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वो सर्द रात- 14

19 मई 2023

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" सन न न न... स ss टा ss क... आ ss ह," घने कोहरे का फ़ायदा उठा कर मैंने एक और चोर को अपना शिकार बनाया, नान चाकू को तेज़ी से घुमाते हुए कोहरे के बादलों को काटते हुए सीधा उस चोर की खोपड़ी पर प्रहार किया और उसकी चीख निकल पड़ी... फ़िर भी मैं इतने में रुका नहीं और " ख ss टा ss क... आ ss ई," मैंने उल्टी कुल्हाड़ी का वार सीधा उसके सिर पर किया, जिससे वह चीखते हुए बेहोश हो गया... मौके का फ़ायदा उठा कर मैं एक बार फ़िर वहां से निकल कर घने कोहरे में गायब हो गया। उन चोरों के दल ने भले ही लाख योजना बना कर उस दिन फैक्ट्री में प्रवेश किया हो और पूरी तैयारी के साथ आए हों, लेकिन मुझे उस पोल फैक्ट्री का चप्पा चप्पा पता था और इसी का फायदा मुझे मिल रहा था। वो भले ही मेरा शिकार करने की योजना मन में बना चुके हों लेकिन वे ख़ुद ही शिकार बन रहे थे। अपने साथी की चीख सुन कर वो भागते हुए उसके निकट पहुंचे, पर वो बेहोश पड़ा हुआ मिला। 

" अभिनो समय बाटे... चाला यहां से निकल चली,  ऊ ससुरा एक एक करके हम पचे का यही हाल करी... ईहां रुकना सही नहीं बाटे," अपने साथी को ज़मीन पर बेहोश पड़ा हुआ देख एक चोर ने अपने लीडर को सुझाव देते हुए कहा। 

" चुप रहा मर्दवा... ऊ जौन बाटे, अकेला बाटे... अगर अकेला मनई इतना सब कुछ कर साकेला... तो हम पचे को चूड़ी पहने के चाही... अब ऊ के खोजा लोगन , बात मत बनावा," उन चोरों के लीडर ने अपने साथी की बातों को सुनकर अपनी प्रतिक्रिया दिखाते हुए जवाब दिया। अपने लीडर की आज्ञा मानकर एक बार फ़िर से वे सभी मेरी तलाश में निकल पड़ते हैं। 

" आ ss ह ... ख़ून काफ़ी बह चुका है और अब मेरा ब्लड प्रेशर डॉउन होने के कारण कुछ देर में ही मुझे चक्कर आने लगेंगे... एेसे में मुझे अपने सांस लेने की तकनीक में सुधार करना पड़ेगा, फेफड़ों को कुशलापूर्वक कार्य करने के लिए, मार्शल आर्ट्स में सिखाई जाने वाली कसरत किस दिन काम आएगी," मैंने फैक्ट्री में स्थित पुराने मिक्सचर मशीन की आड़ में छुप कर ख़ुद से बातें करते हुए कहा। 

कहते हैं किताबें इन्सान की सबसे बढ़िया मित्र होती हैं, हर एक लेखक के ज्ञान की कुंजी की झलक उसकी रचनाओं में मिलती है और इसी बात को ध्यान में रखकर मैंने ब्रूस ली द्वारा रचित किताब भी पढ़ी थी, जिसमें ये साफ़ दर्शाया गया है कि इन्सानी शरीर ज़ख्मी होने पर अलग तरह से सांसे लेने लगता है और जब हमारे शरीर में कोई चोट नहीं लगती है , तो उस समय हमारी सांसे अलग क़िस्म से चलती हैं... इसी बात को ध्यान में रखकर मैंने मार्शल आर्ट्स में सिखाई जाने वाली फेफड़ों की कसरतें भी की हैं, मेरे दोनों हाथ ज़ख्मी थे और लगातार ख़ून बहने की वजह से कुछ देर बाद ब्लड प्रेशर घटने के कारण मुझे चक्कर भी अाने वाले थे इसलिए मैंने अपनी सांसों पर काबू पाया और हवा को मध्यम गति से अन्दर बाहर लेना तथा छोड़ना शुरू कर दिया, जिससे मेरा ब्लड प्रेशर कुछ देर के लिए सामान्य रहे... मार्शल आर्ट्स की इस फेफड़े की कसरत से बहते हुए ख़ून पर भी थोड़ा कंट्रोल मिलता है, क्यूंकि गम्भीर रूप से घायल होने पर सांसे भी तेज़ी से चलती व उखड़ने लगती हैं और इसी वजह से ख़ून भी तेजी से बहने लगता है... 

" पी ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई... पी ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई," तभी अचानक एक बार फ़िर से EMC के सिक्युरिटी गार्ड के व्हिस्टल की आवाज़ चारो ओर गूंज उठती है। 

" लगता है कि आज ये सेक्युरिटी गार्ड अपने वर्किंग साइट पर ही टहलता रहेगा , मेन गेट के पास बने अपने  शेड तक नहीं पहुंच पाएगा... ऐसा तो नहीं है कि बेचारा कोहरे के कारण वहीं गोल गोल चक्कर काट रहा है , ख़ैर जो भी हो लेकिन उसे यहां तक पहुंचने में रौशनी हो जाएगी," बग़ल की फैक्ट्री के सिक्युरिटी गार्ड के व्हिस्टल की आवाज़ सुनते ही मैंने ख़ुद में विचार करते हुए कहा। 

" पता नहीं कहां छिपल बाटे ऊ जनावर... मिले नहीं रहा बाटे, हम पचे से ज्यादा तो ऊ ई फैक्ट्री के विषय में जानले बाटे, पता नहीं कौन सा कोनवा में छिपल होई," घने कोहरे में मेरी तलाश कर रहे एक चोर ने ख़ुद से बातें करते हुए कहा... वो उसी पूराने मिक्सचर मशीन के सामने खड़ा हुआ था और मैं उस मिक्सचर मशीन के पीछे छुपा हुआ था... मेरे पास ये अच्छा मौका था, क्यूंकि शिकार ख़ुद शिकारी के जाल में फंस चुका था, मैंने मिक्सचर मशीन के पीछे से ही अपने एक नान चाकू को तेज़ी से हवा में लहराया तथा पीछे से ही उसे गर्दन से दबोच लिया। 

" आ ss ह... आ ss ग ss ग ss ग ss आ ss ह," नान चाकू की चेन के दबाव के कारण वह अपना दम घुटता हुआ महसूस कर रहा था और उसकी आवाज़ भी साफ़ नहीं निकल पा रही थी। मैंने नान चाकू के दोनों सिरों को कसकर पकड़ रखा था और पूरी ताक़त से दबाव बनाए हुए था। मुझे ये अच्छे से पता था कि मैं उसे इस तरह ज़्यादा देर नहीं जकड़ सकता था, एेसे उसकी मृत्यु भी हो सकती थी ... मैं बस यही चाहता था कि जैसे मैं नान चाकू की पकड़ ढीली करूं वो तुरन्त ही ख़ुद को सम्भाल न पाए और मैं मिक्सचर मशीन के सामने पहुंचकर उल्टी कुल्हाड़ी के वार से उसे बेहोश कर दूं। वह बुरी तरह से फड़फड़ा रहा था, जैसे जल बिन मछली तड़पती है , अपने पैरों को वह बार बार हवा में उछाल रहा था क्यूंकि अब उसका ख़ुद की सांसों पर कंट्रोल खो चुका था... मैंने ये देखते ही नान चाकू के एक सिरे को छोड़ दिया, जिससे उसकी गर्दन पर  दबाव ढीला पड़ गया।

" खों ss खों ss खों ss खों... ऊहू ss हू ss ऊहू," वह खांसते हुए कुछ देर के लिए ख़ुद पर नियंत्रण पाने की कोशिश करता है और बस इतनी सी देर में मैं मिक्सचर मशीन के आगे पहुंचकर खड़ा हो जाता हूं। 

" ख ss टा ss क... या ss अा ss ई," उल्टी कुल्हाड़ी के तेज़ प्रहार के कारण उसकी चीख चारों ओर गूंज उठती है, जिसे सुनकर उसके साथी आवाज़ की दिशा में दौड़ लगाते हैं और मैं एक बार फ़िर से उसे घायल करने के बाद वहां से निकल जाता हूं। 
TO BE CONTINUED...
©IVANMAXIMUSEDWIN.

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रचनाएँ
दहशत की रात...
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आज मैं आपको एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी सुनाने जा रहा हूं... एक ऐसी घटना जो किसी भी आम इन्सान के साथ घटित हो तो उसे पूरी तरह से दहशत से भर देती है... ऐसी ही एक घटना मेरे साथ घटित हुई थी जब मैं अपनी सरकारी नौकरी कर रहा था, ये घटना नैनी इलाहाबाद (प्रयागराज) की है जहां पर मेरा पोल मैन्युफैक्चरिंग सब डिविजन ऑफिस है ... मेरा सब डिविजन एक ऐसी जगह है जहां पर दिन भर तो सब कुछ ठीक ठाक चलता है लेकिन जैसे ही जैसे रात होने लगती है , डर लगने लगता है... एक अनजान डर ,जो किसी भी आम इन्सान को रात भर चैन से सोने नहीं देता है...
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भूखे लकड़बग्घे...

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19 मई 2023
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"अब क्या होगा... क्या करूं , इनका अकेले मुक़ाबला करना सही रहेगा या इनके वार का इंतज़ार करूं .... बहुत जल्द ही ये और नज़दीक आ जाएंगे ... मेरे पास तो एक ही कुल्हाड़ी है," ये सारी बातें मेरे दिमाग़ में च

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पहली बार खट खुट की कुछ आवाज़ें सुनकर मैंने नज़र अंदाज़ कर दिया पर उस सर्द कोहरे की रात को अचानक ही फिर से मुझे वही आवाज़ सुनाई दी , जब मैं आग के पास फैक्ट्री के शेड में बैठ मोबाइल में बाउंस नामक वीडिय

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वो सर्द रात- 2

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मैं धीरे धीरे कंस्ट्रक्शन साइट के अंत तक पहुंच रहा था कि तभी अचानक घने कोहरे के पर्दे को तेज़ी से चीरता हुआ एक अजनबी साया मुझसे कुछ दूरी पर दाएं से बाएं हाथ की ओर दौड़ लगाता है, जिस ओर डिविजन स्टोर मौ

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19 दिसम्बर की रात को मेरी खाकी वर्दी का इम्तिहान था जो मुझे पुलिस विभाग के चरित्र प्रमाण पत्र बनने के बाद बिजली विभाग द्वारा अलॉट की गई थी , नैनी इलाहाबाद में क़दम रखने से पहले ताकि मैं चोरों का मुकाब

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" फुस्स ss फुस्स ss स ss स... फुस्स ss स ss स... फुस्स ss स ss स ss स," आखिरकार फुसफुसा कर नाग देवता मेरे बाएं कंधे से मुझे सूंघते हुए नीचे उतर ही रहे थे मेरे पैरों से होते हुए की तभी अचानक..." कोनो ब

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"ओ ss ह... तो पूरा गिरोह मौजूद है... आज तो एक नहीं कई मुसीबत एक साथ पधार गई है... कुछ तो करना ही पड़ेगा इन्हें रोकने के लिए , नहीं तो एक साथ इनका मुकाबला करना पड़ेगा... ट्रक में भी तीन चार लोग दि

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वो सर्द रात- 7

19 मई 2023
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" सुबह के ढाई बज रहे हैं और रौशनी होने में भी अभी काफ़ी समय है... मुझे कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा वर्ना एेसे छुप कर कभी भी पकड़ा जा सकता हूं... चलो कम से कम पांच मिनट तक तमाशा देखता हूं उसके बाद निकल कर

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" मैं यहां ज़्यादा देर तक नहीं रुक सकता हूं... आस पास कोहरा इतना ज़्यादा है कि कुछ भी नज़र नहीं आ रहा है... हो सकता है कि नीचे उतरते ही पकड़ा जाऊं, कोहरे के कारण कुछ भी नहीं दिख रहा है, पेड़ के

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अगर अवैध बिजली कटौती न करवाई गई होती ऑक्टोबर 2005 को मेरी तनख्वाह से, तो अब तक मैं चन्दौली जिले में स्थित व्यास नगर कॉलोनी में विभागीय आवास ले चुका होता, क्यूंकि मेरा सब डिविजन ऑफिस वहीं पर स्थित था..

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मैं कंस्ट्रक्शन साइट के नज़दीक स्थित 9.0 मी पोल के क्योरिग टैंक की आड़ में जा छुपा था... पीठ में घुसे बेर की डाल के कारण असहनीय पीड़ा उठ रही थी , मुझे किसी भी हालत में उस मोटी डाल के टुकड़े को अपनी पी

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अपने स्वेटर की आस्तीनो को ऊपर कर मैं अपने दाएं हाथ में कुल्हाड़ी पकड़े, जिसकी धार पर उन चोरों के लीडर की गर्दन टिकी थी तथा अपने बाएं हाथ से उसे गर्दन से दबोचे हुए , मैं मेन गेट की दिशा में बढ़ रहा था

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" ई ससुरा के अच्छे से सबक सिखाई के पड़ी ... कस के पकड़ा हो शम्भु, आज ई के पता चली कि हम पचे से टकराए का अंजाम का होवत हई," उन चोरों के लीडर ने अपने साथी को आदेश देते हुए कहा। " जाए द... ज्यादा बक

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19 मई 2023
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जुगाड़- 2

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घने कोहरे में , हल्की रोशनी के सहारे मैं धीरे धीरे मेन गेट की दिशा में आगे बढ़ रहा था कि तभी अचानक मेरे मन में एक विचार उठा..." क्या मेरा मेन गेट खोलना उचित रहेगा... इन चोरों के दल पर इस तरह से भरोसा

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जुगाड़ फेल ख़त्म खेल...

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