कितने दूर निकल गए हम....
रिश्तो को निभाते - निभाते .. !
खुद को खो दिया हमने ....
अपनों को अपनाते - अपनाते ..!
लोग कहते हैं ...
खुलकर बातें किया करो !
और हम थक गए ...
अपना दर्द छुपाते - छुपाते ..!
नाखुश रहकर भी ....
सबको खुश रखती हूँ...!
थोड़ी लापरवाह हूँ....
फिर भी सबकी परवाह करती हूँ ...!
जानती हूँ कोई मोल नहीं...
मेरे जज्बातों का ...!
फिर भी ,
कुछ अनमोल लोगों से...
रिश्ता निभाती हूँ मैं ....!
धन्यवाद दोस्तों 🙏🙏💐💐