दाम करे सब काम
पैसा मिले घोड़ी चले
पार लगावे नैया
बाप बड़ा न भैया
सबका प्यारा रुपैया
मेला लगता उदास
गर पैसा न हो पास
ठन-ठन गोपाल का
कौन करता विश्वास
वह भला मानस कैसा
जिसकी जेब में न हो पैसा
कौन बैठता उसके पास
मुखड़ा दिखे जिसका उदास
बिन कर-पग पर उड़ता-फिरता
अजब-गजब रंग दिखाता पैसा
कब किसे उठा दे, कब गिरा दे
बिन बोल सर्वत्र बोल रहा पैसा
आज के लिए इतना है ...