10 अगस्त 2019
ख्वाहिशें तो बस ख्वाहिशें ही होती है ,बदल जाए गर हकीकत में तो मर जाती है. ख़्वाब को ख़्वाब ही रहने दो तो अच्छा है, हक़ीक़त में बदले ख़्वाब कुछ अच्छे नहीं लगते. तस्वीर में आफ़ताब भी क्या खूब लगता है, तपा दे तो ख़ुद की तस्वीर भी जला