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कातिलाना मोहब्बत -1

4 अक्टूबर 2023

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रोहित एक कस्बा सोनपुर के स्कूल में प्राइमरी शिक्षक था। अपने काम के प्रति बहुत ही ईमानदार, निष्ठावान और समर्पित व्यक्ति था। बुद्धिमता के  सामने शरीर के रंग कभी भी मायने नहीं रखता है।‌ रोहित का रंग सांवला था । लेकिन उसकी इंटेलिजेंसी देखकर लोग अचरज करते थे।

जब रोहित  की शादी होती है तो उसकी पत्नी मनीषा एकदम गोरी और बहुत ही ब्युटीफुल लड़की होती है। जिसकी तुलना इंद्र की अप्सराओं से की जा सकती है।।

मनीषा  की शादी रोहित से करना जरूरी नहीं था लेकिन मनीषा के पिता जिस जाति से संबंध रखते थे। वे उसमें  काफी दिनों से लड़का तलाश रहे थे लेकिन मनीषा के लिए सुयोग्य वर नहीं मिल पा रहा था ।

आज का समय ऐसा आ गया है जब पढ़ी-लिखी लड़कियों के लिए अच्छे वर मिलना बड़ा ही मुश्किल काम हो गया है क्योंकि किसी भी घर में लड़के की शादी हुई नहीं कि लड़की वाले उसे तुरंत पकड़ लेते हैं और इंगेजमेंट कर देते हैं।

थोड़ी सी लापरवाही हुई नहीं कि लड़कियों के पिता लडके खोजते-खोजते परेशान हो जाते हैं लेकिन लड़कियों को योग्य वर नहीं मिलते हैं।

शादी करने से पहले मनीषा से इस बात की सहमति ली गई थी हम उसके लिए पढ़ा-लिखा बुद्धिमान लड़का खोज रहे हैं लेकिन वह सांवले रंग का है।।

उस समय मनीषा ने कहा दिया था कि मुझे रंग रुप से ज्यादा मतलब नहीं बस लड़का बुद्धिमान होना चाहिए।

मनीषा,जो बहुत ही सुन्दर लडकी थी। जिसके सुंदर पतले-पतले होंठ ,मोती से चमकते सफेद दूध के रंग जैसे दांत और पतली सी कमर , नागिन से लहराते हुए काले-काले बाल, कजरारी काली-काली आंखें और गुलाब के फूलों जैसी सुंदर मुस्कान, पतली सी यह लड़की सुंदर वक्ष और एकदम मन को आकर्षित करने वाले शरीर की साक्षात परी थी।

जब वह कॉलेज की पढ़ाई कर रही थी उस वक्त कालेज के लड़के उसे पाने के लिए अपनी लार टपकाते रह गये।

मनीषा ने अपने साथ के लड़कों से दोस्ती भी की लेकिन किसी के साथ किसी तरह के ग़लत संबंध स्थापित नहीं किये।

प्रेम की रस धाराओं से परिपूर्ण उस लड़की के रंग-रूप , चाल-चलन और यौवन की अनुपम और अद्भुत संरचना को देखकर कोई भी आशिक उसके चाहने की चाहत नहीं नकार सकता था । लेकिन जिसकी क़िस्मत में उसका संयोग लिखा था । उसे कोई भी नहीं रोक सकता ।

वास्तव में मनीषा बहुत ही सुन्दर लडकी थी। जब साड़ी पहनकर लहराती हुई चाल चलकर बाहर निकलती थी तो लोगों के मुंह से आह निकल ही जाती थी।

आह ! भगवान तुमने कैसी जोड़ी बनाई है। काश यह मेरी किस्मत में होती तो मैं बिना धन दौलत के ही अमीर हो जाता ।

कोई इसे एक बार जी भरकर देख लेने दे तो स्वर्ग की दुनिया का आनंद आ जाये । वास्तव में भोग-विलास में मनुष्य बहुत बुरी तरह डूबा हुआ रहता है। उसी की करामात है कि एक यौवन का नशा छाने के लिए एक व्यक्ति अपनी जान-माल को लुटाने के लिए बिना सोचे समझे अर्पित करने के लिए तैयार हो जाता है।।

मनीषा ने पिछले तीन सालों से पिता की भाग-दौड़ भरी जिंदगी को देखा था। एक पिता के लिए जवान बेटी का बहुत बड़ी जिम्मेदारी होती है।

हर बेटी का ख्वाब होता है कि वह अपने लिए एक सुंदर और आकर्षक पति पाये लेकिन जब पिता अपनी बेटी के लिए अच्छा पति खोजने के लिए निकलता है तो उसके दिल में न जाने कितने अरमान चलते हैं।।

मनीषा:- मैंने अपने पिता को मेरे लिए सुयोग्य वर खोजते समय बहुत ही करीब से देखा था। वह अपने लिए ऐसा दामाद खोजना चाहता था जो उसकी बेटी की जिंदगी को एक अच्छा भविष्य दे सके।।

इसलिए  जब मुझसे  रोहित के बारे में पूछा गया तो मैंने उन्हें बोल दिया कि पापा आप चिंता मत करिए,जो भगवान ने किस्मत में लिख दिया वह मुझे मंजूर है ।

मुझे  आपसे कुछ शिकायत नहीं है मुझे लड़का अच्छा पढ़ा-लिखा और गुणवान चाहिए ।

जब मनीषा के पिता ने रोहित को अपनी बेटी के लिए उचित पति समझ लिया तो मनीषा के पिता ने बड़ी धूमधाम के साथ मनीषा की शादी की। उसके पिता ने अपनी बेटी की शादी में दिल खोलकर रुपया खर्च किया।।

मनीषा:- हमारी शादी को चार साल हो गये  थे लेकिन  रोहित और मेरे बीच  में आज तक किसी तरह का कोई विवाद नहीं हुआ। हम लोगों ने अपने आप में एक दूसरे को बहुत करीब से समझा और हर काम को बड़े समन्वय के साथ किया ।।

"अगर मुझसे कोई गलती भी हो जाती थी तो रोहित यह कहकर टाल देता है कि “कोई बात नहीं ,हो गया सो गया। गलती इंसान से होती है। जिस चीज का नुक़सान हुआ है वह वापस आ जायेगी तुम चिंतामुक्त रहकर अपनी जिंदगी गुजारो”।

यही तो कारण था मनीषा उसके साथ इतनी मोहब्बत करती थी। वह उसकी एक आवाज पर जी जान देने के‌‌ लिए हाजिर हो जाती थी । इसलिए तो कहते हैं मनुष्य का असली रुप बाहर की त्वचा से पता नहीं चलता मगर सही मायनों में विश्लेषण किया जाये तो मनुष्य का दिल और मन काला नहीं होना चाहिए।

अर्थात् मनुष्य की कथनी करनी में अंतर नहीं होना चाहिए। मनुष्य की जिंदगी में शील , संतोष , सहनशीलता, सत्य , ईमानदारी,प्रेम दया ,करूणा, क्षमा इत्यादि गुणों में से एक भी गुण है तो वह व्यक्ति महापुरुषों की श्रेणी में आ जाता है।

मनुष्य की शोभा उसकी बाहरी त्वचा का रंग रूप नहीं बल्कि उसका आंतरिक भाव होता है। शिक्षक स्वभाव से सदाचारी होते हैं क्योंकि हर व्यक्ति के जीवन की बागडोर शिक्षक के साथ में ही होती है। चाहे वह आई ए एस हो या एक चपरासी।

हर व्यक्ति ने अपने जीवन की शुरुआत माता-पिता के बाद में शिक्षक के साथ ही की है। जो लोग शिक्षक के संपर्क में नहीं आये उन्हें भी अपनी जिंदगी में किसी ना किसी रुप में शिक्षक से ज्ञान प्राप्त किये  क्योंकि शिक्षक वही नहीं होता है जो मनुष्य को स्कूली शिक्षा देता है बल्कि एक शिक्षक वह भी होता है जो मनुष्य की जिंदगी में कुछ ना कुछ सिखलाता है ।

हमारी जिंदगी के प्राइमरी शिक्षक माता-पिता होते हैं जो हमारे जन्म से अपने अंतिम दौर तक कुछ ना कुछ सिखलाते रहते हैं।।

“मैने अक्सर देखा है कि शिक्षकों की एक बहुत अच्छी आदत होती है कि उनकी सूर्य की पहली किरण के साथ आंख खुली नहीं कि घर के द्वार पर , चौपाल पर बैठकर चाय की पहली चुस्की अखबार के पन्ने पर ही पड़ती है।

उन्हें अपने ज्ञान का विस्तार करने के लिए आजीवन किसी ना किसी रूप में कुछ ना कुछ सीखता ही रहता है। उसकी बहुत जरूरत रहती है क्योंकि शिक्षक ही तो होता है जो किताबों की घटनाओं को वर्तमान परिदृश्य से जोड़कर बच्चों को ज्यादा से ज्यादा समझाने का काम करता है। इसलिए उनके जीवन में अखबार और अच्छा साहित्य पढ़ने की बहुत ज्यादा जरुरत होनी चाहिए ।

यह एक शिक्षक के लिए अच्छी आदत है। वैसे मैं कहूं तो शिक्षक कंजूस और मक्खीचूस तो होते ही हैं। उनकी जिंदगी में एक-एक रुपये की बहुत अहमियत होती है। वह अपनी जिंदगी में व्यर्थ का एक भी रूपया खर्च नहीं करना चाहते हैं।

रोहित की भी कुछ ऐसी ही आदत थी। घर सोनपुर के दौ सौ गज जमीन पर बना हुआ है । मगर अखबार पढ़ने के लिए वे कस्बे के प्रधान के यहां ही जाते हैं।

सोनपुर  हर दिन विकसित होता जा रहा था। यहां पर  स्कूल अस्पताल और रोजमर्रा की चीजों का मार्केट खुलता ही जा रहा था। 

यह कस्बा बन गया था लेकिन पूरी तरह से विकसित नहीं हो पाया था। अभी इसे विकसित होने में काफी समय लगने वाला था ।।इसके चारों तरफ खेत ही खेत और पेड़ों की हरियाली बहुत सुहाती है। धीरे-धीरे बदलाव की राह चल रही है । यहां पर विकास हो रहा है। और बुरा उस समय लगता है जब किसी गांव को शहर में बदला जाता है तो उसके आसपास की हरियाली लगातार लुप्त होती चली जाती है। पेड़ों की कटाई शुरू हो जाती है और लोग खेतों को खरीदकर उसमें खेती की जमीन को खत्म करके वहां पर प्लाटिंग करके उसे आवासीय जमीन बनाते हुए चले जाते हैं। उस गांव की प्राकृतिक सुंदरता घटती ही चली जाती है । बढ़ती जनसंख्या और सीमित संसाधन लोगों के भविष्य में एक बहुत बड़ी समस्या बनकर परेशान करेंगे।

सुबह की पहली किरण के साथ आज भी इस कस्बे से गाय और भैंसों के दुहने की आवाजे आती है। सुबह-सुबह फल और सब्जियां उगाने वाले किसान खेतों में चार बजे ही निकल जाते हैं और सुबह की पहली किरण उनकी मंडी में जाकर दिखाई देती है। दही बिलौने के लिए कुछ घरों में दरराती हुई मशीनें लेकिन कमला काकी आज भी लकड़ी से बनी हुई रई से दही बिलोती है। चाय की एक दुकान है जिस पर भीड़ लगी रहती है। पहले इस गांव में कोई चाय की दुकान नहीं थी उस वक्त लोगों में चाय का इतना ज्यादा शौक नहीं था क्योंकि कुछ घरों में चाय बनती ही नहीं थी । बच्चों के अंदर शिक्षा का शौक बढ़ता जा रहा है। युवा डिफेंस की नौकरी करने के लिए सुबह चार बजे ही सड़कों पर पसीना बहाने के लिए निकल जाते हैं। हम तरफ एक-दूसरे के साथ प्रतिस्पर्धा रहती है। हिंदू की विभिन्न जातियों के लोग एवं मुस्लिम समाज के लोग भी यहां बसते हैं। मगर सभी में गहरी दोस्ती और घनिष्ठता है। यहां पर लड़ाई-झगड़े भी प्यार से सुलझा लिये जाते हैं। सब लोग बडी प्रसन्नता के साथ अपने काम-धंधे कर रहे होते हैं। और आपस में एक-दूसरे का सहयोग करते हैं।।
उन्ही के बीच रहने वाला रोहित जो घर पर चाय नहीं पीता है क्योंकि उसके घर में दूध नहीं है। वह हर तरह से सही है लेकिन थोड़ा लोभी भी है। अखबार घर पर लगा नहीं सकता है । दस रूपए की चाय के साथ अखबार भी पढ़कर आ जाता है।
रोहित घर से निकला और गांव की चाय की दुकान पर पहुंचा तो उसने देखा कि चाय की दुकान पर रोजगारों से ज्यादा बेराजगारी की लाइन दिखाई पड़ती थी। वह हमेशा वहां खड़े बेरोजगार लोगों से कहता था कि कुछ काम धंधा कर लीजिए । इस तरह फालतू घूमने से तुम्हारी पार नहीं पड़ जायेगी। तुम लोग मां बाप की कमाई को फैशन और मोबाइल में बर्बाद कर रहे हो । जरा सोचो समझो और सुंदर जाओ । वक्त बहुत बदलता जा रहा है दिन रात की मंहगाई बढ़ती चली जा रही है। इस लौंडिया बाजी से कुछ नहीं होने वाला है।
सोनपुर के कुछ बच्चों पर रोहित की बातों का असर होता था । उन्हें रोहित का इतना अधिक खौफ हो गया कि रोहित के आने से पहले दुकान की पहली चाय पीकर पतली गली से निकल जाते थे। और कुछ लोग रोहित की बातों को मजाक में ले लेते थे।
“अरे गुरुजी आप चिंता क्यों करते हो। आपको रोजगार मिलने से क्या फायदा। आप पांच रूपये का अखबार नहीं लगा सकते और किसी को दस रूपये की चाय नहीं पिला सकते । हमें देखिए कि हम लोग बेरोजगार होते हुए भी चार लोगों को चाय पिलाकर ले जाते हैं।। भगवान ने किस्मत में लिखा होगा तो रोजगार छप्पर फाड़कर आ जायेगा । हमें ज्यादा हाथ-पैर फड़फड़ाने की आवश्यकता ही नहीं होगी।“
ऐसा कहकर वे मजाकी ग्रुप के लोग ठहाका मारकर हॅंसने लगते थे‌। हाहाहाहाहा --------हाहाहाहा-----हाहाआहाहाहा हाहाहाहाहा--------हाहाहाहा-----हाहाआहाहाहा।
वहां पर बैठे हुए एक वृद्ध रोहित से कहता है। मास्टर साहब आजकल के लोगों से कुछ भी कहना बेकार है। तुम इनसे कुछ भी मत कहा करो । ये लोग किसी की बात नहीं मानते हैं। इन्हें लगता है कि बड़े-बूढ़े हम लोगों को फालतू का ज्ञान देते हैं। ये लोग अपने आपको बहुत ज्ञानवान समझने लगे । पता नहीं क्या होगा इन लोगों का जो हमेशा कोई भी बात को गंभीरता से नहीं लेते ।
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रचनाएँ
कातिलाना मोहब्बत
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श्रद्धा जैसी हैवानियत के दर्द हर व्यक्ति की जिंदगी के लिए बहुत ही हानिकारक होती है। इस वक्त मनुष्य की जिंदगी में लोगों का विश्वास खत्म होता जा रहा है। जिस प्यार को कई हजारों सालों से एक रिश्ते के तौर पर देखा जाता था । आज के मानव ने उसे दरिंदगी का रूप दे दिया है। कुछ हवसी दरिंदे भोली भाली लड़कियों को अपने जाल में फंसाकर उनके साथ ऐसी हैवानियत कर देते हैं कि वह मनुष्य जाति को शर्मसार करने वाली होती है।
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4 अक्टूबर 2023
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रोहित एक कस्बा सोनपुर के स्कूल में प्राइमरी शिक्षक था। अपने काम के प्रति बहुत ही ईमानदार, निष्ठावान और समर्पित व्यक्ति था। बुद्धिमता के सामने शरीर के रंग कभी भी मायने नहीं रखता है।‌ रोहित का रंग

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अरे संजीव ! बढ़िया सी पत्ती तेज और चीनी कम वाली एक चाय बना दीजिए। ऐसी कड़क चाय बनाओ कि दिमाग एकदम फ्रेश हो जाए। सुबह-सुबह ऐसी आदत बन गई कि तुम्हारी चाय के बिना दिन की शुरुआत ही नहीं होती । वास्तव में

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रोहित उस अखबार की न्यूज को पढ़कर अंदर तक हिल गया । उसकी चाय का स्वाद भी खराब हो गया और वह अनुभव कर रहा था । जैसे किसी मौत के वक्त खाने का स्वाद बिगड गया हो। उस अखबार की हेडलाइन थी। “एक प्र

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4 अक्टूबर 2023
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मास्टरजी का दिमाग खराब हो गया और जैसे ही घर के दरवाजे पर पहुंचा तो बहुत ही निराश मन से चुपचाप आंगन‌ में बैठकर सिर पकड़कर सोचता रहा । ना ही उसके मां-बाप को पता और ना ही मनीषा को क्योंकि मनीषा मास्टरनी

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जो मनुष्य अपने मन मे दयावान , करूणाशील, सहानुभूति प्रकट करने वाला , मानवता का पुजारी होता है । उसके मन और मस्तिष्क में कोई भी अनवांटेड घटना खटकती है। वह अपनी आंखों से इन घटनाओं को देख नहीं सकती और कान

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जैसे ही मनीषा की बात सुनी तो वह दौड़कर आती है। “अरे भगवान मेरे बेटे को क्या हो गया । किस पापी की बुरी नजर लग गई।,”रोहित की मम्मी ने आकर उसके पैर पकड़ लिया । अरे रोहित ! क्या हुआ ?? यह चोट कैसे लग

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रोहित गुस्सा होकर अपने गेस्ट रूम में गया और चुपचाप बैठकर टीवी देखने लगा। टीवी के हर चैनल पर एक ही खबर चल रही थी । खुशबू के साथ हुई दरिंदगी का मुजरिम पकड़ा गया । उसे जेल ले जा रहा था रहा है। पुलिस हिरा

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5 अक्टूबर 2023
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खुशबू के मम्मी ,भाई और बहिन बाहर चले जाते थे और वह घर के सभी कामों में अपना समय व्यतीत कर लेती थी। कुछ समय बचता तो वह उसे मोबाइल के साथ गुजार लेती। क्योंकि अकेले घर पर रहकर भी समय वही गुजरता था। खुशबू

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5 अक्टूबर 2023
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एक दिन शाम के समय खाना खाने के बाद मैं पढ़ाई करने लगी । मैंने मेरी फेसबुक आईडी पर आजतक किसी भी लडके को फ्रेड नहीं बनाया था। यहां तक कि अपने भाई को भी फेसबुक पर फ्रेंड नहीं बनाया हुआ था।कुछ कॉलेज की लड

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5 अक्टूबर 2023
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खुशबू :- मैं उस चेट से बाहर हो गई । कुछ समय के लिए अपनी मोबाइल को बगल में रखकर सोचने लगी कि एक हिसाब से तो मेरी फ्रेंडस सही कह रही है। मैंने अब तक सत्य की जिंदगी जीकर कर ही क्या लिया ??मैं जिस व्यक्ति

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6 अक्टूबर 2023
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मैसेज करने के बाद , मैंने खाना बनाया और खाना खाने में व्यस्त हो गई। कुछ देर के लिए मैंने मोबाइल को देखा नहीं । जब फुरसत मिली तो जब मैंने मोबाइल देखा मेरे मैसेंजर में मैसेज की लाइन लगी हुई थी। “सॉ

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6 अक्टूबर 2023
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उस दिन बातें करते-करते काफी समय बीत गया । समय से सोने वाले खुशबू अब आधी रातों तक जागने लगी । वह सोचती रहती थी कि न जाने मुझे क्या हो गया है। कुछ दिनों से पता ही नहीं चलता है । मैं आधी-आधी रात तक जागती

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7 अक्टूबर 2023
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ज़िंदगी मनुष्य को जहां भी लेकर जाती है। यह सब कुदरत का खेल है । जिसने तन दिया और तन के साथ कर्मों के आधार पर भाग्य दिया। भाग्य का निर्माण खाली बैठकर कभी नहीं होता है। उसके लिए तुम्हें कर्म करने की आवश

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7 अक्टूबर 2023
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धीरे-धीरे तारे आसमान में डूबते जा रहे थे। चारों तरफ सूर्य की किरणों का प्रकाश फैलने लगा था। सभी लोग सूर्योदय के साथ ही अपनी सुहानी सुबह का स्वागत कर रहे थे। खुशबू की मां नहाने धोने में व्यस्त हो

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जटिला कहने जाने वाली , प्रेम , मोहब्बत ,दोस्ती से घृणा करने वाली एवं जिस तरफ प्रेम की हवाएं चलती थी उनके साथ सांसें नहीं लेने वाली लड़की खुशबू के दिल में प्यार का ज्वर कैसे होने लगा।उसने प्रेम का रोग

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7 अक्टूबर 2023
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काजल एक बहुत ही सुन्दर और संस्कारी लड़की थी । जिसके पिता ने उसे खूब पढ़ाया लिखाया। किस्मत ने साथ नहीं दिया कि वह नौकरी नहीं लग पाई । बात उस वक्त की है। जब वह अपने कॉलेज लाइफ में एक लड़के की दोस्ती में

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7 अक्टूबर 2023
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काजल समझ नहीं पा रही थी कि वह क्या करें और कौनसी भाषा में अपने संरक्षक माता-पिता को समझाये। मुझे पता है कि ये लोग इस रिश्ते के लिए कभी भी राजी नहीं होंगे। लेकिन अब बातें छुपाने का कोई फायदा नहीं है क्

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7 अक्टूबर 2023
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हे ईश्वर ! तुम्हें मेरे सच्चे प्यार पर भरोसा नहीं है। मेरी रक्षा करो । यहां पर लोग तेरे नियमों की अवहेलना कर रहे हैं। तुम्हें धोखा दे रहे हैं। अगर तुम इस धरती पर हो तो द्रोपदी की तरह मेरी इज्जत बचाने

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7 अक्टूबर 2023
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काजल के पिता के जब कुछ समझ नहीं आया तो मजबूरन उसे थाने में गुमशुदगी की एफ आई आर दर्ज करानी पड़ी । और पूरी कहानी थानेदार को पता चली तो वह समझ गया कि यह सारे कारनामे जमील के ही हैं। उन्होंने उसे संदिग्ध

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7 अक्टूबर 2023
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“खुशबू कहने लगी मां चाय खत्म हो गई है और मुझे तुम्हारी बातों से बोरिंग हो रही है। हमें किसी दुनिया से क्या मतलब !! किसने क्या किया और क्यों किया?? आपने तो यह महाभारत की एक कथा बना दी है जिसका अंत भला

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8 अक्टूबर 2023
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काजल के पिता काजल की बातें सुनकर बहुत जोर-जोर से रोने लगे। अपने पिता की रोने की आवाज सुनकर उसके पुत्र अपने बाप के यहां दौड़े आते और काजल की मां भी रोते हुए अपने पति से पूछने लगी ।ऐ जी !!! कुछ तो

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8 अक्टूबर 2023
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खुशबू का इन बातों में मन नहीं लग रहा था । इसलिए वह अपनी मोबाइल लेकर अपने कमरे में चली गई । कुछ देर तक उसने समीर से बातें की और उसके बाद वह अपने घर के कामों में व्यस्त हो गई।रोहिणी को बड़ा ही मज़ा आ रह

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8 अक्टूबर 2023
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खुशबू ने अपनी मा की कहानी के कुछ अंश ही सुने थे। उसे इस तरह की लव स्टोरीज है कोई मतलब नहीं था । लेकिन रोहिणी को कहानियां सुनने का बहुत शौक़ था । इसलिए रोहिणी अपनी मां की बातों को सुनती रही । उसने पूरी

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8 अक्टूबर 2023
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इस वक्त रात की चांदनी रात में सपने देखती खुशबू को शायद अपना चांद ही नजर आ रहा था ।शायद उसे अपने सपने में भी समीर नजर आ रह होगा । सुबह पांच बजे ही नींद खुल गई । सुबह के धुंधले आसमान की दूधिया रोशनी लोग

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8 अक्टूबर 2023
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खुशबू कोचिंग नही जाकर वह पार्क में जाकर बैठ गई। वह बहुत बैचेन सी लग रही थी। वास्तव में उसकी बैचेनी किसी आशिकी से कम नहीं लग रही थी। वह कभी खड़ी होकर पार्क में घूमने लगती और कभी शौचालय में जाकर पेशाब क

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9 अक्टूबर 2023
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खुशबू और समीर पार्क में बैठकर अपने जीवन की एक नई दुनिया सजा रहे थे। केक और कोल्डड्रिंक के मधुर स्वाद से कहीं ज्यादा उनके प्रेम की मधुरता बरस रही थी। दोनों एक दूसरे के मोह में प्रेम की मधुरता में सराबो

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9 अक्टूबर 2023
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“तुम आये तो जिंदगी में बहार आई” एक लड़की की जिंदगी में एक उसे अच्छा पति मिल जाये उससे ज्यादा खुशी उसे कभी भी नहीं हो सकती । कुछ समय पहले यह निर्णय घर के बड़े लोग, लड़की के माता-पिता और उसके रिलेटिव कर

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9 अक्टूबर 2023
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खुशबू और समीर पार्क में बैठकर अपने जीवन की एक नई दुनिया सजा रहे थे। केक और कोल्डड्रिंक के मधुर स्वाद से कहीं ज्यादा उनके प्रेम की मधुरता बरस रही थी। दोनों एक दूसरे के मोह में प्रेम की मधुरता में सराबो

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9 अक्टूबर 2023
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हेलो ---- हां जी बताइए क्या कह रहे हो?? मैं इस वक्त खाना बनाने में व्यस्त हूं। कुछ देर बाद फ्री होकर कॉल करती हूं। मै तुम्हें इधर से फोन कर लूंगी। ऐसा कहते हुए खुशबू फोन काट देती है”।बेटी !! किसका कॉल

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9 अक्टूबर 2023
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खुशबू और समीर पार्क में बैठकर अपने जीवन की एक नई दुनिया सजा रहे थे। केक और कोल्डड्रिंक के मधुर स्वाद से कहीं ज्यादा उनके प्रेम की मधुरता बरस रही थी। दोनों एक दूसरे के मोह में प्रेम की मधुरता में सराबो

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" चोर चोरी करता है तो एक ना एक दिन सबूत छोड़कर ही जाता है।"एक दिन की बात है खुशबू घर से कोचिंग के लिए निकली थी। समीर उसे पिकअप करने के लिए रोजाना के स्थान पर आकर खड़ा हो गया। खुशबू ने मुंह पर दुपट्टा

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10 अक्टूबर 2023
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" आज हर्ष को बहुत गुस्सा आ रहा था । वह करें तो क्या करें । अगर उसने मां को बताया तो मां इस बात की टेंशन करके अपने आप को बीमार कर लेगी और मुझे समझ नहीं आ रहा था कि इसका क्या समाधान निकाला जाये। मैं ऐसा

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10 अक्टूबर 2023
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"सूर्यास्त हो गया था । चारों तरफ से अंधेरा घिरता आ रहा था । रोहिणी और उसकी मां अपने सीरियल को देखकर खिलखिलाती हुई सब्जियां काटने में व्यस्त थी। हर्ष अकेला बिस्तर पर पड़ा-पड़ा गहरी सोच में डूबा हुआ था

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10 अक्टूबर 2023
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" किसी ने सही कहा है कि घर का भेदी लंका ढाये ।" जैसे ही हर्ष और खुशबू की मां हर्ष के कमरे में प्रवेश करती है । उसी समय खुशबू और हर्ष अपनी बात खत्म करके अपनी बहिन से खाना पकाने के लिए कहता है। खुश

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10 अक्टूबर 2023
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"मां को अपनी संतानों से हमेशा ममता और प्रेम होती है। जिसे वह जीवनपर्यंत भर-भरकर लुटाती है। लेकिन संतान अक्सर उस मां के साथ धोखा कर ही जाती है जिसने उसे बड़ी मुसीबतों से नौ महीने गर्भ में पाला और

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10 अक्टूबर 2023
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"खुशबू का भाई हर्ष आज अंतर्मन से बहुत ज्यादा दुखी था । वह मन ही मन बहुत ज्यादा परेशान था । जिस बहिन को देखकर उसका मन प्रफुल्लित होकर खिल उठता था । आज सूखे हुए पेड़ की तरह मुरझाया हुआ था। वह अपने घर की

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10 अक्टूबर 2023
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"समीर के अपनी प्रेम की दुनिया का आनंद उठा रहा था। बीच में कोई भी किसी तरह का खलल पैदा करें तो वह सहन कर पायेगा। उसे किसी अनजान कॉल पर बातें करने का वक्त मिलेगा। लेकिन जब वह कॉल बार-बार आ रही हो तो उस

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" समीर ने अपनी कॉल पर जैसे ही तृष्णा का नाम सुना तो वह एकदम से चौंक गया । वह एकदम से घबरा गया और सोचने लगा,,,हे भगवान!! तुमने यह क्या किया ?? मुझे बीच में लाकर फंसा दिया। अब मैं क्या करूं?! क्योंकि मै

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कातिलाना मोहब्बत -39

10 अक्टूबर 2023
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" सच्चे मन से प्रेम हो तो पत्थर में प्राण पैदा हो जाते हैं।"इंसान के प्रेम में सच्चाई होने का प्रमाण वह स्वयं ही जानता है। क्योंकि आजकल इस दुनिया में साधारण नाग की विषधारी सपोले बनने लगे हैं।"" इस युग

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कातिलाना मोहब्बत -40

10 अक्टूबर 2023
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"समीर खुशबू की आंखों के सामने ही झूठ बोल गया । इसलिए तो कहता हूं । सच्चाई मनुष्य के चरित्र में ही होती है। उसका दिल उसे कभी भी बुरा करने के लिए नहीं कहता है लेकिन मनुष्य का मन उसे अपनी अभिलाषाएं पूरी

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कातिलाना मोहब्बत -41

11 अक्टूबर 2023
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एक दिन समीर और खुशबू सेंट्रल पार्क में बैठकर बातें कर रहे थे। खुशबू अपने मन की पीड़ा सुना रही थी । " समीर मेरे भाई ने मेरी जिंदगी खराब कर रखी हुई। दिन निकलते और शाम ढलते ही मेरे राक्षस भाई का मुं

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कातिलाना मोहब्बत -42

11 अक्टूबर 2023
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" रेलवे स्टेशन पहुंचकर खुशबू और समीर असमंजस में हो गये । उन्होंने घर से कुछ भी प्लान नहीं बनाया था। घर से निकल गये लेकिन कहां जाना है। किसी को कोई पता नहीं था।। "समीर कहने लगा । यार खुशबू चलो ट्रेन दे

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कातिलाना मोहब्बत-43

11 अक्टूबर 2023
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"जैसे-जैसे ट्रेन अपने गंतव्य की तरफ बढ़ती जा रही थी । वैसे-वैसे ही समीर और खुशबू के शहर की दूरियां बढ़ती हुई जा रही थी और उनके मन का डर कम खत्म होता जा रहा था। खुशबू अपने घरवालों से लाइब्रेरी का बहाना

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कातिलाना मोहब्बत -44

11 अक्टूबर 2023
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"अनजान राह और अनजान सफ़र पर अपनी जिंदगी का सफर करते हुए खुशबू और समीर जा रहे थे। उस जनरल डिब्बे की खचाखच भीड़ में शामिल वे दो प्रेमी अपनी प्रेम की दुनिया का आनंद उठा रहे थे।"मां-बाप की अकूत कमाई का हि

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11 अक्टूबर 2023
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" आदमी को चिंता, उसकी भूख और उसके दिल की हर खुशी को एक पल में तहस-नहस कर देती है। जब खुशबू की पोल उसकी मां के सामने खुलती हैं तो उसकी आंखें फटी की फटी रह गई।। वह सोचने लगती है कि सबसे बड़ा विश्वासघात

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11 अक्टूबर 2023
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"हर्ष की मां:-अपने बेटे की बात मानकर और उनकी खुशी के लिए मैंने खाना खाया था । बाकी खाना खाने की मेरी कोई इच्छा नहीं थी। अंदर से मेरा दिल सोचकर ही भर हो गया था। मुझे इस बात की कोई खबर नहीं

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कातिलाना मोहब्बत-47

11 अक्टूबर 2023
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"सूर्य की किरणों के साथ हर्ष के मन में घबराहट पैदा हो रही थी क्योंकि उसके मन में शंका हो रही थी कि उसकी बहन कहीं उनकी इज्जत पर कालिख पोतकर चली तो नहीं गई। सारी रात सोचते-सोचते रात लंबी हो गई। "हर्ष फो

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कातिलाना मोहब्बत -48

11 अक्टूबर 2023
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खुशबू और समीर को आज ऐसा प्रतीत हो रहा था कि जैसे शादी के बाद सुहागरात का दिन हो। क्योंकि आज खुशबू भी प्रेम की हर भावना को समीर के सामने प्रस्तुत कर रही थी। सफर के थकावट के बाद भी उन्हें इतना रिलेक्स फ

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11 अक्टूबर 2023
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खुशबू और समीर दोनों खुशी-खुशी नाश्ता कर रहे थे। उन्हें किसी बात की कोई चिंता नहीं थी। इधर जैसे ही दिन निकला वैसे ही हर्ष खुशबू को देखने के लिए उसकी कोचिंग और लाइब्रेरी में पता करने के लिए निकलने

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11 अक्टूबर 2023
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“क्रोध मनुष्य का महान शत्रु होता है जब मनुष्य को क्रोध आता है तो उसके शरीर के अंदर स्त्रावित होने वाले हानिकारक हार्मोंस उसके अंदर की सोचने और समझने की क्षमता को खत्म कर देते हैं।। उच्च रक्तचाप और बेड

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कातिलाना मोहब्बत -51

11 अक्टूबर 2023
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दरोगा साहब ने मास्टरजी को प्रणाम किया और उसके बाद वह बाहर आकर हर्ष के ऊपर चिल्लाने लगा। तुम्हें अक्ल नहीं है क्या ?? क्या तुम बच्चे हो जो तुम्हें समझाना होगा। ऐसा क्या हो गया जो तुम वहां पर हवाई फायर

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कातिलाना मोहब्बत -52

11 अक्टूबर 2023
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दरोगा साहब निकलते हुए हर्ष ने उनकी सहायता के लिए उन्हें धन्यवाद किया और कहा । हर्ष:- साहब जी आपकी सलाह को मै उचित मानता हूं। और आपका सहयोग चाहता हूं। आप बहुत अच्छे इंसान हो जो हमें सजा देने के बज

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कातिलाना मोहब्बत -53

11 अक्टूबर 2023
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हर्ष के कहने पर रजत ने हर्ष से कहा कि खुशबू का पता करने के लिए मुझे अपना रिकार्ड देखना होगा।ठीक है मैं देखता हूं। खुशबू कौन सी लड़की है क्योंकि यहां पर हर दिन एक से एक नए विद्यार्थी आते है

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कातिलाना मोहब्बत -54

11 अक्टूबर 2023
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हर्ष अपनी मां को बहुत समझा रह था । लेकिन उसकी मां कोई दो साल की बच्ची नहीं थी जो समझ नहीं पाये,वह सब कुछ समझती थी कि हर्ष उसे झूठ बोल रहा है।बेटा!! इस तरह झूठी दिलासा देने से कुछ नहीं होगा।। तुम

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11 अक्टूबर 2023
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" पुलिस के दिल में अगर हमदर्दी पैदा हो जाये तो वह मुजरिमों को कैसे पकड़ पायेगी। उनका प्रशिक्षण उसी लेवल का होता है कि वे लोग मुजरिमों के प्रति सहानुभूति प्रकट ना कर सकें।"हर्ष की आंखों में आसूं आने से

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11 अक्टूबर 2023
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" समीर कमरे की खोज में बाहर निकलता है। सबसे पहली मुलाकात वहां के होटल प्रबंधक से ही करता है।"सर !! हम लोग यहां के लिए अजनबी है । मै यहां जॉब करने के लिए आया हूं । मुझे कमरे की आवश्यकता है । इस विषय मे

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11 अक्टूबर 2023
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" वह टैक्सी वाला गरीब जरूर था लेकिन लालची किस्म का व्यक्ति था। कोई व्यक्ति किसी को लालची भी क्यों ना बनाये ?? क्योंकि जब किसी को अपने पेट की भूख शांत करने के लिए जरूरत के अनुसार पैसा भी ना मिले तो उस

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कातिलाना मोहब्बत -58

11 अक्टूबर 2023
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समीर और खुशबू को कमरा मिलते ही उनकी साठ फीसदी समस्या हल हो गई थी। समीर को चिंता हो रही थी कि जितना रूपया उनके पास उपलब्ध था । वह बडी ही तीव्र गति के साथ खर्च हो रहा था ।कमरा तो मिल गया लेकिन खाना बनान

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11 अक्टूबर 2023
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" परमात्मा के सामने पूजा अर्चना करने के बाद समीर और खुशबू दोनों कुछ पल के लेट गये। समीर खुशबू की तकिया बनाकर उसके पेट पर अपना सिर रखकर लेटा हुआ था । खुशबू समीर के हाथों में डालकर उसे सहला रही थी। उसी

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11 अक्टूबर 2023
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" इन्वेस्टिगेशन ऑफिसर का शक यकीन में बदल गया था क्योंकि उन्हें पता लग गया था कि खुशबू और समीर के फोन बंद होने में कुछ ही सैंकड़ों का अंतर था। ऐसा कोई ना कोई घपला जरूर है जो उन्हें शक के दायरे में लाता

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कातिलाना मोहब्बत -62

11 अक्टूबर 2023
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"साक्षी के चले जाने के बाद खुशबू की सांस में सांस आई। क्योंकि साक्षी के हर शब्द में एक ऐसा प्रश्न था । जो खुशबू के अंदर बैचेनी पैदा कर रहा था ।""खुशबू एक ऐसी लड़की थईज्ञजओ किसी भी तरह से एक्पोज होने क

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11 अक्टूबर 2023
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" अखबार में छपी और पुलिस ने छानबीन भी की लेकिन किसी को भनक तक नहीं लगी थी। क्या करें कि हर्ष के घरवालों की समस्या का समाधान हो जाये । ""देश के हर कोने की पुलिस का एक ही हाल है। इन्होंने ईमानदार अफसरों

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11 अक्टूबर 2023
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" जॉब मिल जाने के बाद समीर और खुशबू की चिंताएं कम हो गई। जैसे ही समीर को जॉब करते हुए चार महीने हो गये थे।" कमरे पर किसी से कोई मतलब नहीं था । हालांकि समीर ने खुशबू के साथ शादी नहीं की थी लेकिन द

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कातिलाना मोहब्बत -64

11 अक्टूबर 2023
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" संयुक्ता की जो भी इच्छा थी वह उसे साफ-साफ नजर आ रही थी। वह यहीं तो चाहती थी कि बॉस एक बार उसके साथ शारीरिक संबंध बनाये तो वह उसे उंगलियों पर नचायेगी।"इस कहानी के किरदारों में आपको गहनता से सोचना होग

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कातिलाना मोहब्बत -65

11 अक्टूबर 2023
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"संयुक्ता ने समीर के लिए पैग बनाया और खुद भी पैग पर पैग लिए जा रहे थे। संयुक्ता अपना होश गंवा बैठी और उसने समीर को गले लगा लिया । इधर समीर भी बुरी तरह नशे में हो गया था। "संयुक्ता :- अरे यार समीर तुमन

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कातिलाना मोहब्बत -66

11 अक्टूबर 2023
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समीर अपने घर की तरफ चला जा रहा था और खुशबू से बातें करता हुआ उसे सांत्वना दे रहा था कि यार मैं आपसे झूठ नहीं बोल रहा हूं।। रियल में ही , मैं ऑफिस के काम से बिजी था इसलिए आपसे बात नहीं कर पाया ले

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11 अक्टूबर 2023
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समीर रोजाना की झिकझिक से बुरी तरह तन आ चुका था । वह काफी डिप्रेशन में रहने लगा था और वह जिंदगी से तंग आ चुका था यही कारण था कि उसका मर जाने का मन कर रहा था । घर से वह जिंदगी जीने के लिए इसलिए निक

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कातिलाना मोहब्बत -68

11 अक्टूबर 2023
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" समीर सारी रात उसके साथ प्रेम करता रहा । उसने अपने साथ उसका श्रृंगार बॉक्स भी रख लिया था । वह कभी उसके काजल लगाता और कभी उसके लिपस्टिक और कभी उसका मेकअप करता तो कभी उसके साथ संभोग बनाने की कोशि

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