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ये काला कुत्ता काट खाएगा

18 मई 2022

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हमारे बगल वाली बिल्डिंग में एक ऐसा परिवार है, जिनके यहाँ जब-तब एक पंडित जी आकर कोई न कोई पूजा-पाठ करते रहते हैं।  वे लोग टोना-टोटकों में भी बड़ा विश्वास करते है।  अभी पिछले हफ्ते की बात हैं।  उसके घर में कुछ परेशानी चल रही थी तो उन्हें पंडित जी ने बताया कि घर की बड़ी बहु सुबह-सुबह हलुवा-पूड़ी बनाकर काले कुत्ते को खिलाएगी तो उनके घर में कोई परेशानी नहीं रहेगी। पंडित की बात मानकर उस घर की बड़ी बहु ने खुश होकर दूसरे दिन सुबह-सुबह हलुवा-पूड़ी बनायी और उसे लेकर सड़क पर काले कुत्ते की खोजबीन करने में जुट गयी।  सुबह-सुबह जब मैं घूमने निकल रही थी तो मैंने उसे  सड़क पर उसे हैरान-परेशान देखा तो मुझसे रहा न गया और मैंने उसे परेशानी का कारण पूछा तो वह बोली कि उसे काले कुत्ते को हलुवा-पूड़ी खिलाना है, लेकिन कोई काला कुत्ता ही नहीं दिख रहा है।  मैंने सोचा कि बेचारी परेशान हो रही है तो थोड़ी मदद कर देती हूँ।  मैंने उसे कहा कि चलो मेरे साथ और मंदिर के पास दो-तीन काले कुत्ते रहते हैं वही उन्हें खिला देना।  मेरे बात सुनकर वह ख़ुशी से मेरे साथ चल दी।  मंदिर पास ही था इसलिए हम जल्दी ही पहुँच गए।  मंदिर पहुँचने पर वहां काले कुत्ते नज़र नहीं आये तो वह थोड़ी निराश हुई। उसे निराश होते देख मुझे भी अच्छा नहीं लगा कि मैं खामख्वाह उसे मंदिर तक काले कुत्तों के चक्कर में ले आयी। अब क्या किया जाय जैसे ही मैं सोच रही थी कि एक आदमी अपने एक काले कुत्ते को घूमते हुआ हमारे सामने से गुजरा तो मैंने उसे रुकने के लिए कहा और उस महिला को उसे हलुवा-पूड़ी खिलाने को कहा।  वह महिला जैसे ही कुत्ते के पास गयी, पहले तो मालिक ने मना किया लेकिन जब हम दोनों ने थोड़ी विनती की तो वह मान गया।  उस महिला ने झट से कुत्ते को हलुवा-पूड़ी खिलाई। कुत्ते को बड़े शौक से हलुवा-पूड़ी खाते देख वह बड़ी खुश हो रही थी।  जैसे ही उसने हलुवा-पूड़ी चट की उस महिला ने ख़ुशी से उसके सिर पर प्यार से हाथ फेरा तो कुत्ते से उसका हाथ काट दिया। अचानक हुए हमले से वह जोर से चिल्लाई तो उसके मालिक ने उसे दूर किया।  वह कुत्ते के मालिक को अनाप-शनाप बकने लगी तो वह भी उससे लड़ने लगा कि इसमें उसकी क्या गलती हैं, जानवर है उसका कोई भरोसा होता है क्या? मैंने जैसे-तैसे उन्हें शांत कराया और मैं उसे उसके घर वापस लेकर आ गयी।  चलते-चलते मैंने उसे पूछा कि जब उसने हलुवा-पूड़ी खिला दिया तो फिर उसके सिर पर हाथ फिरने की क्या जरुरत थी, किसने कहा था ऐसा करने को तो, वह सुबकते हुए बोली कि पंडित ने कहा था और फिर सासु माँ ने भी समझाया था।  मैं उसे उसके घर छोड़कर आयी तो उसकी हालत देख उसकी सास बजाय उसे हॉस्पिटल ले जाने पंडित जी को फिर से बुलावा भेजने की बात करने लगी तो मैं यह सोचकर वहां से खिसक गयी कि इनका कुछ नहीं हो सकता?

अब ऐसे  लोगों को क्या कहियेगा, यही न

तू काली ओ नखरे वाली नखरा तेरा है अनमोल

ये काला कुत्ता काट खाएगा,

सच बोल ये काला ...

Pragya pandey

Pragya pandey

बहुत अच्छा लिखा हैं 👌👌👌👌

21 मई 2022

भारती

भारती

बिल्कुल सही कहा आपने ऐसे लोगों का कुछ नहीं हो सकता और उन्हें उन्हीं की हाल पर छोड़ देना ही बेहतर है। क्योंकि वह अपनी बात तो समझेंगे नहीं।

18 मई 2022

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रचनाएँ
दूर-पास की बातें (दैनन्दिनी मई, 2022)
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इस डायरी में मैं लेकर आयी हूँ कुछ दूर-पास की बातें। ये दूर-पास की बातें क्या हैं? इसके लिए डायरी पढ़ना न भूलें।
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अक्षय तृतीया में शादी-ब्याह की धूम

3 मई 2022
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हमारे हिन्दू धर्मग्रंथों में आज अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ग से पृथ्वी पर माता गंगा, माता अन्नपूर्णा, भगवान परशुराम, नर-नारायण व हयग्रीव का अवतरण के साथ ही भगवान गणेश द्वारा महाभारत ग्रन्थ और त्रेता

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उसे तूफानों से टकराना ठीक नहीं

5 मई 2022
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कपोल कल्पित कल्पना में जीने वाले  हकीकत का सामना करने से डरते हैं  जो हौंसला रखते सागर पार करने की  वह कभी नदियों में नहीं डूबा करते हैं  ऊंचाईयों छूने की इच्छा रखते हैं सभी   पर भला भरसक यत्न

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सबका ख्याल रखना होता है माँ को

8 मई 2022
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मेरे साथ ही मेरे पति, बेटे और बेटी चारों को पशु-पक्षियों से बड़ा प्रेम हैं। यह बात हमारे अड़ोसी-पड़ोसी ही नहीं बल्कि जान-पहचान और रिश्तेदार भी भलीभांति जानते हैं। हमारे इसी पशु-पक्षी प्रेम को देखते ह

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होगा सुखद जीवन सफर

10 मई 2022
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एक दिन सब साथ मिलेंगे   होगा सुखद जीवन सफर।    विचलित न होना पथ से  चाहे बिखरे हों शूल अनेक  मिले सफर में कोई भी  रखें भावना दिल में नेक  भले ही दूर दिखे मंजिल   ध्यान रहें न रुके डगर  यदि दि

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पेड़-पौधे प्राकृतिक सुंदरता के घर हैं

11 मई 2022
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इन दिनों भीषण गर्मी के साथ ही लू के थपेड़ों से लोगों में हाहाकार मचा है। मैं जब सुबह घर से निकलकर १० बजे ऑफिस पहुँचती हूँ तो चिलचिलाती धूप में ऐसा आभास होता है जैसे सुबह के १० नहीं १२ बज गए हों। रा

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सबका प्यारा रुपैया

13 मई 2022
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दाम करे सब काम पैसा मिले घोड़ी चले   पार लगावे नैया  बाप बड़ा न भैया  सबका प्यारा रुपैया   मेला लगता उदास  गर पैसा न हो पास ठन-ठन गोपाल का कौन करता विश्वास वह भला मानस कैसा जिसकी जेब में न

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होंठों पर तैरती मुस्कान' कहानी संग्रह पर चर्चा

15 मई 2022
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आज की दैनन्दिनी में 'बेस्ट सेलर प्रतियोगिता अप्रैल' में सम्मिलित मेरी 'होंठों पर तैरती मुस्कान' कहानी संग्रह में संग्रहीत ८ कहानियों के बारें में एक छोटी सी चर्चा प्रस्तुत है।  'गरीबी में डॉक्टरी' के

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ये काला कुत्ता काट खाएगा

18 मई 2022
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चाय पियो जी गरम-गरम

22 मई 2022
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कल सोशल साइट्स पर चाय दिवस के अवसर पर बड़ा हो-हल्ला मचा था। सोचा लगे हाथ मैं भी कुछ लिखती चलूँ तो घर की कामों में अब-तब करते-करते सुबह से रात कब हो गयी पता ही नहीं चला। दरअसल घर में पिछले हफ्ते राजस्था

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स्वच्छता का हाल खुशहाल या बेहाल?

23 मई 2022
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स्वच्छ भारत अभियान को लेकर कितने भी स्लोगन लिखवा लो, पोस्टर छपवा लो, अखबारों या टीवी में विज्ञापन चलवा दो या फिर घर-घर से नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी में लाउड स्पीकर में जोर-जोर से गाने बजवा-

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जैसी परे सो सहि रहे

24 मई 2022
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आज सुबह जैसे ही घर से घूमने निकली तो बारिश के एक लहर बाहर मेरे स्वागत के लिए तैयार बैठी मिली।  भीषण गर्मी के बाद स्वागत करने वाली बारिश की पहली पहल बूँदे मेरे तन-बदन पर क्या पड़ी कि मुझे मेरा बचपन याद

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भैया मेरा बड़ा हुआ

25 मई 2022
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आज मेरे बेटे का १०वीं सीबीएसई बोर्ड का आखिरी पेपर था। जब मैं शाम को ऑफिस से घर आयी तो मुझे उसके चहेरे पर रौनक दिखाई दी। आखिर रौनक आती क्यों नहीं, अब जाकर तो बेचारे को पिछले माह की २७ तारीख से आज दिनां

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दान-पहल की ख़ुशी

27 मई 2022
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हमारे उत्तराखंड के गांव में खेती-बाड़ी करके किसी का घर नहीं चल पाता है, इसलिए प्राय: हर घर से कोई न कोई काम-धंधे के तलाश में शहर आकर बस जाता है।  क्योंकि हमारे गांव से बड़े शहरों में दिल्ली सबसे निकट है

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मेरी भूली-बिसरी यादों का पिटारा

28 मई 2022
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आज मुझे बेस्ट सेलर प्रतियोगिता मई 2022 के लिए अपनी भूली-बिसरी यादों के पिटारे को पूर्ण कर बड़ी ख़ुशी हो रही है। क्योंकि एक समय था जब इस पुस्तक में अधिकांश संस्मरण देश के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाश

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समाज की शक्ति एकता में निहित होती है

30 मई 2022
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जब हमें एक-एक कर सहयोगी मिलते चले जाते हैं, तब हमारे लिए कोई भी काम कठिन नहीं रह जाता है। अभी तीन दिन पहले मैंने दैनन्दिनी में दान-पहल की ख़ुशी की बात लिखी थी। जिसमें मैंने बताया था कि हमारे उत्तराखंड

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कई रोगों की जड़ है तम्बाकू/धूम्रपान

31 मई 2022
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  तम्बाकू/धूम्रपान जनित कुछ प्रमुख रोगों के बारे में जानिए और आज ही छोड़ने का संकल्प कीजिए-   कैंसर: तम्बाकू के धुएं से उपस्थित बेंजपाएरीन कैंसर जनित रोग होता है। लगभग 95 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर क

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