

" तो के पता ब फिरंगी... हम पचे साथ में ब्लेड किस लिए रखले बाटे... नहीं पता बाटे तो हम बतावत हई, ताकि ई ब्लेड से कोकीन और चरस की पुड़िया काट के बराबर कर सकीला... कभी कभी ई तोहार जईसन लोगन के सबक सिखाए खातिर भी इस्तेमाल होवत बाटे," उस लीडर ने मुझे तड़पता हुआ देख मुझसे कहा, मेरी तड़प उसकी जीत का जश्न मना रही थी और ये उसके चेहरे से साफ़ पता चल रहा था... 200 वॉट के बल्ब की हल्की रोशनी में उसके चेहरे पर छाई हुई मुस्कान साफ़ दिख रही थी। मैं समझ चुका था कि अब अगर मैंने कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई तो अगली बार ब्लेड मेरी गर्दन पर चलेगा। मैंने अपनी तकलीफ़ दिखाने का नाटक करते हुए इधर उधर फड़फड़ाना शुरु कर दिया ताकि उनमें से किसी की पकड़ ढीली पड़ जाए और जब मुझे ये एहसास हो गया कि मेरे पीछे खड़े हुए एक शख़्स की पकड़ मेरी गर्दन पर ढीली पड़ गई है...



" ध ss ड़ा ss क... अा ss ह," मैंने एक ज़ोरदार किक थोड़ा आगे हो कर पीछे की ओर मारी , किक इतनी ज़ोरदार थी कि उसके मुंह से निकली आह सबको साफ़ साफ़ सुनाई पड़ी... 

अचानक ही अपने साथी को नीचे गिरता देख उन दोनों की  भी पकड़ ढीली पड़ गई, जिन्होंने मेरे हाथों को पकड़ रखा था... मैंने मौका पाते ही एक किक और जड़ दी ," ध ss ड़ा ss क"... अा ss ई," इस बार किक सीधे लीडर की टांगो के बीच जड़ दी, जिससे उसके अखरोट फूट गए और उसकी चीख निकल गई... सब कुछ इतनी जल्दी हो रहा था कि उन दोनों के समझ में कुछ भी नहीं आ रहा था जिन्होंने मेरे दाएं और बाएं हाथों को पकड़ रखा था... 
" ध ss ड़ा ss क... भ ss ड़ा ss क... या ss अा ss ह," मौके का फ़ायदा उठाते ही मैंने दाएं और बाएं दो साइड किक्स मारी और उन दोनों नमूनों से छुटकारा पा लिया। दर्द और ज़ख़्म के कारण मैंने वहां रुकना उचित नहीं समझा तथा अपनी कुल्हाड़ी नीचे पड़े एक चोर के हाथों से छीनकर आगे EMC की टूटी दीवार की ओर भागा। 

" देखा बकैती करे का अंजाम का होवत बाटे... अब पकड़ा ऊ ससुरा के... कल्लू रोका ऊ के , दीवार के पार न जाए दिहा," नीचे पड़े एक चोर ने चिल्लाते हुए अपने साथी को आवाज़ लगाई, जो कंस्ट्रक्शन साइट के एरिया से मेरी तरफ़ बढ़ा चला आ रहा था... अपने साथी की आवाज़ सुनते ही वो सतर्क हो गया। 

भागते हुए मैंने अपनी कुल्हाड़ी बाएं हाथ में पकड़ रखी थी इसलिए उसकी आवाज़ सुनते ही मैंने अपनी बेल्ट में दबे हुए एक नान चाकू को अपने दाएं हाथ से निकाला और सामने से दौड़े चले आ रहे कल्लू का सामना करने के लिए तैयार हो गया। उसके नज़दीक आते ही मैंने नान चाकू को हवा में लहराते हुए फॉरवर्ड ब्लॉक में दबा लिया और कल्लू की लाठी के प्रहार को अपने बाएं हाथ से रोक लिया तथा नान चाकू के लो ब्लो स्ट्राइक से उसकी थुडडी को निशाना बनाया, " स ss टा ss क... ऊ ss ह"... प्रहार ज़ोरदार था और कल्लू की दबी हुई आह निकल पड़ी। कल्लू को अपने लो ब्लो स्ट्राइक का शिकार बनाते ही मैंने रुकने का नाम नहीं लिया और लो ब्लो स्ट्राइक मारते ही मैंने नान चाकू को अपने बैकवर्ड ब्लॉक में दबा लिया। 
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इससे पहले कि कल्लू दोबारा ख़ुद को सम्भाल पता मैंने ये तय कर लिया था कि उसे सम्भलने नहीं देना है, इसलिए मैंने एक बार फ़िर से नान चाकू को अपने बैकवर्ड ब्लॉक से रिलीज़ किया और इतना फोर्स पैदा कर दिया कि हाई 
ब्लो स्ट्राइक से उसके होश उड़ा सकूं... " स ss टा ss क... आ ss ई ss या," निशाना बिलकुल सही लगा और कल्लू की खोपड़ी पर तेज़ लाठी चार्ज का प्रहार हुआ , जिससे उसे घने कोहरे के बीच में तारे नज़र आने लगे और वह कुछ देर के लिए ज़मीन पर गिर पड़ा। उसके ज़मीन पर गिरते ही मैंने मौके का फ़ायदा उठाया और तेजी से कोहरे में भागते हुए गायब हो गया।
TO BE CONTINUED...
©IVANMAXIMUSEDWIN.

NOTE- Ivan Edwin is an only Martial Artist in the world to grab Nanchaku Backward under his armpit... No Martial Artist had ever attempted this move... Ivan is the founder of Nanchaku Backward Block Techniques approved by Maximum Martial Arts Society on Google... This is the reason why maker's of upcoming movie " Animal" have copied " दहशत की रात"... Both the leading characters are carrying an axe...


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रचनाएँ
दहशत की रात...
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आज मैं आपको एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी सुनाने जा रहा हूं... एक ऐसी घटना जो किसी भी आम इन्सान के साथ घटित हो तो उसे पूरी तरह से दहशत से भर देती है... ऐसी ही एक घटना मेरे साथ घटित हुई थी जब मैं अपनी सरकारी नौकरी कर रहा था, ये घटना नैनी इलाहाबाद (प्रयागराज) की है जहां पर मेरा पोल मैन्युफैक्चरिंग सब डिविजन ऑफिस है ... मेरा सब डिविजन एक ऐसी जगह है जहां पर दिन भर तो सब कुछ ठीक ठाक चलता है लेकिन जैसे ही जैसे रात होने लगती है , डर लगने लगता है... एक अनजान डर ,जो किसी भी आम इन्सान को रात भर चैन से सोने नहीं देता है...
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भूखे लकड़बग्घे...

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"अब क्या होगा... क्या करूं , इनका अकेले मुक़ाबला करना सही रहेगा या इनके वार का इंतज़ार करूं .... बहुत जल्द ही ये और नज़दीक आ जाएंगे ... मेरे पास तो एक ही कुल्हाड़ी है," ये सारी बातें मेरे दिमाग़ में च

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पहली बार खट खुट की कुछ आवाज़ें सुनकर मैंने नज़र अंदाज़ कर दिया पर उस सर्द कोहरे की रात को अचानक ही फिर से मुझे वही आवाज़ सुनाई दी , जब मैं आग के पास फैक्ट्री के शेड में बैठ मोबाइल में बाउंस नामक वीडिय

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मैं धीरे धीरे कंस्ट्रक्शन साइट के अंत तक पहुंच रहा था कि तभी अचानक घने कोहरे के पर्दे को तेज़ी से चीरता हुआ एक अजनबी साया मुझसे कुछ दूरी पर दाएं से बाएं हाथ की ओर दौड़ लगाता है, जिस ओर डिविजन स्टोर मौ

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" जल्दी करा हो... जल्दी करा," मेरे नज़दीक पहुंचते ही फैक्ट्री में मौजूद चोरों के दल में से एक ने अपने साथियों को निर्देश देते हुए कहा , उन्हें मेरी मौजूदगी का अहसास बिलकुल भी नहीं था ... जल्द ही मैं फ

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19 दिसम्बर की रात को मेरी खाकी वर्दी का इम्तिहान था जो मुझे पुलिस विभाग के चरित्र प्रमाण पत्र बनने के बाद बिजली विभाग द्वारा अलॉट की गई थी , नैनी इलाहाबाद में क़दम रखने से पहले ताकि मैं चोरों का मुकाब

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" फुस्स ss फुस्स ss स ss स... फुस्स ss स ss स... फुस्स ss स ss स ss स," आखिरकार फुसफुसा कर नाग देवता मेरे बाएं कंधे से मुझे सूंघते हुए नीचे उतर ही रहे थे मेरे पैरों से होते हुए की तभी अचानक..." कोनो ब

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वो सर्द रात- 6

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"ओ ss ह... तो पूरा गिरोह मौजूद है... आज तो एक नहीं कई मुसीबत एक साथ पधार गई है... कुछ तो करना ही पड़ेगा इन्हें रोकने के लिए , नहीं तो एक साथ इनका मुकाबला करना पड़ेगा... ट्रक में भी तीन चार लोग दि

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वो सर्द रात- 7

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" सुबह के ढाई बज रहे हैं और रौशनी होने में भी अभी काफ़ी समय है... मुझे कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा वर्ना एेसे छुप कर कभी भी पकड़ा जा सकता हूं... चलो कम से कम पांच मिनट तक तमाशा देखता हूं उसके बाद निकल कर

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" मैं यहां ज़्यादा देर तक नहीं रुक सकता हूं... आस पास कोहरा इतना ज़्यादा है कि कुछ भी नज़र नहीं आ रहा है... हो सकता है कि नीचे उतरते ही पकड़ा जाऊं, कोहरे के कारण कुछ भी नहीं दिख रहा है, पेड़ के

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वो सर्द रात- 9

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अगर अवैध बिजली कटौती न करवाई गई होती ऑक्टोबर 2005 को मेरी तनख्वाह से, तो अब तक मैं चन्दौली जिले में स्थित व्यास नगर कॉलोनी में विभागीय आवास ले चुका होता, क्यूंकि मेरा सब डिविजन ऑफिस वहीं पर स्थित था..

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वो सर्द रात- 10

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मैं कंस्ट्रक्शन साइट के नज़दीक स्थित 9.0 मी पोल के क्योरिग टैंक की आड़ में जा छुपा था... पीठ में घुसे बेर की डाल के कारण असहनीय पीड़ा उठ रही थी , मुझे किसी भी हालत में उस मोटी डाल के टुकड़े को अपनी पी

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अपने स्वेटर की आस्तीनो को ऊपर कर मैं अपने दाएं हाथ में कुल्हाड़ी पकड़े, जिसकी धार पर उन चोरों के लीडर की गर्दन टिकी थी तथा अपने बाएं हाथ से उसे गर्दन से दबोचे हुए , मैं मेन गेट की दिशा में बढ़ रहा था

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वो सर्द रात- 13

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" आ ss ह... कुछ भी हो मुझे अपने हाथों से बह रहे ख़ून को किसी भी हालत में रोकना पड़ेगा... बहुत गहरा घाव कर दिया है , सर्दी के कारण चोट लगने पर और भी अधिक दर्द होता है , हथेली तो बिलकुल चिपचिपी पड़ चुकी

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वो सर्द रात- 14

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" सन न न न... स ss टा ss क... आ ss ह," घने कोहरे का फ़ायदा उठा कर मैंने एक और चोर को अपना शिकार बनाया, नान चाकू को तेज़ी से घुमाते हुए कोहरे के बादलों को काटते हुए सीधा उस चोर की खोपड़ी पर प्रहार किया

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" देख ला... हम पचे पहले ही कहत रहे कि चला ईहां से... का मतबल हुआ रुके का... पर तोहार समझ में नईखे आवत बाटे, अभिनों हमरी बात माना और इहां से निकल चला... नहीं तो ऊ ससुरा किसी को न छोड़ी," अपने साथी को म

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जुगाड़- 2

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घने कोहरे में , हल्की रोशनी के सहारे मैं धीरे धीरे मेन गेट की दिशा में आगे बढ़ रहा था कि तभी अचानक मेरे मन में एक विचार उठा..." क्या मेरा मेन गेट खोलना उचित रहेगा... इन चोरों के दल पर इस तरह से भरोसा

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" उन नशेड़ी चोरों का दल मेरी तरफ़ ही बढ़ रहा है... आ ss ह... मेरा सिर बुरी तरह से घूम रहा है, मुझे इनसे बहुत तोल मोल के बात करनी पड़ेगी, वर्ना बोलने से मेरी सांसों का बंधन टूटेगा और मेरा ख़ून तेज़ी से

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जुगाड़ फेल ख़त्म खेल...

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" ख ss टा ss क... या ss अा ss ह," मेरे दाएं हाथ पर खड़े आदमी के हरक़त में आते ही मैंने उल्टी कुल्हाड़ी का ज़ोरदार प्रहार , उसकी खोपड़ी पर जड़ दिया , ठीक उसकी बाईं आंख के नज़दीक... प्रहार इतना ज़

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