" ख ss टा ss क... या ss अा ss ह," मेरे दाएं हाथ पर खड़े आदमी के हरक़त में आते ही मैंने उल्टी कुल्हाड़ी का ज़ोरदार प्रहार , उसकी खोपड़ी पर जड़ दिया , ठीक उसकी बाईं आंख के नज़दीक... प्रहार इतना ज़ोरदार था कि चीखते हुए वह चोर ज़मीन पर गिर पड़ा, दरसअल उन चोरों की पीठ पर लदे हुए उनके साथियों में से एक पहले ही होश में आ चुका था और नाटक करके अपनी साथी की पीठ पर लदा हुआ था... उन चोरों ने ये जुगाड़ बना रखा था कि मेरा ध्यान भटकते ही , उनका लीडर उन्हें इशारा करेगा, जिसका लाभ उठाते ही दोनों चोर मुझ पर लपक पड़ते और मुझ पर काबू पा कर बंधक बना लिया जाता... जैसे ही उनके लीडर को ये लगा कि मेरा ध्यान छोटे गेट के करीब खड़े हुए चोर पर है, उनके लीडर ने उन्हें इशारा किया और उन्होंने मुझ पर टूटने की भूल की... जबकि मेरा ध्यान केवल फैक्ट्री के छोटे गेट पर स्थित चोर पर ही नहीं बल्कि उन सभी लोगों पर थी, जिन्होंने इस जुगाड़ को सेट करने की भूल कर की थी।
" पकड़ा हो मर्दवा... जल्दी करा, खड़ा मत रहा... पकड़ा हो पकड़ा," अपने साथी को कुल्हाड़ी के एक ही वार में ज़मीन पर गिरते हुए देख, उनका लीडर चीख उठा और अपने लीडर की बात मानते ही उसी चोर ने मुझ पर हमला करने का प्रयास किया, जो कुछ देर पहले अपने साथी के कन्धे पर लदा हुआ बेहोशी का ड्रामा रच कर गेट के नज़दीक पहुंचा था।

" स ss टा s क... उ ss ह... ध ss ड़ा ss क... आ ss ह... ख ss टा ss क... या ss अा ss ई," उस चोर के नज़दीक आते ही मैंने अपने बाएं हाथ में मौजूद नान चाकू का स्वाद उस चखाया, बैकवर्ड ब्लॉक हाई ब्लो स्ट्राइक उसकी खोपड़ी पर करके... जिस वजह से वह थोड़ा लड़खड़ाया और एक दबी हुई आह उसके मुंह से निकली, पर इतने में भी मैं रुका नहीं और एक ज़ोरदार किक सीधा उसके सीने पर जड़ दी... अपने मुंह से पीड़ादायक पुकार निकालते ही वह ज़मीन पर गिर पड़ा और मैंने इसका फ़ायदा उठा कर उल्टी कुल्हाड़ी का ज़ोरदार प्रहार उसकी खोपड़ी पर कर दिया, जिसके बाद उसकी दोबारा उठ खड़े होने की हिम्मत नहीं हुई और वह अपनी सुध बुध खोकर ज़मीन पर ही पड़ा रहा।
ये देख बाकि के चोर घबरा गए और उन तीनों ने एक साथ मुझ पर हमला करने का मन बना लिया, फलस्वरूप अपने कन्धों पर लदे पड़े अपने साथियों के बोझ को ज़मीन पर पटकते ही तीनों मेरी तरफ़ लपके... ये देख मैं भी थोड़ा हड़बड़ा गया और अपने दाएं हाथ में मौजूद कुल्हाड़ी से उनके लीडर को निशाना बनाते हुए , उसकी ओर फेंक दिया।
" सन्न न न न न न न न न न न न न ss धप्प,"हवा का सीना चीरते हुए कुल्हाड़ी अपने निशाने पर लगने जा रही थी, पर वह लीडर हद से ज्यादा शातिर और फुर्तीला था... हवा में लहराते हुए अपनी ओर कुल्हाड़ी को अाता देख, वह थोड़ा झूक गया और कुल्हाड़ी सीधा गेट के नज़दीक स्थित एक जंगली पेड़ पर जा धंसी। ये देख मैंने फ़ौरन ही अपने बेल्ट में दबे दूसरे नान चाकू को भी बाहर निकाला और एक साथ ही दोनों नान चाकू को हवा में लहराना शुरू कर दिया।

बैकवर्ड और फॉरवर्ड ब्लॉक्स का मिला जुला समीकरण, क्रॉस मल्टीपल स्पिंस के साथ " सन्न न न न न न न न ss सट ss सन न न न न न न न ss स ss टा ss क ... अा ss ई ss या ss सट... सनन न न न न न न न न ss स ss टा ss क... या ss अा ss ई ss सट... सन्न न न न न न न न न न ss फ ss टा ss क... या ss अा ss ह ss सट,"मेरे दाएं हाथ का नान चाकू मेरे बाएं हाथ के चोर पर भारी पड़ रहा था और बाएं हाथ का नान चाकू दाएं हाथ के चोर को ठिकाने लगा चुका था , हर प्रहार ने उन तीनों चोरों की चीख निकाल दी थी और तीनों पर मैं अकेले भारी पड़ रहा था।
उन तीनों पर ख़ुद को भारी पड़ता देख मुझमें पहले से ज्यादा अधिक जोश समा गया और " सन्न न न न न न न न न न न ss सट... ओ ss तेरी," मैंने क्रॉस स्पिन अटैक करना शुरू किया, पर इस बार हद से ज्यादा तेज़ चल गया नान चाकू, जिसका परिणाम ये हुआ कि मेरे बाएं हाथ से नान चाकू हवा में लहराते हुए छुट गया, क्यूंकि मेरी हथेली जो ख़ून से लथपथ थी , उसकी पकड़ से नान चाकू छुट गया और उड़ता हुआ दाएं हाथ पर मौजूद शीशम के पेड़ की डाल पर अटक गया। मैं ख़ुद भी आश्चर्य से ऐसा होता देख रहा था।
तभी अचानक " मारा हो ससुरा के... हंटर छूट गवा बाटे," ये देख ज़मीन पर पड़े हुए चोरों के लीडर ने अपने साथियों को निर्देश देते हुए कहा और एक बार फ़िर से सभी मुझसे भिड़ने के लिए तैयार हो चुके थे तथा एक साथ तीनों मुझ पर झपट पड़े...
" धा ss ड़... ढि ss शु ss म... धा ss ड़... धा ss ड़ ... ढि ss शु ss म," एक साथ कई घूंसे और लाते चलने लगे, मैं भी अकेला उन तीनों को मुंह तोड़ जवाब दे रहा था, तीनों मुझ पर काबू पाने में असमर्थ साबित हो रहे थे।
" का करत बाटे मर्दवा... जल्दी करा अब निकला ईहां से... करछना चौराहे के लग्गे से पुलिस पेट्रोलिंग कार वापस आवत बाटे... जल्दी करा सब लोगन... जल्दी निकला ईहां से," तभी अचानक ट्रक में मौजूद उनके एक साथी ने मेन गेट के पास आकर अपने साथियों को सूचना दी... ये सुनते ही तीनों में से दो ने मुझसे भिड़ना बंद कर दिया और अपने हर एक घायल साथी को ट्रक में मौजूद साथियों की सहायता से किसी तरह गेट के बाहर किया... पर उनके लीडर को मैंने बुरी तरह से दबोच रखा था, वह मेरे दाएं हाथ की पकड़ से ख़ुद को छुड़ा नहीं पा रहा था और तड़प रहा था... ये देख उसके बाकि के चार साथियों ने अपनी पूरी ताकत झोंक कर उसे मेरी पकड़ से आज़ाद किया और खांसते तथा हांफते हुए वह चोरों का लीडर मेन गेट फांद कर ट्रक में सवार हो गया... उसके बाकि बचे साथी भी उसके पीछे पीछे फ़ौरन मेन गेट के बाहर निकले और ट्रक में सवार होकर वहां से निकलने की तैयारी में जुट गए। मैंने ज़मीन से उठ कर अपने कपड़ों को झाड़ा , भागते हुए चोरों को मैंने दौड़ाना ज़रूरी नहीं समझा, क्यूंकि मेरा काम हो चुका था, उनकी योजना को मैंने सफल नहीं होने दिया और जमकर उनका मुकाबला किया, जिस वजह से उनके मन में मेरी दहशत समा चुकी थी ।
" पिं ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई... पी ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई ई," तभी अचानक एक बार फ़िर से EMC के सिक्युरिटी गार्ड की व्हिस्टल की आवाज़ सुनाई पड़ती है, जिसे सुनकर ये साफ़ पता चल रहा था कि अब वह सिक्युरिटी गार्ड अपनी छावनी के क्षेत्र में पहुंच चुका था। मैंने उसकी व्हिस्टल की आवाज़ सुनते ही अपने मन में ये विचार किया कि अब छावनी तक पहुंचे हैं उस्ताद, जब सारी महाभारत ख़त्म हो गई... मैं काफ़ी थक चुका था और बुरी तरह घायल भी था, इसलिए मेन गेट के पास से सीधा अपने कमरे में गया और एक पेन किलर की गोली खाकर, अपने कपड़ों को उतारकर, ज़ख्मों पर नज़र डाली... मेरा स्वेटर और कपड़े ख़ून से लथपथ हो चुके थे, मैंने ख़ुद ही अपने ज़ख्मों को साफ़ करने के बाद अपने कपड़े बदल लिए।
सुबह होते ही मेरे ज़ख्मी होने की खबर मेरे साथ काम करने वाले कर्मचरियों से लेकर अधिकारियों तक को मिली... कोई भी मेरे साथ अस्पताल जाने को तैयार नहीं था, नतीजा मैं ख़ुद ही अपनी बाईक स्टार्ट करके इलाहबाद के कुछ अस्पतालों में गया... हर अस्पताल और चिकित्सालय ने मुझे टांका लगाने से मना कर दिया, क्यूंकि उनके हिसाब से ये पुलिस केस था, इसलिए एफ आई आर दर्ज होना ज़रूरी था, पर अगर एफ आई आर दर्ज होती तो अधिकारियों को भी फटकार लगती, उनकी लापरवाही के लिए, इसलिए सबने इस हादसे के बाद से उस फैक्ट्री का निर्माण करने की योजना बना ली और इस पर कार्य करना शुरू कर दिया... आज उस फैक्ट्री को देखकर आप ये नहीं कह सकते हैं कि वहां कभी ऐसा भी कुछ हुआ होगा...

ये फैक्ट्री का वो क्षेत्र है जहां मैंने आख़िरी बार उन चोरों का मुक़ाबला किया था, जहां पहले बेर की कंटीली झाड़ियां और जंगली पेड़ पौधे थे, उस रात के हादसे के बाद आज वहां पोल फैक्ट्री में काम करने वाले मजदूरों के लिए रहने के कॉटेज बन चुके हैं क्यूंकि डे और नाईट शिफ्ट में भी काम होता है...

इस तस्वीर में नैनी पोल फैक्ट्री निर्माण कार्य के बाद कैसी दिखती है, ये दर्शाया गया है... इस तस्वीर में जहां जहां खड़े होकर या बैठ कर मैंने फ़ोटो खींची या खिंचवाई है, इन क्षेत्रों में मैंने उन चोरों के दल को 19 दिसंबर की रात को धूल चटाया था... वो भी अकेले, उस हादसे के बाद मेरी तारीफ़ उत्तर प्रदेश अंडर वर्ल्ड सरगना ने भी की और फैक्ट्री में उस रात के बाद से गुण्डा गर्दी बिलकुल समाप्त हो गई... सबने काम को सीरियसली लेना शुरू कर दिया और पोल फैक्ट्री के पुनः निर्माण कार्य में पूरा सहयोग दिया।

मेरी हिम्मत और बुद्धी की तारीफ़ भी हुई लेकिन आज तक बिजली विभाग ने मेरे अवैध बिजली कटौती वाले मामले की सुनवाई नहीं की... मैंने तो अपना फ़र्ज़ पूरा किया, लेकिन अधिकारियों के ट्रान्सफर तथा नई पोस्टिंग की वजह से मेरा ही मामला अटक गया। ख़ैर आज नहीं तो कल इस पर कार्य करना ही पड़ेगा क्यूंकि कानूनी रूप से सरकारी आदमी की सुनवाई कोर्ट द्वारा होती है, बस मेरी सुनवाई हो इसलिए मैंने पहले भी सर्विस ब्रेक की थी और आज भी सर्विस ब्रेक किए बैठा हुआ हूं तथा एक सफल ऑनलाइन लेखक बन चुका हूं, आप सभी के प्रेम की वजह से।
THE END.
©IVANMAXIMUSEDWIN.