" मैं यहां ज़्यादा देर तक नहीं रुक सकता हूं... आस पास कोहरा इतना ज़्यादा है कि कुछ भी नज़र नहीं आ रहा है... हो सकता है कि नीचे उतरते ही पकड़ा जाऊं, कोहरे के कारण कुछ भी नहीं दिख रहा है, पेड़ के नीचे उतरकर ही पता चलेगा कि अगल बगल कोई है या नहीं... पर कोहरे के कारण पेड़ की डालों पे नमी आ गई है, अगर हाथ फिसला तो सीधा नीचे गिरूंगा... अब जो भी होगा देखा जायेगा," मैंने आस पास के इलाकों पर नज़र रखते हुए ख़ुद में विचार किया, घने कोहरे के कारण कुछ भी देख पाने में असुविधा हो रही थी...
मैं किसी तरह नीचे उतरने लगा और हर डाल को मजबूती से पकड़ रहा था, क्यूंकि ओस की बूंदों ने पेड़ को पूरा गीला कर दिया था... चालीस फीट की ऊंचाई थी नैनी पोल फैक्ट्री में सबसे ऊंचे जंगली पेड़ की... जो फैक्ट्री के जंगल के बीच में स्थित था, वही एक पेड़ था जिससे पूरी फैक्ट्री को आराम से देखा जा सकता था... मैं बीस फीट की ऊंचाई से सावधानी पूर्वक नीचे उतर रहा था... हर एक पकड़ पर ध्यान देते हुए और हर एक डाल नीचे उतरते ही मेरे दिल की धड़कनें भी बढ़ रहीं थीं... मेडिकल साइंस की भाषा में इसे एड्रेनालाईन रश कहा जाता है, इस प्रक्रिया के दौरान दिल की धड़कनें तेज़ी से बढ़ने लगती हैं...अधिवृक्क ग्रंथियों से एड्रेनालाईन की रिहाई के कारण तीव्र उत्तेजना और उत्तेजना की शारीरिक भावना, "ज्यादातर एक्शन फिल्में आपको एड्रेनालाईन रश देने के लिए तैयार की जाती हैं"... अब तक मैं पांच फ़ीट नीचे उतर चुका था और अपने हाथ की हर एक पकड़ द्वारा पेड़ की डाल को मजबूती से पकड़ते हुए, नीचे उतर ही रहा था कि अचानक वही हुआ जिसका डर था, मेरा हाथ फिसला और मेरा बैलेंस बिगड़ गया...
" धा ss ड़ा ss क... ख ss च... आ ss ह," मैं सीधा 15 फ़ीट नीचे आ गिरा और गिरते ही जंगली बेर के काटों की मोटी झाड़ मेरे पीठ में घुस गई... मेरे मुंह से एक दबी हुई आह निकली।
" ऊ बिचवा में आवाज़ सुनाई पड़त बाटे... देखा हो मर्दवा... जल्दी करा हाथ से न निकली," मेरे ज़मीन पर गिरने की आवाज़ सुनते ही चोरों के लीडर ने अपने साथियों को सतर्क करते हुए कहा और सभी उसी दिशा में भागे... भले ही मेरे मुंह से एक दबी हुई आह निकली थी, पर मेरे गिरने की आवाज़ से फैक्ट्री के घुसपैठियों को मेरी जानकारी मिल चुकी थी... मुझे भी 15 फ़ीट नीचे बेर की कटीली मोटी झाड़ पर गिरते ही समझ में आ गया कि हीरोगिरी दिखाना कभी कभी कितना महंगा पड़ सकता है... मैं किसी तरह उठा लेकिन पीठ में मोटी कटिली झाड़ धंसी होने के कारण खड़ा नहीं हो सकता था, इसके लिए मुझे बेर की डाल को काटना पड़ता, सो मैंने एक बार फ़िर से लेट कर, अपने बाएं हाथ में कुल्हाड़ी पकड़ कर दाईं ओर की मोटी डाल पर प्रहार किया...
" ख ss चा ss क"... एक ही वार में डाल को पेड़ से अलग कर दिया और उठ खड़ा हुआ... इतना सब करने के बाद भी मुझे उस वक़्त दर्द का इतना एहसास नहीं हुआ, जितना वहां से निकल कर सुरक्षित जगह पर छुपने पे हो रहा था... पर मैं उस समय अपनी पीठ से उस कटिले मोटे डाल को अलग कर पाने में असमर्थ था...
" ढूंढत रहा यहीं कहीं आस पास होई ... आज ऊ ससुरा बचे के न चाही... आज ऊ के तोड़ के ही दम लेब," तभी अचानक मेरे कानों में नज़दीक आ रहे चोर की आवाज़ पड़ी, जो अपने साथ चल रहे साथी से कह रहा था।
" अगर ये मेरे नज़दीक आ गए तो मैं इन्हें दिख जाऊंगा, घने कोहरे का कोई फायदा नही होगा... इससे अच्छा है की मैं ही इन पर हमला बोल देता हूं मुझे दूसरी तरफ भागने का मौक़ा मिल जायेगा ... ये काम मुझे बहुत तेज़ी से करना पड़ेगा ताकि किसी की पकड़ में न आऊं... तो दौड़ लगाने के लिए शुरू हो जाओ बेटा एडविन," उन्हें अपनी ओर बढ़ता देख मैंने ख़ुद से कहा और वहां से उनकी ओर तेजी से दौड़ कर उल्टी कुल्हाड़ी द्वारा तेज़ प्रहार करने के लिए तैयार हो जाता हूं और पेड़ की आड़ से निकल कर तेज़ी से उनकी ओर दौड़ता हूं।
" भ ss ड़ा ss क... अा ss ई ss ई ss ई," नज़दीक पहुंचते ही मैं सबसे आगे चल रहे एक चोर की खोपड़ी पर तेज़ प्रहार करता हूं और उसकी ज़ोरदार चीख जंगल की ख़ामोशी का सीना चीरते हुए चारों ओर गूंज उठती है , मैं बिना रुके तेज़ी से दूसरे वाले की ओर लपकता हूं... इससे पहले कि उसकी कुछ समझ में आता, " ध ss ड़ा ss क... ऊं ss ह," मैं दूसरे चोर की खोपड़ी के पीछे उल्टी कुल्हाड़ी का एक और प्रहार करता हूं , सब कुछ इतना अचानक हुआ था कि उस चोर की दबी हुई आह निकली और उस पर प्रहार करते ही मैं फ़िर से बिना रुके आगे की ओर भागने लगा... मुझे किसी भी हाल में फैक्ट्री में मौजूद उस जंगल को पार कर खुले मैदान में पहुंचना था, क्यूंकि वहां रुकावटें कम थीं उनका मुकाबला करने के लिए...
" ऊ भागत बाटे... देखा ऊ बाटे," तभी अचानक मेरे दाई ओर से मेरी ओर तेज़ी से आ रहे एक चोर ने सबको सतर्क करते हुए कहा... मैं उसकी परवाह किए बिना आगे भागता रहा, क्यूंकि मुझे पता था कि मैं उससे अधिक तेज़ी से दौड़ रहा हूं और वो मुझ तक कभी नहीं पहुंच सकता है... भागते हुए मैं जंगल के बीचों बीच पहुंच चुका था और अब फैक्ट्री का साइट एरिआ ज़्यादा दूर नहीं था, इस बात को ध्यान में रखते हुए मैंने अपने कदमों को धीमे नहीं किया और न ही इस बात की परवाह थी कि मेरी पीठ से काफ़ी ख़ून बह चूका है... मैं अपनी पूरी जान लगाकर भाग रहा था, क्यूंकि जान का ही तो सवाल था... अब मैं कंस्ट्रक्शन साइट के खुले मैदान के नज़दीक लगभग पहुंच ही चुका था कि तभी अचानक...
" ख ss टा ss क"... "ध ss ड़ा ss क... अा ss आ ss ह," मेरे पैरों पर ज़ोरदार प्रहार होता है और मैं नीचे गिरते ही मुंह से दर्दनाक आह निकाल देता हूं... तेज़ी से दौड़ लगा कर कंस्ट्रक्शन साइट के नज़दीक पहुंचने की जल्दी में मैंने चोरों के लीडर पर ध्यान नहीं दिया, जिसने बड़ी चालाकी से बाईं ओर से आकर लोहे के रॉड द्वारा मेरे गुठने के नीचे प्रहार किया और मैं सीधा ज़मीन पर गिर पड़ा।
TO BE CONTINUED...
©IVANMAXIMUSEDWIN.