shabd-logo

चाय पियो जी गरम-गरम

22 मई 2022

84 बार देखा गया 84

कल सोशल साइट्स पर चाय दिवस के अवसर पर बड़ा हो-हल्ला मचा था। सोचा लगे हाथ मैं भी कुछ लिखती चलूँ तो घर की कामों में अब-तब करते-करते सुबह से रात कब हो गयी पता ही नहीं चला। दरअसल घर में पिछले हफ्ते राजस्थान से अपने पति के साथ ननद आई हुई थी, जो कल रात ही अपने ससुराल गयी तो उनकी आवभगत में लगे रहने से कुछ लिख नहीं पायी। आज भी दिन अभी तक खाने-पीने और घर-भर के लत्ते-कपड़ों को धोने-सुखाने में निकल गया तो थोड़ी फुर्सत अब जाकर मिली तो सोचा क्यों न आज लिखती चलूँ।  अब चाय वाली बात हैं न, इसलिए छोड़ नहीं सकती। ऑफिस हो या घर चाय के बिना अपनी गाड़ी आगे बढ़ती ही नहीं है। सुबह से लेकर रात तक ४-६ चाय तो चलती ही है और अगर कहीं कोई शादी-ब्याह में रात भर जागने हो तो फिर तो मत पूछो हर घंटे में चाय चाहिए होती है। चाय हलक में जाते ही नींद फुर्र। मेरे पतिदेव तो ग्रीन चाय पीते हैं, वे तो मुझे कहते-कहते थक गए कि ज्यादा चाय मत पियो, नुक्सान करती हैं, लेकिन ये तो आदत हो गयी, लग जाती हैं तो ऐसे ही जाती कहाँ है? 

चाय की बात निकली है तो चाय की तरह ही बहुत से किस्से याद आने लगे हैं। चाय का नाम भले ही एक हो लेकिन इसका स्वाद सब जगह अलग-अलग होता है।  गाँव में जाते हैं तो वहां अलग शहर में जाते हैं तो वहां अलग। चाय में पानी-दूध और चीनी की मात्रा कितनी भी हों और कैसी भी वह बनी हो, लेकिन अगर कोई उसे प्रेम से लाकर देता है और दो शब्द प्यार के उसमें घोल देता हैं फिर क्या कहने! दुनिया अपनी बन जाया करती है। अपने घर में चाय तो पीते रहते हैं, लेकिन जब हम कहीं बाहर जाते हैं तो वहां की चाय को बहुत याद करते हैं विशेषकर जब वहां का अंदाज कुछ जुदा हो।  ऐसे ही जब पिछले वर्ष मेरी ननद की विवाह हुआ तो उसके ससुराल राजस्थान के गाँव जाना हुआ  तो वहां चाय पीने-पिलाने का अंदाज बड़ा अलग लगा। वहां मुझे पानी पिलाने का ढंग भी अलग था।  वे एक लोग एक लोटे में पानी भरकर सबको उसी से पीने पिला रहे थे। यह देख मुझे अच्छा लगा और मैं अपने गांव की याद में खो गयी।  क्योंकि हम भी कभी ऐसे ही पानी पिया करते थे। पानी पिलाने की बाद जब उन्होंने चाय दी तो मुझे बड़ा अचरज हुआ, क्योंकि वे लोग कटोरे में चार घूंट चाय लेकर एक तरफ से सबको देते जा रहे थे और लोग सुड़की लगाकर एक ही बार से पीकर दूसरे आदमी को कटोरी पकड़ा दे रहे थे।  जब मेरी बारी आयी तो में तो पहले तो मैं कटोरी को देखने लगी और फिर चार घूँट चाय को। लोग क्या कहेंगे यह सोचकर मैंने भी उसे एक ही सांस में गटक ली। अब दूसरी बार मांगने का विकल्प तो था नहीं बस सबको देख रही थी कि कोई तो कहे कि और चाय चाहिए क्या? लेकिन किसी से परिचय हुआ न था इसलिए चार घूँट से काम चलाना पड़ा। मैं सोचने लगी अरे यहाँ मेहमानों को चाय जरूर पिलाते हैं लेकिन हमारी तरह बड़े-बड़े गिलास-कप भरकर नहीं, इससे इनकी तो बड़ी बचत होती होगी, शायद इसलिए इन्हें मारवाड़ी कहते हैं।  इनके किस्से सुने थे आज देख भी लिए। जितनी चाय हम एक मेहमान को पिलाते हैं उतने में ये १५-२० को निपटा देते हैं।

यह देखकर मेरे पतिदेव तो बड़े खुश हुए कि चलो मुझे कुछ तो सबक मिला कि चाय कम ही पीनी चाहिए लेकिन हम कहाँ सुधरने वाले, वे नहीं पीते हैं तो क्या हम छोड़ दें, ऐसे कैसे हो सकता हैं।  आदत है तो जाएगी कैसे? हम तो परम्परा निभाते हैं कोई कुछ भी कहे। 

 हम तो फिल्म 'कुंदन' का गरमा-गरम गीत  सुनकर चाय पीने में विश्वास रखते हैं और आप  ................. 

आओ हमारे होटल में चाय पियो जी गरम-गरम बिस्कुट खाओ नरम-नरम जो दिल चाहे मांग लो हमसे सब कुछ है भगवान कसम  

 

भारती

भारती

वाह जी वाह! क्या बात है, चाय से इतना प्रेम बहुत खूब👌🏻👌🏻

22 मई 2022

16
रचनाएँ
दूर-पास की बातें (दैनन्दिनी मई, 2022)
0.0
इस डायरी में मैं लेकर आयी हूँ कुछ दूर-पास की बातें। ये दूर-पास की बातें क्या हैं? इसके लिए डायरी पढ़ना न भूलें।
1

अक्षय तृतीया में शादी-ब्याह की धूम

3 मई 2022
4
1
3

हमारे हिन्दू धर्मग्रंथों में आज अक्षय तृतीया के दिन स्वर्ग से पृथ्वी पर माता गंगा, माता अन्नपूर्णा, भगवान परशुराम, नर-नारायण व हयग्रीव का अवतरण के साथ ही भगवान गणेश द्वारा महाभारत ग्रन्थ और त्रेता

2

उसे तूफानों से टकराना ठीक नहीं

5 मई 2022
4
2
4

कपोल कल्पित कल्पना में जीने वाले  हकीकत का सामना करने से डरते हैं  जो हौंसला रखते सागर पार करने की  वह कभी नदियों में नहीं डूबा करते हैं  ऊंचाईयों छूने की इच्छा रखते हैं सभी   पर भला भरसक यत्न

3

सबका ख्याल रखना होता है माँ को

8 मई 2022
3
2
3

मेरे साथ ही मेरे पति, बेटे और बेटी चारों को पशु-पक्षियों से बड़ा प्रेम हैं। यह बात हमारे अड़ोसी-पड़ोसी ही नहीं बल्कि जान-पहचान और रिश्तेदार भी भलीभांति जानते हैं। हमारे इसी पशु-पक्षी प्रेम को देखते ह

4

होगा सुखद जीवन सफर

10 मई 2022
1
1
2

एक दिन सब साथ मिलेंगे   होगा सुखद जीवन सफर।    विचलित न होना पथ से  चाहे बिखरे हों शूल अनेक  मिले सफर में कोई भी  रखें भावना दिल में नेक  भले ही दूर दिखे मंजिल   ध्यान रहें न रुके डगर  यदि दि

5

पेड़-पौधे प्राकृतिक सुंदरता के घर हैं

11 मई 2022
2
2
1

इन दिनों भीषण गर्मी के साथ ही लू के थपेड़ों से लोगों में हाहाकार मचा है। मैं जब सुबह घर से निकलकर १० बजे ऑफिस पहुँचती हूँ तो चिलचिलाती धूप में ऐसा आभास होता है जैसे सुबह के १० नहीं १२ बज गए हों। रा

6

सबका प्यारा रुपैया

13 मई 2022
6
1
3

दाम करे सब काम पैसा मिले घोड़ी चले   पार लगावे नैया  बाप बड़ा न भैया  सबका प्यारा रुपैया   मेला लगता उदास  गर पैसा न हो पास ठन-ठन गोपाल का कौन करता विश्वास वह भला मानस कैसा जिसकी जेब में न

7

होंठों पर तैरती मुस्कान' कहानी संग्रह पर चर्चा

15 मई 2022
2
2
1

आज की दैनन्दिनी में 'बेस्ट सेलर प्रतियोगिता अप्रैल' में सम्मिलित मेरी 'होंठों पर तैरती मुस्कान' कहानी संग्रह में संग्रहीत ८ कहानियों के बारें में एक छोटी सी चर्चा प्रस्तुत है।  'गरीबी में डॉक्टरी' के

8

ये काला कुत्ता काट खाएगा

18 मई 2022
3
2
2

हमारे बगल वाली बिल्डिंग में एक ऐसा परिवार है, जिनके यहाँ जब-तब एक पंडित जी आकर कोई न कोई पूजा-पाठ करते रहते हैं।  वे लोग टोना-टोटकों में भी बड़ा विश्वास करते है।  अभी पिछले हफ्ते की बात हैं।  उसके घर म

9

चाय पियो जी गरम-गरम

22 मई 2022
1
1
1

कल सोशल साइट्स पर चाय दिवस के अवसर पर बड़ा हो-हल्ला मचा था। सोचा लगे हाथ मैं भी कुछ लिखती चलूँ तो घर की कामों में अब-तब करते-करते सुबह से रात कब हो गयी पता ही नहीं चला। दरअसल घर में पिछले हफ्ते राजस्था

10

स्वच्छता का हाल खुशहाल या बेहाल?

23 मई 2022
5
3
2

स्वच्छ भारत अभियान को लेकर कितने भी स्लोगन लिखवा लो, पोस्टर छपवा लो, अखबारों या टीवी में विज्ञापन चलवा दो या फिर घर-घर से नगर निगम की कचरा उठाने वाली गाड़ी में लाउड स्पीकर में जोर-जोर से गाने बजवा-

11

जैसी परे सो सहि रहे

24 मई 2022
1
1
1

आज सुबह जैसे ही घर से घूमने निकली तो बारिश के एक लहर बाहर मेरे स्वागत के लिए तैयार बैठी मिली।  भीषण गर्मी के बाद स्वागत करने वाली बारिश की पहली पहल बूँदे मेरे तन-बदन पर क्या पड़ी कि मुझे मेरा बचपन याद

12

भैया मेरा बड़ा हुआ

25 मई 2022
1
1
1

आज मेरे बेटे का १०वीं सीबीएसई बोर्ड का आखिरी पेपर था। जब मैं शाम को ऑफिस से घर आयी तो मुझे उसके चहेरे पर रौनक दिखाई दी। आखिर रौनक आती क्यों नहीं, अब जाकर तो बेचारे को पिछले माह की २७ तारीख से आज दिनां

13

दान-पहल की ख़ुशी

27 मई 2022
2
2
2

हमारे उत्तराखंड के गांव में खेती-बाड़ी करके किसी का घर नहीं चल पाता है, इसलिए प्राय: हर घर से कोई न कोई काम-धंधे के तलाश में शहर आकर बस जाता है।  क्योंकि हमारे गांव से बड़े शहरों में दिल्ली सबसे निकट है

14

मेरी भूली-बिसरी यादों का पिटारा

28 मई 2022
3
1
1

आज मुझे बेस्ट सेलर प्रतियोगिता मई 2022 के लिए अपनी भूली-बिसरी यादों के पिटारे को पूर्ण कर बड़ी ख़ुशी हो रही है। क्योंकि एक समय था जब इस पुस्तक में अधिकांश संस्मरण देश के विभिन्न समाचार पत्रों में प्रकाश

15

समाज की शक्ति एकता में निहित होती है

30 मई 2022
2
0
1

जब हमें एक-एक कर सहयोगी मिलते चले जाते हैं, तब हमारे लिए कोई भी काम कठिन नहीं रह जाता है। अभी तीन दिन पहले मैंने दैनन्दिनी में दान-पहल की ख़ुशी की बात लिखी थी। जिसमें मैंने बताया था कि हमारे उत्तराखंड

16

कई रोगों की जड़ है तम्बाकू/धूम्रपान

31 मई 2022
2
1
1

  तम्बाकू/धूम्रपान जनित कुछ प्रमुख रोगों के बारे में जानिए और आज ही छोड़ने का संकल्प कीजिए-   कैंसर: तम्बाकू के धुएं से उपस्थित बेंजपाएरीन कैंसर जनित रोग होता है। लगभग 95 प्रतिशत फेफड़ों के कैंसर क

---

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए