shabd-logo

कंगना ने आजादी दिलवाने वाले कथित कांग्रेसियों को नँगा कर दिया है

21 नवम्बर 2021

21 बार देखा गया 21

तथाकथित आज़ादी !!!!!!!!

कहते रहे चरख़े से आई !!!!

कंगना ने आजादी दिलवाने वाले कथित कांग्रेसियों को नँगा कर दिया है 

इसीलिए कहते हैं स्त्री को समझना चाहिए 

उससे लड़ना नहीं चाहिए 

यदि स्त्री लड़ने पर उतारू हो गई 

तो फिर उसे भगवान ने पुरूष से आठ गुना साहस अधिक दिया है।

जिसका उदाहरण कंगना पेश कर रही है।

अंग्रेज दूसरा विश्व युद्ध जीत चुके थे,

कोई ताकत अब उनके सामने खड़ी नही थी,

दूसरे विश्व की आर्थिक,जन हानि इतनी अधिक थी कि कई बड़ी शक्तियां पूर्णतः तबाह हो गए थे,

फिर उन्हें भारत छोड़ कर जाने की क्या जरूरत पड़ी,

इसका जवाब है दूसरे विश्व युद्ध से लौट रही 25 लाख की सशस्त्र सेना जिसमे बड़ी संख्या मैं भारतीय थे,जो दुनिया मे चल रही आजादी की विभिन्न लड़ाइयों से भी परिचित हो गए थे,लड़ाई लड़ने में प्रशिक्षित भी थे,और स्वदेश पहुंच कर निश्चित रूप से ये अंग्रेजो के खिलाफ विद्रोह भी कर सकते थे,दूसरा कारण आजाद हिंद फौज जिसके हजारो सिपाही देश को आजाद कराने के लिए किसी भी सीमा तक जा सकते थे,छुटपुट अंग्रेजो पर होने वाले हमले जिसने अंग्रेजो में डर का माहौल बना दिया था,विश्व युद्ध अंग्रेज जीत तो गए थे लेकिन जन और आर्थिक हानि उनकी भी बहुत हुई थी,भारत की 35 करोड़ आबादी को कंट्रोल करने की सामर्थ्य अब उनमें बची ही नही थी

अंग्रेजो के बाद देश मे एक सेक्युलर सरकार सत्ता में आई, मुसलमानों को पाकिस्तान मिला,लेकिन हिन्दुओ को क्या मिला, एक ऐसा देश जिसमे देश तोड़ने वालों को अधिक अधिकार दिए गए थे, हिन्दू समाज कहाँ आजाद हुआ, राजनीतिक साजिशों ने हिन्दुओ को अपनी ही धरती पर दूसरे दर्जे का नागरिक बनाया, 2014 के बाद कांग्रेस का पराभव शुरू हुआ, और हिंदुत्त्व कि राजनीति का सूर्योदय हुआ, हिन्दू समाज की वोट बैंक अल्पसंख्यक राजनीति से आजादी ही असली आजादी थी। 

इस पोस्ट के विषय पर आपको अपने विचार शालीनता और सभ्यता से रखने की स्वतंत्रता है।

कंगना की एक पोस्ट और जोड़ रहा हूँ चिन्तन हेतु ...

कंगना ने विरोधियों का पलटवार करते हुआ लिखा है कि " 1857 में आजादी के लिए पहली सामूहिक लड़ाई गई। जिसमें सुभाष चंद्र बोस, रानी लक्ष्मीबाई और मंगल पांडेय जी जैसे महान लोगों ने हिस्सा लिया था। लेकिन 1947 में कौन सा युद्ध हुआ था?

मुझे तो इस बारे में कुछ पता नहीं है। अगर कोई मुझे इस बारे में कोई जानकारी दें तो मैं अपना पद्मश्री वापस कर दूंगी और माफी भी मांग लुंगी..... कृपया इसमें मेरी मदद करें। 

उन्होंने आगे कहा कि, "मैंने रानी लक्ष्मी बाई की फीचर फिल्म में काम किया है। 

आजादी की पहली लड़ाई 1857 पर काफी रिसर्च किया है...

 राष्ट्रवाद का उदय हुआ तो दक्षिणपंथ का भी उभार हुआ। लेकिन अचानक ख़त्म क्यों हो गया ? 

और गांधी ने भगत सिंह को क्यों मरने दिया। 

नेता बोस क्यों गए और उन्हें गांधी जी का समर्थन कभी क्यों नहीं मिला?

 एक अंग्रेज व्यक्ति द्वारा विभाजन की रेखा क्यों खींची गई ? 

स्वतंत्रता का जश्न मनाने के बजाय भारतीयों ने एक-दूसरे को क्यों मारा कुछ जवाब जो मैं मांग रही हूं कृपया जवाब खोजने में मेरी मदद करें। 

कंगना रनौत ने कहा, ''जहां तक 2014 में आजादी का सवाल है, मैंने विशेष रूप से कहा था कि भौतिक आज़ादी हमारे पास हो सकती है, लेकिन भारत की चेतना और विवेक 2014 में आजाद हो गया था... 

पहली बार लोग हमें शर्मिंदा नहीं कर सकते कि हम अंग्रेजी नहीं बोलते हैं या छोटे शहरों से आते हैं या भारत में बने उत्पादों का उपयोग करते हैं लेकिन जो चोर हैं उनकी तो जलेगी ..कोई बुझा नहीं सकता.. 

जय हिंद। "

किताब पढ़िए

लेख पढ़िए