मेरी यह किताब कोशिश है कूछ ज्ज्बात दिल के बया करने का, कूछ नज्म, शेरो शायरी, गजल और कविताएँ, आशा है आपको पसंद आएगा, अगर हाँ, तो जरूर बताएगा ।
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<div>सोचा था वक्त मूझे एक दिन आजमायेगा, </div><div>पर वक्त की फिदरत देखो हर दिन आजमाता है, 
<div>बेतकलूब से आये हो इसबार ,</div><div>क्या तोहफा लाये हो इसबार ,</div><div>हमसे जूडने आये हो या फ
<div>ये जो बहते है तेरी आंखों से बडे बडे मोती,</div><div>उससे धुंडला जाती है मेरे नयन की ज्योती ,</d
<div>बिन माँगे होती जिनकी मूरादें पूरी ,</div><div>क्या औरों की होती है तकधीरे बूरी, </di
<div>सपनों का जहाँ बसाने जो चले ,</div><div>कौन निकलेगा साथ इसपे बवाल खडे, </div><div>इरा
<div>जो चाहा चाहा था ,</div><div>आज पलकों में सजाया है ,</div><div>जो नजरों से दूर है ,</div><div>उस
<div>जो सोचा था कभी ,</div><div>बडी जब मैं हो जाऊँगी, </div><div>मनमुताबिक ही जिंदगी पाऊँगी,&nb
<div>तूने देखा है कभी मौसम को बदलते हूँवे ,</div><div>मैने देखा है बनती तकदीर को बिघडते हूँवे
<div>क्यू मुझे बार बार उसी दर्द से मिला जाते, </div><div>जिससे है अबतक मेरे आँसूवों के रिश्तें,
<div>तू रहता है मुझसे दूर ,</div><div>सुकून की महल में ,</div><div>तरसता है चांद का नूर ,</div
<div>लेखा जोखा है कूछ ऐसा मेरी ही अब किस्मत का ,</div><div>साथ निभाने आया कोई किसी और के हिस्से का ,
<div>हदों में रहकर ही इसबार आई हूँ तेरे पास ,</div><div>ना कर बैठना तुम मुझसे अपना टाइमपास ।।<
<div>ये उन दिनों की बात है ,</div><div>जब नक्शे में सिर्फ हिंदुस्ता था ,</div><div>ना कोई पाक , ना भ
<div>गुजरे लम्हों को दे रहे भारी मन से हम बिदाई ,</div><div>नये साल को खुशी से गले लगाने की बेला आई ,</div><div>बिता हूँवा सब भूलकर नया कुछ सिखना है आज ,</div><div>पहनना है इस साल में अच्छाई का लाजवाब
<div>कहु कैसै क्या जादू तेरी अदाओं ने मुझ पर किया है ,</div><div>तुझसे मिलकर फिजाओं में हल्का सा नशा छाया है ,</div><div>बेखबर है तु भी मुझ पर हुए तेरे इस असर से जाना ,</div><div>मुझे दिल जीतना तेरा ल
<div>मैं खुद एक प्यास , तू बहता झरना ,</div><div>मैं खुबसुरत चेहरा , तू मेरा आईना ,</div><div>मैं कूछ भी नहीं , तू मेरा सपना ,</div><div>होगा कहाँ फिर से हमारा मिलना ।।</div>
<div>मिल गई होती मेरे ख्वाबों को तेरी ही जमीं, </div><div>ना होती फिर आँखों में मेरे हल्की सी नमी ।</div>
<div>जिस मासूम अदा से तुम कहते हो प्यार है ,</div><div>सच में एक बार तो खुद पर गुरूर होता है </div>
<div> होता जिंदगी में मेरे तेरे प्यार का जायका ,</div><div>ना लगता जिंदगी में मेरे गमों का तड़का !</div><div><br></div>
उम्मीद है जिंदगी इक दिन जरूर बेहतर होगी ,रब की बिन मांगे हमपर अपने आप मेहर होगी !
जिंदगी ने इतनी ठोकरें लिखे अपने नाम ,उदासी और दर्द मिलने आते है सरेआम ,क्या बया करें हम खुद से हुवे है नाकाम ,औरों को छोड़ खुद के भी ना आते काम !
कौनसी दौलत थी मेंने तुमसे माँगी, इक मौहब्बत, दुसरी वफा ही चाही ।
कैसी आए अपने मिलन की बेला ,जब ख्बाब ही है सिर्फ मेरा खयाली ।
कैसा है ये तेरा ही अपना करिश्मा ,मिलना किसीसे दो दिन का है मेला ,साथ आकर दो पल चल देते है हम ,अपना या पराया खोने का नहीं गम
संभाल के घडी देखीएगा जनाब ,वक्त बेवक्त समय बदल जाता है ,मुखवटे पहने जो आए अपने बनकर ,वो समय आते ही पराये हो जाता है ।
अलग अलग चल दिए एक मंजिल के हम दो राही ,रब ने लिख दी किस्मत में कौनसी जुदाई की स्याही ।
हसी मजाक में कहता था पागल ,एक दिन मुझे छोड जाएगा चला ,क्या पता था मुझे की सच में ये ,मुझे बिछडकर हो जाएगा भला
अपनी ही उलझनों में मशरुफ थी कुछ ऐसे ,आज कल तुझे ख्वाबों में भी बुला ना पाती ,मत कभी रुठना मुझसे तुम बेवजह ही की,तुझसे पहले के जैसे अब मैं मिल नहीं हुं पाती !
<div>तेरे सारे गम अक्सर ,</div><div>मुझसे होकर गुजरते हैं ,</div><div>मेरे सारे खुशी के रास्ते ,</div><div>तेरे दिल तक पहुंचते हैं !</div>
कैसा रिश्ता जुड़ा है तुमसे ना जाने ,जो मिलता भी नहीं भुलता भी नहीं ,अपना भी नहीं और गैर भी हो नहीं ,साथ भी नहीं , परछाई बनकर रहता