किताब कैसे एक अल्लाउदीन का चिराग है जिससे जो भी चाहो हमें बिना मांगे ही मिल जाता है, बडी रंगीन होती है ये किताबों की दुनिया, जो नाम पहचान ही नहीं दिल में जगह भी दिलाती है!
मैं एक टीचर हूँ, कविता, गजल, शेरों शायरी का शौक है मुझे ।मेरे सारे खयाल मैं शब्दों में लिखती हू, कुछ कुछ तजुर्बे, तो कुछ आनेवाले कल की उम्मीद से हर दिन मिलती हू!वैसे मैं प्रतिलिपी, पॉकेट नोव्हल, अमर उजाला पर भी लिखती हू, मेरी पहली और दूसरी कविता की