shabd-logo

कमाय

hindi articles, stories and books related to kamaay


लौट चले दिल्ली शहर से रोजगार।अब सील ने हर हुनर वाले की जुबान बंद कर दी हैं। सील कंपनी मे नहीं हुनर वाले के पैरो मे बेड़ियाँ पड़ी हैं। इससे अच्छा तो तिहाड़ की जेल मे बंद करके सबके हुनर को कैद कर लेते। कम से कम अंग्रेज़ो वाले दिन तो याद आते। इन्होने तो उस लायक भी नहीं छोड़ा। मजदूर कल भी आजाद था आजा भी आजाद

संबंधित टैग्स

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए