28 जनवरी 2015
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मैं दिनेश गुप्ता 'दिन' पेशे से सॉफ्टवेयर इंजीनियर हूँ और ३ किताबों का लेखक हूँ : १.) मेरी आँखों में मुहब्बत के मंज़र हैं २.) जो कुछ भी था दरमियाँ ३.) कैसे चंद लफ़्ज़ों में सारा प्यार लिखूँ इसके अलावा मेरी कवितायेँ ३ संयुक्त कविता संग्रहों में प्रकाशित हुई है | १.) बिखरी ओस की बूँदें २.) कदम ढूँढती राहें ३.) शब्दों की चहलकदमी इसके अलावा मेरी कवितायेँ, पुस्तक-समीक्षा, इंटरव्यू और लेख देश के कई प्रमुख अख़बारों और पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं : मेरे बार में और जानने के लिए लोगिन करें : D
वाह वाह क्या बात है, उमड़े दिल के जज़्बात हैं। कविता प्रेमियो के लिए ये रचना अनमोल सौगात है।
7 मई 2017
खूब लिखा
24 जुलाई 2015
बहुत खूब
15 जुलाई 2015
अति सुन्दर
25 मई 2015
मर्मस्पर्शी
29 अप्रैल 2015
उत्तम रचना.....
16 अप्रैल 2015
bahut sundar abhivyakti .badhai
14 अप्रैल 2015
दिनेश जी 'शब्दनगरी' पर आपकी ऐसी ही सुन्दर अन्य रचनाओं की प्रतीक्षा है. इस साईट पर आपकी पहली रचना प्रकाशित हुए अब तो काफी दिन हो चुके हैं.
25 मार्च 2015
क्या खूब लिखा है
17 मार्च 2015