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Devicharan chaudhary

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इस समय की बात है जब मैं गरीब था और मेरे घर में खाने के लिए कुछ नहीं था और मेरे पापा बीमार थे और मैं उनके लिए कुछ नहीं कर पा रहा था और मैं अपने दरवाजे पर हाथ माथे पर भरकर बैठा था और क्या भी कर सकता था पर तभी मेरा दोस्त वहां से गुजर कर जा रहा था तभी मेरे दोस्त ने मुझे देख लिया और बोला ऐसे क्यों बैठा है क्या हो गया क्या बात है फिर मैं देखा कि मेरे घर पर दांत खाने के लिए कुछ है और मेरे पापा बीमार है और मैं क्या कर सकता हूं फिर मेरे दोस्त ने कहा कि तू मेरे साथ चलो यह कब की है उसमें दोनों मिलकर काम करेंगे फिर मैंने कहा ठीक है पहले तुझसे एक बात कहूं उसने कहा मुझे थोड़े से पैसे दे दो जो कि मैं अपने घर के लिए खाने को ले आता हूं और अपने पापा के लिए दवाई ले आता हूं फिर उसने थोड़े से पैसे दिए फिर मैं अपने घर के लिए कुछ खा ले ले आया और फिर मैं अपने पापा जी की दवाई ले आया और थोड़ी देर बाद मैं अपने दोस्त के साथ कंपनी चला गया और मैं खूब मिलकर किया फिर मैं अपने घर डोले के लिए आया मैंने देखा कि मेरे घर में कोई नहीं था मैंने पड़ोस वालों से पूछा फिर उन्होंने बताया कि तुम्हारे माता-पिता की बच्ची हो गई है और मैं वहीं के वहीं गिर पड़ा और रोने लगा फिर मेरे पड़ोस वालों से कहा तुम मुझे एक कॉल करके ही बता देते मैं तभी वहां से आ जाता फिर मैंने रो-रोकर का कि भगवान मेरे माता-पिता की आत्मा को शांति दे रहा और फिर मैं वहां से चला गया और मैंने अपने दोस्त के साथ वहीं पर घर ले लिया और वही अच्छी जिंदगी बिताने लगा 

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