मेरी कविताएं ही मेरी दौलत है, मेरी हस्ती इन्हीं की बदौलत है। इनके हर हर्फ को मैंने खूबसूरती से चुना है, फिर जीवन के एहसासों के धागों में बुना है। अनुभवों को एक लय में पिरोया है, छोटे-
पुस्तक समीक्षा- पुस्तक का नाम - *बुंदेलखण्ड के आधुनिक कवि* सम्पादक - *श्री राजीव नामदेव ‘राना लिधौरी’* प्रकाशक - सरस्वती साहित्य संस्थान प्रयागराज द्वारा म.प्र.लेखक संघ जिला इकाई टी
आज अनायस ही रसोईघर में रखे मसाले के डब्बे पर दृष्टी चली गयीजिसे देख मन में जीवन और मसालों के बीच तुलनात्मक विवेचना स्वतः ही आरम्भ हो गयी.... सर्वप्रथम हल्दी के पीत वर्ण रंग देख मन प्रफुल्लित हुआ जिस तरह एक चुटकी भर हल्दी अपने रंग में रंग देती है उसी समान अपने प्यार और सोहार्द्य से दुसरो को अपने रंग