shabd-logo

जुगाड़ फेल ख़त्म खेल...

19 मई 2023

8 बार देखा गया 8
"  ख ss टा ss क... या ss अा ss ह," मेरे दाएं हाथ पर खड़े आदमी के हरक़त में आते ही मैंने उल्टी कुल्हाड़ी का ज़ोरदार प्रहार , उसकी खोपड़ी पर जड़ दिया , ठीक उसकी बाईं आंख के नज़दीक... प्रहार इतना ज़ोरदार था कि चीखते हुए वह चोर ज़मीन पर गिर पड़ा, दरसअल उन चोरों की पीठ पर लदे हुए उनके साथियों में से एक पहले ही होश में आ चुका था और नाटक करके अपनी साथी की पीठ पर लदा हुआ था... उन चोरों ने ये जुगाड़ बना रखा था कि मेरा ध्यान भटकते ही , उनका लीडर उन्हें इशारा करेगा, जिसका लाभ उठाते ही दोनों चोर मुझ पर लपक पड़ते और मुझ पर काबू पा कर बंधक बना लिया जाता... जैसे ही उनके लीडर को ये लगा कि मेरा ध्यान छोटे गेट के करीब खड़े हुए चोर पर है, उनके लीडर ने उन्हें इशारा किया और उन्होंने मुझ पर टूटने की भूल की... जबकि मेरा ध्यान केवल फैक्ट्री के छोटे गेट पर स्थित चोर पर ही नहीं बल्कि उन सभी लोगों पर थी, जिन्होंने इस जुगाड़ को सेट करने की भूल कर की थी। 

" पकड़ा हो मर्दवा... जल्दी करा, खड़ा मत रहा... पकड़ा हो पकड़ा," अपने साथी को कुल्हाड़ी के एक ही वार में ज़मीन पर गिरते हुए देख, उनका लीडर चीख उठा और अपने लीडर की बात मानते ही उसी चोर ने मुझ पर हमला करने का प्रयास किया, जो कुछ देर पहले अपने साथी के कन्धे पर लदा हुआ बेहोशी का ड्रामा रच कर गेट के नज़दीक पहुंचा था। 

     

article-image

      


" स ss टा s क... उ ss ह... ध ss ड़ा ss क... आ ss ह... ख ss टा ss क... या ss अा ss ई," उस चोर के नज़दीक आते ही मैंने अपने बाएं हाथ में मौजूद नान चाकू का स्वाद उस चखाया, बैकवर्ड ब्लॉक हाई ब्लो स्ट्राइक उसकी खोपड़ी पर करके... जिस वजह से वह थोड़ा लड़खड़ाया और एक दबी हुई आह उसके मुंह से निकली, पर इतने में भी मैं रुका नहीं और एक ज़ोरदार किक सीधा उसके सीने पर जड़ दी... अपने मुंह से पीड़ादायक पुकार निकालते ही वह ज़मीन पर गिर पड़ा और मैंने इसका फ़ायदा उठा कर उल्टी कुल्हाड़ी का ज़ोरदार प्रहार उसकी खोपड़ी पर कर दिया, जिसके बाद उसकी दोबारा उठ खड़े होने की हिम्मत नहीं हुई और वह अपनी सुध बुध खोकर ज़मीन पर ही पड़ा रहा। 

ये देख बाकि के चोर घबरा गए और उन तीनों ने एक साथ मुझ पर हमला करने का मन बना लिया, फलस्वरूप अपने कन्धों पर लदे पड़े अपने साथियों के बोझ को ज़मीन पर पटकते ही तीनों मेरी तरफ़ लपके... ये देख मैं भी थोड़ा हड़बड़ा गया और अपने दाएं हाथ में मौजूद कुल्हाड़ी से उनके लीडर को निशाना बनाते हुए , उसकी ओर फेंक दिया।  

" सन्न न न न न न न न न न न न न ss धप्प,"हवा का सीना चीरते हुए कुल्हाड़ी अपने निशाने पर लगने जा रही थी, पर वह लीडर हद से ज्यादा शातिर और फुर्तीला था... हवा में लहराते हुए अपनी ओर कुल्हाड़ी को अाता देख, वह थोड़ा झूक गया और कुल्हाड़ी सीधा गेट के नज़दीक स्थित एक जंगली पेड़ पर जा धंसी। ये देख मैंने फ़ौरन ही अपने बेल्ट में दबे दूसरे नान चाकू को भी बाहर निकाला और एक साथ ही दोनों नान चाकू को हवा में लहराना शुरू कर दिया।

       
article-image

       
बैकवर्ड और फॉरवर्ड ब्लॉक्स का मिला जुला समीकरण, क्रॉस मल्टीपल स्पिंस के साथ " सन्न न न न न न न न ss सट ss सन न न न न न न न ss स ss टा ss क ... अा ss ई ss या ss सट... सनन न न न न न न न न ss स ss टा ss क... या ss अा ss ई ss सट... सन्न न न न न न न न न न ss फ ss टा ss क... या ss अा ss ह ss सट,"मेरे दाएं हाथ का नान चाकू मेरे बाएं हाथ के चोर पर भारी पड़ रहा था और बाएं हाथ का नान चाकू दाएं हाथ के चोर को ठिकाने लगा चुका था , हर प्रहार ने उन तीनों चोरों की चीख निकाल दी थी और तीनों पर मैं अकेले भारी पड़ रहा था। 

उन तीनों पर ख़ुद को भारी पड़ता देख मुझमें पहले से ज्यादा अधिक जोश समा गया और " सन्न न न न न न न न न न न ss सट... ओ ss तेरी," मैंने क्रॉस स्पिन अटैक करना शुरू किया, पर इस बार हद से ज्यादा तेज़ चल गया नान चाकू, जिसका परिणाम ये हुआ कि मेरे बाएं हाथ से नान चाकू हवा में लहराते हुए छुट गया, क्यूंकि मेरी हथेली जो ख़ून से लथपथ थी , उसकी पकड़ से नान चाकू छुट गया और उड़ता हुआ दाएं हाथ पर मौजूद शीशम के पेड़ की डाल पर अटक गया। मैं ख़ुद भी आश्चर्य से ऐसा होता देख रहा था। 

तभी अचानक " मारा हो ससुरा के... हंटर छूट गवा बाटे," ये देख ज़मीन पर पड़े हुए चोरों के लीडर ने अपने साथियों को निर्देश देते हुए कहा और एक बार फ़िर से सभी मुझसे भिड़ने के लिए तैयार हो चुके थे तथा एक साथ तीनों मुझ पर झपट पड़े...

" धा ss ड़... ढि ss शु ss म... धा ss ड़... धा ss ड़ ... ढि ss शु ss म," एक साथ कई घूंसे और लाते चलने लगे, मैं भी अकेला उन तीनों को मुंह तोड़ जवाब दे रहा था, तीनों मुझ पर काबू पाने में असमर्थ साबित हो रहे थे। 

" का करत बाटे मर्दवा... जल्दी करा अब निकला ईहां से... करछना चौराहे के लग्गे से पुलिस पेट्रोलिंग कार वापस आवत बाटे... जल्दी करा सब लोगन... जल्दी निकला ईहां से," तभी अचानक  ट्रक में मौजूद उनके एक साथी ने मेन गेट के पास आकर अपने साथियों को सूचना दी... ये सुनते ही तीनों में से दो ने मुझसे भिड़ना बंद कर दिया और अपने हर एक घायल साथी को ट्रक में मौजूद साथियों की सहायता से किसी तरह गेट के बाहर किया... पर उनके लीडर को मैंने बुरी तरह से दबोच रखा था, वह मेरे दाएं हाथ की पकड़ से ख़ुद को छुड़ा नहीं पा रहा था और तड़प रहा था... ये देख उसके बाकि के चार साथियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक कर उसे मेरी पकड़ से आज़ाद किया और खांसते तथा हांफते हुए वह चोरों का लीडर मेन गेट फांद कर ट्रक में सवार हो गया... उसके बाकि बचे साथी भी उसके पीछे पीछे फ़ौरन मेन गेट के बाहर निकले और ट्रक में सवार होकर वहां से निकलने की तैयारी में जुट गए। मैंने ज़मीन से उठ कर अपने कपड़ों को झाड़ा , भागते हुए चोरों को मैंने दौड़ाना ज़रूरी नहीं समझा, क्यूंकि मेरा काम हो चुका था, उनकी योजना को मैंने सफल नहीं होने दिया और जमकर उनका मुकाबला किया, जिस वजह से उनके मन में मेरी दहशत समा चुकी थी । 

" पिं ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई... पी ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई," तभी अचानक एक बार फ़िर से EMC के सिक्युरिटी गार्ड की व्हिस्टल की आवाज़ सुनाई पड़ती है, जिसे सुनकर ये साफ़ पता चल रहा था कि अब वह सिक्युरिटी गार्ड अपनी छावनी के क्षेत्र में पहुंच चुका था। मैंने उसकी व्हिस्टल की आवाज़ सुनते ही अपने मन में ये विचार किया कि अब छावनी तक पहुंचे हैं उस्ताद, जब सारी महाभारत ख़त्म हो गई... मैं काफ़ी थक चुका था और बुरी तरह घायल भी था, इसलिए मेन गेट के पास से सीधा अपने कमरे में गया और एक पेन किलर की गोली खाकर, अपने कपड़ों को उतारकर, ज़ख्मों पर नज़र डाली... मेरा स्वेटर और कपड़े ख़ून से लथपथ हो चुके थे, मैंने ख़ुद ही अपने ज़ख्मों को साफ़ करने के बाद अपने कपड़े बदल लिए।

सुबह होते ही मेरे ज़ख्मी होने की खबर मेरे साथ काम करने वाले कर्मचरियों से लेकर अधिकारियों तक को मिली... कोई भी मेरे साथ अस्पताल जाने को तैयार नहीं था, नतीजा मैं ख़ुद ही अपनी बाईक स्टार्ट करके इलाहबाद के कुछ अस्पतालों में गया... हर अस्पताल और चिकित्सालय ने मुझे टांका लगाने से मना कर दिया, क्यूंकि उनके हिसाब से ये पुलिस केस था, इसलिए एफ आई आर दर्ज होना ज़रूरी था, पर अगर एफ आई आर दर्ज होती तो अधिकारियों को भी फटकार लगती, उनकी लापरवाही के लिए, इसलिए सबने इस हादसे के बाद से उस फैक्ट्री का निर्माण करने की योजना बना ली और इस पर कार्य करना शुरू कर दिया... आज उस फैक्ट्री को देखकर आप ये नहीं कह सकते हैं कि वहां कभी ऐसा भी कुछ हुआ होगा...

       
article-image

      
ये फैक्ट्री का वो क्षेत्र है जहां मैंने आख़िरी बार उन चोरों का मुक़ाबला किया था, जहां पहले बेर की कंटीली झाड़ियां और जंगली पेड़ पौधे थे, उस रात के हादसे के बाद आज वहां पोल फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के लिए रहने के कॉटेज बन चुके हैं क्यूंकि डे और नाईट शिफ्ट में भी काम होता है...
article-image

इस तस्वीर में नैनी पोल फैक्ट्री निर्माण कार्य के बाद कैसी दिखती है, ये दर्शाया गया है... इस तस्वीर में जहां जहां खड़े होकर या बैठ कर मैंने फ़ोटो खींची या खिंचवाई है, इन क्षेत्रों में मैंने उन चोरों के दल को 19 दिसंबर की रात को धूल चटाया था... वो भी अकेले, उस हादसे के बाद मेरी तारीफ़ उत्तर प्रदेश अंडर वर्ल्ड सरगना ने भी की और फैक्ट्री में उस रात के बाद से गुण्डा गर्दी बिलकुल समाप्त हो गई... सबने काम को सीरियसली लेना शुरू कर दिया और पोल फैक्ट्री के पुनः निर्माण कार्य में पूरा सहयोग दिया। 

 article-image

मेरी हिम्मत और बुद्धी की तारीफ़ भी हुई लेकिन आज तक बिजली विभाग ने मेरे अवैध बिजली कटौती वाले मामले की सुनवाई नहीं की... मैंने तो अपना फ़र्ज़ पूरा किया, लेकिन अधिकारियों के ट्रान्सफर तथा नई पोस्टिंग की वजह से मेरा ही मामला अटक गया। ख़ैर आज नहीं तो कल इस पर कार्य करना ही पड़ेगा क्यूंकि कानूनी रूप से सरकारी आदमी की सुनवाई कोर्ट द्वारा होती है, बस मेरी सुनवाई हो इसलिए मैंने पहले भी सर्विस ब्रेक की थी और आज भी सर्विस ब्रेक किए बैठा हुआ हूं तथा एक सफल ऑनलाइन लेखक बन चुका हूं, आप सभी के प्रेम की वजह से।
THE END.
©IVANMAXIMUSEDWIN.


20
रचनाएँ
दहशत की रात...
0.0
आज मैं आपको एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी सुनाने जा रहा हूं... एक ऐसी घटना जो किसी भी आम इन्सान के साथ घटित हो तो उसे पूरी तरह से दहशत से भर देती है... ऐसी ही एक घटना मेरे साथ घटित हुई थी जब मैं अपनी सरकारी नौकरी कर रहा था, ये घटना नैनी इलाहाबाद (प्रयागराज) की है जहां पर मेरा पोल मैन्युफैक्चरिंग सब डिविजन ऑफिस है ... मेरा सब डिविजन एक ऐसी जगह है जहां पर दिन भर तो सब कुछ ठीक ठाक चलता है लेकिन जैसे ही जैसे रात होने लगती है , डर लगने लगता है... एक अनजान डर ,जो किसी भी आम इन्सान को रात भर चैन से सोने नहीं देता है...
1

भूखे लकड़बग्घे...

19 मई 2023
5
3
0

आज मैं आपको एक सच्ची घटना पर आधारित कहानी सुनाने जा रहा हूं... एक ऐसी घटना जो किसी भी आम इन्सान के साथ घटित हो तो उसे पूरी तरह से दहशत से भर देती है... ऐसी ही एक घटना मेरे साथ घटित हुई थी जब मैं अपनी

2

भूखे लकड़बग्घे- 2

19 मई 2023
3
3
0

"अब क्या होगा... क्या करूं , इनका अकेले मुक़ाबला करना सही रहेगा या इनके वार का इंतज़ार करूं .... बहुत जल्द ही ये और नज़दीक आ जाएंगे ... मेरे पास तो एक ही कुल्हाड़ी है," ये सारी बातें मेरे दिमाग़ में च

3

वो सर्द रात...

19 मई 2023
3
3
0

पहली बार खट खुट की कुछ आवाज़ें सुनकर मैंने नज़र अंदाज़ कर दिया पर उस सर्द कोहरे की रात को अचानक ही फिर से मुझे वही आवाज़ सुनाई दी , जब मैं आग के पास फैक्ट्री के शेड में बैठ मोबाइल में बाउंस नामक वीडिय

4

वो सर्द रात- 2

19 मई 2023
3
3
0

मैं धीरे धीरे कंस्ट्रक्शन साइट के अंत तक पहुंच रहा था कि तभी अचानक घने कोहरे के पर्दे को तेज़ी से चीरता हुआ एक अजनबी साया मुझसे कुछ दूरी पर दाएं से बाएं हाथ की ओर दौड़ लगाता है, जिस ओर डिविजन स्टोर मौ

5

वो सर्द रात- 3

19 मई 2023
1
1
0

" जल्दी करा हो... जल्दी करा," मेरे नज़दीक पहुंचते ही फैक्ट्री में मौजूद चोरों के दल में से एक ने अपने साथियों को निर्देश देते हुए कहा , उन्हें मेरी मौजूदगी का अहसास बिलकुल भी नहीं था ... जल्द ही मैं फ

6

वो सर्द रात- 4

19 मई 2023
1
1
0

19 दिसम्बर की रात को मेरी खाकी वर्दी का इम्तिहान था जो मुझे पुलिस विभाग के चरित्र प्रमाण पत्र बनने के बाद बिजली विभाग द्वारा अलॉट की गई थी , नैनी इलाहाबाद में क़दम रखने से पहले ताकि मैं चोरों का मुकाब

7

वो सर्द रात- 5

19 मई 2023
1
1
0

" फुस्स ss फुस्स ss स ss स... फुस्स ss स ss स... फुस्स ss स ss स ss स," आखिरकार फुसफुसा कर नाग देवता मेरे बाएं कंधे से मुझे सूंघते हुए नीचे उतर ही रहे थे मेरे पैरों से होते हुए की तभी अचानक..." कोनो ब

8

वो सर्द रात- 6

19 मई 2023
1
1
0

"ओ ss ह... तो पूरा गिरोह मौजूद है... आज तो एक नहीं कई मुसीबत एक साथ पधार गई है... कुछ तो करना ही पड़ेगा इन्हें रोकने के लिए , नहीं तो एक साथ इनका मुकाबला करना पड़ेगा... ट्रक में भी तीन चार लोग दि

9

वो सर्द रात- 7

19 मई 2023
0
0
0

" सुबह के ढाई बज रहे हैं और रौशनी होने में भी अभी काफ़ी समय है... मुझे कुछ न कुछ करना ही पड़ेगा वर्ना एेसे छुप कर कभी भी पकड़ा जा सकता हूं... चलो कम से कम पांच मिनट तक तमाशा देखता हूं उसके बाद निकल कर

10

वो सर्द रात- 8

19 मई 2023
0
0
0

" मैं यहां ज़्यादा देर तक नहीं रुक सकता हूं... आस पास कोहरा इतना ज़्यादा है कि कुछ भी नज़र नहीं आ रहा है... हो सकता है कि नीचे उतरते ही पकड़ा जाऊं, कोहरे के कारण कुछ भी नहीं दिख रहा है, पेड़ के

11

वो सर्द रात- 9

19 मई 2023
0
0
0

अगर अवैध बिजली कटौती न करवाई गई होती ऑक्टोबर 2005 को मेरी तनख्वाह से, तो अब तक मैं चन्दौली जिले में स्थित व्यास नगर कॉलोनी में विभागीय आवास ले चुका होता, क्यूंकि मेरा सब डिविजन ऑफिस वहीं पर स्थित था..

12

वो सर्द रात- 10

19 मई 2023
0
0
0

मैं कंस्ट्रक्शन साइट के नज़दीक स्थित 9.0 मी पोल के क्योरिग टैंक की आड़ में जा छुपा था... पीठ में घुसे बेर की डाल के कारण असहनीय पीड़ा उठ रही थी , मुझे किसी भी हालत में उस मोटी डाल के टुकड़े को अपनी पी

13

वो सर्द रात- 11

19 मई 2023
0
0
0

अपने स्वेटर की आस्तीनो को ऊपर कर मैं अपने दाएं हाथ में कुल्हाड़ी पकड़े, जिसकी धार पर उन चोरों के लीडर की गर्दन टिकी थी तथा अपने बाएं हाथ से उसे गर्दन से दबोचे हुए , मैं मेन गेट की दिशा में बढ़ रहा था

14

वो सर्द रात- 12

19 मई 2023
0
0
0

" ई ससुरा के अच्छे से सबक सिखाई के पड़ी ... कस के पकड़ा हो शम्भु, आज ई के पता चली कि हम पचे से टकराए का अंजाम का होवत हई," उन चोरों के लीडर ने अपने साथी को आदेश देते हुए कहा। " जाए द... ज्यादा बक

15

वो सर्द रात- 13

19 मई 2023
0
0
0

" आ ss ह... कुछ भी हो मुझे अपने हाथों से बह रहे ख़ून को किसी भी हालत में रोकना पड़ेगा... बहुत गहरा घाव कर दिया है , सर्दी के कारण चोट लगने पर और भी अधिक दर्द होता है , हथेली तो बिलकुल चिपचिपी पड़ चुकी

16

वो सर्द रात- 14

19 मई 2023
0
0
0

" सन न न न... स ss टा ss क... आ ss ह," घने कोहरे का फ़ायदा उठा कर मैंने एक और चोर को अपना शिकार बनाया, नान चाकू को तेज़ी से घुमाते हुए कोहरे के बादलों को काटते हुए सीधा उस चोर की खोपड़ी पर प्रहार किया

17

जुगाड़...

19 मई 2023
0
0
0

" देख ला... हम पचे पहले ही कहत रहे कि चला ईहां से... का मतबल हुआ रुके का... पर तोहार समझ में नईखे आवत बाटे, अभिनों हमरी बात माना और इहां से निकल चला... नहीं तो ऊ ससुरा किसी को न छोड़ी," अपने साथी को म

18

जुगाड़- 2

19 मई 2023
0
0
0

घने कोहरे में , हल्की रोशनी के सहारे मैं धीरे धीरे मेन गेट की दिशा में आगे बढ़ रहा था कि तभी अचानक मेरे मन में एक विचार उठा..." क्या मेरा मेन गेट खोलना उचित रहेगा... इन चोरों के दल पर इस तरह से भरोसा

19

जुगाड़ फेल...

19 मई 2023
0
0
0

" उन नशेड़ी चोरों का दल मेरी तरफ़ ही बढ़ रहा है... आ ss ह... मेरा सिर बुरी तरह से घूम रहा है, मुझे इनसे बहुत तोल मोल के बात करनी पड़ेगी, वर्ना बोलने से मेरी सांसों का बंधन टूटेगा और मेरा ख़ून तेज़ी से

20

जुगाड़ फेल ख़त्म खेल...

19 मई 2023
0
0
0

" ख ss टा ss क... या ss अा ss ह," मेरे दाएं हाथ पर खड़े आदमी के हरक़त में आते ही मैंने उल्टी कुल्हाड़ी का ज़ोरदार प्रहार , उसकी खोपड़ी पर जड़ दिया , ठीक उसकी बाईं आंख के नज़दीक... प्रहार इतना ज़

---

किताब पढ़िए